20 August 2020

EPS 95 सदस्यों ने आगे की आंदोलन पर कुछ सुझाव साझा किये,आइये जानते है

 


दोस्तों ! सुझाओ तो बहुत है कुछ को हमने यह शामिल किया है। आप इन्हे पढ़िए और शेयर करे।

 पेंशनर्स (डीडी शर्मा जी ) : मेरे विचार में हेमा जी के जरिये एक बार फिर से माननीय प्रधान मन्त्री जी को मिला जाये । अन्यथा जंतर मंतर पर धरना संसद सत्र के समय किया जाए व मीडिया से सम्पर्क करके आवाज उठानी चाहिए ।

पेंशनर्स  (टी क मजूमदार जी ) : All state BODY meet one place & STATE PRESIDENT call every pensioner to discuss with problem & give suggestion  to President it is better  introduction  to each other.

पेंशनर्स (बसवराज जी) : 7500 +DA, और मेडीकल देना, नहीतो सोयम इछासे मरनेको इजाजत मंगना Pradanmantri office के सामने उपासा अंदोलन चालू करना भूके मरनेसेबी वंही मरना भेतर होगा MA,  pradhanmantri shree Narendr. D Modiji  ka Atmako shanti milega  नमस्कार .

पेंशनर्स ( पन्ना जी) :आदरणीय अध्यक्ष महोदय ईपीएस संशोधन आन्दोलन की सफलता के लिये मेरे जैसे अज्ञानी एवं नासमझ n a c सी के एक से बच कर एक परम अनुभवी नेतृत्व क्षमता वाले बुद्धिजनोँ को सलाह देना उनका उपहास उगाने जैसा है। जिस नेतृत्व ने पूरे देश के गाँव गाँव के उपवास पेँशनरोँ को एक माला मे पिरो कर एक अति दुरूह कार्य को सँभव किया है उसे सलाह देना क्या उचित होगा।  फिर भी विचार विमर्श के दौरान मात्र अपने विचार प्रस्तुत करना अनुचित की श्रेणी में नही आता।  अतः मैं पन्ना जी श्रीवास्तव ईपीएस पेँशनर एवं n a c का सिपाही अपने अल्प ज्ञान से अपनी स्वार्थ पूर्ति अर्थात ईपीएस संशोधन हेतु विचार प्रस्तुत कर रहा हूँ।  हम मात्र हेमा जी से ही अपेक्षा क्योँकरे।  यदि उन्हें भी टाल मटोल का शिकार बनाया गया तो फिर क्या होगा। हमारे इतने सारे सांसद क्या मात्र दिखाने के लिये हैं।  उनका हमारी समस्या को सुलझाना फर्क नही बनता। क्या ऐसा करना उनका हम पर उपकार होगा।  हम सभी को चाहिए कि अपने क्षेत्र के प्रत्येक सांसद को हेमा जी का उदाहरण दे कर मजबूर करे कि वह भी प्रधान मंत्री से हमारी समस्या के निदान के लिये सम्पर्क करे। साथ ही हम सब भी नकारात्मक एवं निष्क्रीय पेँशनरोँ को सक्रीय करने का सार्थक प्रयास करे। यह कैसीविडम्बना हैकिहमारे आन्दोलन का शीर्ष नेतृत्व किसी से धन नही माँग रहा है अरे धन तो वो अपना लगा रहा है हमारा नेतृत्व हम सभी  से मात्र हमारा तन और मन माँग रहा है पर हम इतने अधिक स्वार्थी तथा निकृष्ट हो गये हैं कि हम उसे भी देने को तैयार नही है बस मुँह बाये फल की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह कितने शर्म की बात है।  अन्त मे मेरा यही विचार है तथा जिसे मै कर रहा हूँ कि हम अपने क्षेत्र के साँसदोँ को विवश करे कि वे भी सक्रियता से पहल ही न करे वरन प्रयास रत रहे तथा हम भी पूर्ण सक्रीय होकर उनसे पल पल की सूचना निसंकोच प्राप्त करते रहे।  अन्त मेंँ ईपीएस 95 पेँशनर एकता अमर रहे।  हमारा शीर्ष नेतृत्व जिन्दाबाद।  पन्ना जी श्रीवास्तव प्रान्तीय कोआर्डिनेटर पूर्वी क्षेत्र प्रयाग राज।

पेंशनर्स (उमेश जी ) : सर , आंदोलन अब बार बार न ही एकही बार पुरे जोश के साथ ६५ लाख pensionar मे से कमसे कम १० टक्का भी एक साथ जमा हुये तो भी आंदोलन सक्सेस होता हैं हम तैयार हैं .

