30 August 2020

EPS-95 Pension Today BIG Update : EPS95 Pensioners Appeal to Mohan Bhagwat ( RSS ) EPF/EPS मोहन भागवतजी

 

आदरणीय मोहन भागवतजी,
सर मैंने आपकी एक किताब पढ़ी सुप्रसिद्ध लेखक माननीय श्री प्रशांत पोळ सरकी भारतीय इतिहासातील ज्ञानाचा खजिना एसा कुछ जिसकी प्रस्तावना आपने लिखी है सर. जिसमे आपने देश के गौरवशाली इतिहास, समृध्द संस्कृति और अपने पूर्वजों के ज्ञान, उनकी मेहनत और उनकी राष्ट्रभक्ति की काफी तारीफ की है. और साथ ही उसमे आपने अपने देश के नौजवानों को भी अपने इतिहास के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है जो एक भारतीय होने के नाते हम सब को आपके उपर गर्व है.
सर मै आपको आज के भारत के एक कमजोर वर्ग के बारे में अवगत भी करवाना चाहता हूँ और साथ ही साथ आपकी मदद भी मांग रहा हूँ. ६५ लाख ई.पी.एस ९५ पेंशनर्स जो पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग में या कुछ निजी क्षेत्र में ३० से ३५ साल काम कर चुके है. सर पूरी जिन्दगी बेहद कम तनख्वाह में यह लोग काम करते करते सेवानिवृत्त हो चुके है. और वर्तमान में अभी लगभग ८ करोड़ कर्मचारी जो काम कर रहे है वे जब निवृत्त होगें उन्हें भी इन्ही हालातो से गुजरना पड़ेगा अगर अभी यहा न्याय नही हुआ तो.
सर यह ६५ लाख पेंशनर्स में काफी लोग महज १००० या उसे भी कम पेंशन लेके जी रहे है और ज्यादा से ज्यादा २५०० पेंशन है कुछ लोगों को. सर आप ही बताये महंगाई दर हर चीज, हर वर्ग को प्रभावित करता है या नही? अब इतनी कम तनख्वाह में उसने कैसे अपना घर चलाया होगा और उसे सेवानिवृत्ती के बाद कितना पीएफ मिला होगा? और पिछले १५ साल कहो या २० साल बस २०१४ महंगाई के हिसाब से कोई बढ़ोतरी नही हुई है सर यह देश वयोवृद्ध समूह के सम्मान के साथ अभद्र व्यवहार नही क्या सर?
एनडीए गवर्नमेंट सरकार में आने से पहले इस वर्ग काफीआशा दिलाए थे पर सत्ता में आते ही एनडीए ने भी इस गरीब वर्ग से मुह फेर लिया. सर महंगाई अपनी चरमसीमा पार कर चुकी है. और एसे हालात में मात्र १००० रूपये पेंशन वह भी ३० से ३५ साल इमानदारी से नौकरी करके भी अगर देश उन्हें एसे अपमानित करता है तो फिर कैसे हम अपने देश गौरवशाली इतिहास, समृद्ध संस्कृति और सभ्यता के साथ इंसाफ करेंगे?
सर इन गरीब ६५ लाख पेंशनर्स को न्याय मिले इसलिए नैक कमिटी (राष्ट्रिय संघर्ष समिति) पिछले ६ साल और उससे पहले भी कई कमिटी २००९ से दिल्ली के चक्कर कांट रही है पर अभी तक सरकार कोई ठोस कदम नही उठाती. सर ४ मार्च २०२० को पंतप्रधान श्री नरेंद्र मोदीजी को स्वयम नैक कमिटी के राष्ट्रिय अध्यक्ष कमांडर श्री अशोक राउत सर और कमिटी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी माननीय श्रीमती हेमामालिनीजी (सांसद मथुरा) के विशेष अध्यक्षता में पी.एम.ओ ऑफिस में मिले और उन्हें समस्त पेंशनर्स की अति दयनीय हालातों के बारे में विस्तार से बताया था,
और पी.एम ने भी अपने ऑफिस के राज्यमंत्री श्री जितेन्द्रसिंग सर को पेंशनर्स के काम को प्राथमिकता देने को कहा था पर दुर्भाग्य से फिर कोरोना आया और अब उस बात को ५ महीनों से ज्यादा समय बीत गया है पर सरकार के तरफ से इन गरीब पेंशनर्स को कोई न्याय नही. नैक कमिटी बुलढाना इन पेंशनर्स को न्याय मिले इसलिए २४ दिसम्बर २०१८ से अनिशिचित कालीन श्रुंखला अनशन आंदोलन कर रही है जो अभी तक जारी है और देश का मिडिया ना इन गरीब पेंशनर्स का मुद्दा सरकार को याद दिलाता है और नाही सरकार से सवाल करता है.
सर आप खुद ही कहते हो ना राष्ट्रहित सर्वोपरी फिर सर ज्येष्ठ भारत श्रेष्ठ भारत यह आपके राष्ट्रहित में नही आएगा क्या? इन गरीब पेंशनर्स को जो रोज मर रहे है उमर की वजह से, बीमारियों की वजह से क्या सरकार का दायित्व नही इन ज्येष्ठ नागरिकों को न्याय दिलाना, उन्हें उनका सम्मान दिलाना और जिनकी आत्मनिर्भरता सरकार के गलत रणनीति के चलते खतरे में है तो उन्हें और उनके स्वाभिमान को जिताना और तब आत्मनिर्भर भारत का नारा देना यही सही होगा.
सर क्रिपा करके आप ई.पी.एस ९५ पेंशनर्स की और से एकबार माननीय पंतप्रधान श्री नरेंद्र मोदीजी से बात करे और उन्हें ४ मार्च २०२० की वह मीटिंग माननीय श्रीमती हेमा मालिनीजी मैडम और अशोक राउत सर की चर्चा अवश्य याद दिलाए मै आपका सदैव ऋणी रहूँगा.
सुदर्शन बैस
ई.पी.एस ९५ पेंशनरपुत्र
८३८०९४२३३०


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