28 July 2020

भूतपूर्व सैनिक, जो सुरक्षा एजन्सियो में कार्य कर रहे हैं व EPS 95 के सदस्य भी है


संगठन : आज 20 जुलाई 2020 को, भूतपूर्व सैनिक, जो सुरक्षा एजन्सियो में कार्य कर रहे हैं व EPS 95 के सदस्य भी है,हमारे NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक राऊत जी से मिले व उन्हें उनकी समस्यायों का ज्ञापन सौंपा. मा. कमांडर साहब ने उनकी समस्यायों को ध्यान से सुना व संगठन की ओर से उन्हे हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.

ईपीएफ के लिए सैलरी की अधिकतम सीमा अभी 15,000 रुपये प्रति माह है. इसलिए ईपीएस में अधिकतम योगदान 1250 रुपये प्रतिमाह है. ईपीएस एक्ट में 1996 में हुए एक संशोधन के बाद कर्मचारी को पेंशन में योगदान बढ़ाकर सैलरी (बेसिक और डीए) का 8.33 फीसदी करने का विकल्प मिल गया.

एनएससी कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), 95 के दायरे में आने वाले कामगारों के लिये मासिक मूल पेंशन के रूप में 7,500 रुपये के साथ इस पर महंगाई भत्ता देने, कर्मचारियों के पति/पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने समेत अन्य मांग कर रहे हैं.

आप सभी ने मुझे जन्मदिन की अनेक शुभकामनाएं भेजी हैं और हमारी महिला टीम के EPS95 पेंशन धारकों के समाज के हित में किये जानेवाले कार्य की सराहना भी की है, उसके लिए मै आप सबके प्रति हृदय से कृतज्ञ हूं. आपकी सभी शुभकामनायें हमारे संगठन NAC को समर्पित हैं.

लेकिन हमारा कार्य हमारे नेता माननीय कमांडर अशोक राऊत जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में अखंडित शुरू है वही हमारी टीम के प्रेरणा स्थान हैं व साथ में आप सभी का सहयोग तथा शुभाशीष भी है यही कारण है NAC के मुख्यालय बुलडाणा का श्रृंखला अनशन पिछले 555 दिनों से अखंडित शुरू है.

हम,हमारी टीम की ओर से आप सभी को विश्वास दिलाते हैं कि मा. कमांडर के कुशल - सक्षम नेतृत्व में व आप सभी के सहयोग व शुभाशीष से हमें शीघ्र ही सफलता मिलेगी व तभी बुलढाणा का अनशन समाप्त होगा.

आप सभी को एक बार फिर बहुत-बहुत धन्यवाद.

 

भाइयो में नेगेटिव बात नहीं कर रहा हूं लेकिन सरकार ,प्रोविडेंड फण्ड ऑफिस या कोर्ट कोई भी कुछ नहीं करेगा । अगर आपको याद हो तो करीब तीन साल पहले खबर थी की PF ऑफिस के पास अरबो रुपये unclaimed पड़े है जिनको PF ने मार्किट में शेयर बाजार में लगा दिया , क्या वो पैसा डूब गया ? अगर नहीं तो

हमारा पैसा हम को देने में वो क्यू कोर्ट में आपत्ति लगा रहा है ? कोई भी पेंशनर्स की इस बड़ी समस्या को गंभीरता से क्यू नहीं लेता ? ऐसा तो नहीं जो पैसा मार्किट में लगाया था वो डूब गया हो ?

या फिर और कोई बड़ा लोचा ? जरा मेरी बात 2 मिनिट सोचिये की क्यू लाखो पेंशनर्स की मांग को टाला जा रहा है ।

आज की मांग है पेंशन में बढ़ोतरी हो। आदमी को जीवन यापन करने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है। जीवन में उसने 60 साल तक अपनी सेवाएं सरकार को दी अब यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है यह मेहनती कर्मचारियों को आत्मनिर्भर बनाये


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