पेंशनर्स (सुदर्शन जी ) :व्यक्तिगत तौर पे मुझे लगता है माननीय कमांडर अशोक राउत सर और माननीय श्रीमती हेमामालिनीजी मैडम आप दोनों ख़ास तौर पे पी.एम.ओ में मोदीजी से एक और मीटिंग आयोजित करवाले तो माननीय श्रम मंत्री संतोष गंगवारजी आप ४ जन स्पष्ट रूप से वार्तालाप करोगे तो निर्णय अतिशीघ्र लग जाएगा.

अगर प्लेन्स बंद है तो भी सरकार माननीय कमांडर अशोक राउत सर और माननीय श्रीमती हेमा मालिनीजी मैडम के लिए ख़ास प्लेन का बन्दोबस्त करे. क्योंकि मोदीजी ने आदेश दिए थे प्राथमिकता का जिक्र भी किया पर अभी तक परिणाम शून्य है तो यह उन्ही की जुम्मेवारी बनती है इस मसले को अभी तो प्राथमिकता दी जाए. नोटबंदी केवल मात्र ४ घंटो में हो सकती है, पुरे देश में लॉकडाउन केवल मात्र ४ घंटो में हो सकता है तो फिर गरीब पेंशनर्स को इतना क्यूँ तरसाया जा रहा है??

और कितने आंदोलन सरकार चाहती है? 

कितने पेंशनर्स परलोग चल दिए?

कितने पेंशनर्स घर से बाहर तक निकल नही सकते?

और नैक कमिटी का इतना बड़ा संघर्ष सरकार को कोई मायने नही रखता?

अगर सरकार की इच्छाशक्ति नही है तो साफ़ के क्योंकि लोगों को आझादी में भी शोषण से गुजरना पड़ रहा है इसका मतलब सरकार का अपने जनता से कोई नाता नही.

पेंशनर्स :काला दिवसमनाने हेतु। पोस्टर का प्रारुप आप सभी की सहमति के लिए।

पेंशनर्स (प्रकाश जी) : एक निर्णय लीजिए कि जो भी राजनीतिक दल हमारी समस्या को लेकर सरकार से या संघर्ष से हल करवाएगा उसका सभी सदस्य समर्थन करेंगे तो शायद हम कामयाब होंगे। श्री मती हेमा मालिनी की बातें सुनकर प्रधान मंत्री जी के कान में जूं नहीं आई ।

प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान : राष्ट्रीय संघर्ष समिति eps-95

द्वारा :-प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान,

आदरणीय कमांडर साहब,

सादर नमस्कार,

आपके द्वारा मांगे गए सुझाव के अनुसार:-

 १) उदयपुर डिवीजन के हमारे सभी साथियों की तरफ से यह अनुरोध है कि आपने 4 मार्च को सम्मानित सांसद महोदया श्रीमती हेमा मालिनी जी के साथ माननीय प्रधानमंत्री जी से मुलाकात की थी।

अतः माननीय हेमा मालिनी जी के नेतृत्व में ही एक बार पुनः माननीय प्रधानमंत्री जी से भेंट करने का प्रयास किया जाए।

माननीय प्रधानमंत्री जी को हमारी व्यथा, कथा व गाथा पुनः बता कर शीघ्र हमारी समस्या का समाधान करने के लिए कहे।

२) केंद्रीय समिति द्वारा सांसदों के नाम पत्र का मसौदा तैयार किया जाए जिसमें माननीय हेमा मालिनी की के कदम सहयोग की सराहना करते हुए देश के समस्त सांसदों को वहां के स्थानीय राष्ट्रीय संघर्ष समिति के नेता गणों द्वारा एक ज्ञापन दिया जाए और उनसे मुलाकात कर उन पर यह दबाव डाला जाए कि यदि माननीय हेमा मालिनी जी इतना सहयोग कर सकती है तो आप हमारे क्षेत्र के अगवा होने के नाते हमारी आवाज को अपने क्षेत्र के हिसाब से माननीय प्रधानमंत्री महोदय के समक्ष एवं संसद में क्यों नहीं उठाते हैं।

उदयपुर डिवीजन के समस्त इपीएस पेंशनर साथियों की ओर से:


(मोहम्मद ताहिर)

मुख्य समन्वयक,

इपीएस 95 एनएसी, उदयपुर डिविजन,

(राजस्थान)

===============

नोट:-

परम आदरणीय माननीय श्रीमान राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय, 

विषय के महत्व को देखते हुए समय अवधि बहुत कम थी (केवल 24) घंटे तथापि सक्रिय एवं समर्पित नेताओं के अलावा समस्त जागरुक साथियों से राय लेना उचित समझा, संपूर्ण उत्तर भारत सहित राजस्थान वालों ने भी रायशुमारी में बड़ी सक्रियता एवं गंभीरता से भाग लिया सभी को धन्यवाद देते हुए.

