साथियो ये महत्वपूर्ण पोस्ट पढ़िए , निचे कुछ पेंशनर्स की बात बताई गयी है। आप भी आपने बात कमेंट की जरिये बातये।
6 साल के बाद तो प्रधानमंत्री जी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना करनी चाहिए, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के 22 हाईकोर्ट ने ईपीएफओ को सुझाव है कि 6500000 कर्मचारियों को हायर पेंशन और एरियर दिया जाए। केंद्र सरकार बार-बार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना न करें l वरना जनता पर बुरा असर पड़ेगा कि जब सरकार ही सर्वोच्च न्यायालय की न्याय व्यवस्था से अलग जा रही है । बार-बार जो है उसको डाल रही है तो यह सरकार कर्मचारियों की वफादार नहीं है। तो जनता के लिए क्या करेंगे सरकार को तुरंत EPS-95 पेंशन स्कीम लागू कर देना चाहिए । अगस्त के महीने में यह हमारी मेहनत का पैसा है हमने 30 से 40 वर्ष तक सरकारी सेवा करिए कोई भीख नहीं मांग रहे हैं मेरे एमपी की तरह और देश के वफादार रहे हैं ।
मोदी जी स्वयं वरिष्ठ नागरिक है जिनकी उम्र 67 साल है लेकिन हिंदुस्तान में कहावत है कि जैसे औरत औरत की दुश्मन होती है ।
वैसे ही वरिष्ठ नागरिक प्रधानमंत्री भारत के वरिष्ठ नागरिकों का दुश्मन है एमपी एमएलए के 50000 प्रति मांहभत्ता बढ़ाने का निर्णय 1 दिन में कैसे हो गया और उसकी सूचना 1 अप्रैल 2020 कोई एकदम किसे गजट में प्रकाशित हो गई और पेंशन का निर्णथमें 6 वर्ष लगा दिए ।
पेंशनर्स की बात :
- भाई गरीबों का मसीहा अमीरों के लिए काम करता है l हमारे एरियर के पैसे से अमीरों का लोन माफ करता हैl तुम केवल वोट देते हो वह सांसदों विधायकों को खरीदने में अपनी तिजोरी का ताला खोल देता है l आजकल मार्केटिंग का जमाना है काम उसी का होता है जो पैसा देता है l
- शायद भारतीय जनता पार्टी यह भूल रही है कि उसको केंद्र में दोबारा भी सरकार बनानी है,यदि कर्मचारियों के साथ धोखा हुआ तो कर्मचारी कभी इस सरकार को माफ नहीं करेगा।
- बढ़ी हुई पेंशन योजना को तुरंत लागू करके सरकार माननीय न्यायालय के आदेश की पालना सुनिश्चित करें।
- मोदी जी ईपीएस95 के न्याय के सन्मान के लिये आप की मन की बात कहीये. अंमल करो.
- EPFO कानपुर के कर्मचारी हमारी बार बार पेंशन रोक कर परेशान कर रहे हैं उन्हे ना तो कानून का डर हैं और नही किसी का सरकार से शिकायत करने पर भी कुछ नही होता है ।
- सरकार तो कह रही थी सबका साथ सबका विकास पर दुबारा चुने जाने पर लगता है उसने अपनी प्राथमिकताएं बदल दी तभी तो इस देश को अपने खून पसीने से सींचने वाले सेवानिवृत्त EPS-95 पेन्शन धारकों को लगभग पिछले दो वर्षों से अपना पेट काट काटकर आंदोलन करना पड़ रहा है और इस देश के जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग उन्हें अनदेखा कर रहे हैं जैसे उनके द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन महत्वहीन है जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि एक दिन उन्हें भी सेवानिवृत्त होना है और ऐसा उनके साथ भी हो सकता है।
- सरकार की नीति और नियत दोनों ठीक नहीं लगती है.. 5 किलो आटा और एक किलो चना से आगे सरकार बढ़ नहीं सकी
- बीजेपी सरकार औरंगाबाद सरकार है यदि यह न्याय प्रिय होती तो कभी भी एक सही कार्य है । EPS-95 पेंशन का जो केस 2019 को एग्जाम डेट और आने की सिम कार्ड दोनों के लिए दिया गया था उस पर बार-बार रिव्यू पिटिशन दायर नहीं करती बार-बार रंगे नहीं लगाती । लेकिन यह औरंगाबाद प्रधानमंत्री गृहमंत्री अपनी निम्रता की पराकाष्ठा पर पहुंच चुके हैं और इनका खरीदा हुआ है सुप्रीम कोर्ट 27 हाई कोर्ट के निर्णय के बावजूद कि इनको हायर पेंशन दी जाए । लोकसभा में कई बार क्वेश्चन ठाकरे ने बोल दिया कि भेजो लेकिन यह बार-बार अपनी हठधर्मिता और सत्य बात को कुचलने के लिए अपने सिद्धांतों पर अडिग है। कि मैं चाहूंगा जो कहूंगा जनता जाए कुछ भी चलना है । भूखे मरे अकाल मौत मरे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विदेशों में सबसे ज्यादा ही आती है बीजेपी नेताओं के लिए रात को 3:00 बजे खोला जाता है और फैसला लिया जाता है । जबकि हमारे लिए सरकार बार-बार नंगे लड़का रही है। कि नहीं होने दूंगा नहीं होने दूंगा जनता भूखा मर रही है । बैंक कर्मचारियों को 6 साल से पेंशन का लाभ नहीं दिया गया नल बिजली सड़क रेन सब प्राइवेट शिक्षा सहित मेडिकल सहित सब प्राइवेट कर दिए गए सारे सरकारी फैक्ट्रियों को बंद किया जा रहा है, यह सीनियर सिटीजन स्कोर विकास दुबे की मौत मारना चाहती है, इन पर क्या विश्वास करोगे इनका फैसला करेगा ।
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