जिस निष्कर्ष पर मैं अपने स्तर पर पहुंचा हूं वह निम्न है:-

१) सभी प्रकार की राय एवं सुझाव आए उनमें बहुतायत की सोच यही रही की सबको माननीय मैडम हेमा मालिनी जी से बहुत ज्यादा आशाएं हैं। तदनुसार उन्होंने अपने भाव व्यक्त कीये कि कम से कम जो भी किया जाए उससे पूर्व उनसे संपर्क अवश्य किया जाए।

२) यहां मनन करने योग्य यह है कि हमने दिसंबर 2019 के आखिरी सप्ताह में माननीय मैडम के आश्वासन फर कि:- 

मैं आपको प्रधानमंत्री से मिलवाकर आपको आपके हक दिलाने में पूरा सहयोग करूंगी।

उनके इस आश्वासन  के आधार पर ही शिर्डी के कार्यक्रम को छोड़कर पूर्व निश्चित एवं तयशुदा हमारे अपने सारे आंदोलनात्मक कार्यक्रमों को जनवरी 2020 से स्थगित किया था।

आश्वासन के अनुसार उन्होंने अपना आशीर्वादमय सहयोग हमें दिया भी और प्रधानमंत्री से मिलवाया।

माननीय प्रधानमंत्री महोदय धैर्य पूर्वक विस्तृत में सारी बातें सुनी और जो निर्देश उन्होंने माननीय मंत्री महोदय (PMO) मान्यवर श्री डॉ. जितेंद्र सिंह जी को दिए तत्पश्चात माननीय डॉ. जितेंद्र सिंह जी साहब से मेराथन मीटिंग हुई, मुझे अच्छे से स्मरण है कि 5 मार्च को सीबीटी सदस्यों से संपर्क कर उन्हें ज्ञापन देने के बाद विदा होते समय हम सभी के चेहरों पर विजयी मुस्कान थी और पूर्णतया आश्वस्त थे कि शीघ्र ही पेंशन बढ़ोतरी हो जाएगी।

३) तत्पश्चात हुए उथल-पुथल पर दृष्टि डालें तो कोरोनावायरस का प्रकोप, देश की सीमावर्ती, भीतरी एवं बाहरी सामरिक व आर्थिक समस्याएं प्रमुख रूप से हमारे कार्य के सफल होने में बाधक रही है।

४) यहां यह भी ध्यान देना पड़ेगा कि श्रम मंत्रालय के 14 अधिकारी एवं 10 अन्य कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण हुआ स्वयं डॉ. जितेंद्र सिंह जी माननीय डॉ जितेंद्र सिंह जी कोरोना की चपेट में आ गए थे। उनको स्वस्थ होने में 25 दिन बीते। ईश्वर को धन्यवाद एक ही वह स्वस्थ होकर हमारे बीच में हैं।

हमें यह भी मालूम है कि पूर्वांचल एवं उत्तर भारतीय सीमावर्ती राज्यों के प्रभारी मंत्री भी माननीय डॉ. जितेंद्र सिंह जी ही हैं वहां हालातों के बारे में आप स्वयं जानते हैं।

५) इन सब हालातों के बावजूद सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि माननीया मैडम हेमा मालिनी जी का कहना है कि आप लोग निस्वार्थ काम कर रहे हैं एवं आपकी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है इसलिए मैडम अभी भी पूर्णत: आश्वस्त है कि हमारा हक मिल के रहेगा। ओर वह प्रयत्नशील भी है।

इसके अलावा विस्तृत सारी चीजें आपको मालूम है ही अतः यह उचित जान पड़ता है कि माननीय हेमा जी को आधार बनाकर देश के समस्त सांसदों (चाहे वह किसी भी पार्टी के हों) को उनके क्षेत्र के हमारे अपने (NAC के)  कार्यकर्ता एवं नेता ज्ञापन दें ओर व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन पर यह दबाव डालें कि आप आगामी सत्र से पहले अपनी तरफ से प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखें एवं सत्र में हमारी आवाज बुलंद करें।

तथापि समस्त उत्तर भारत एवं राजस्थान के पेंशनरों की तरफ से यह निवेदन है की अंतिम निर्णय जो भी होगा वह आपका होगा और हमें पूर्णतया मान्य है। 

आपके आदेशों की अक्षरश: अनुपालना होगी।

ज्येष्ट भारत श्रेष्ठ भारत

सादर,

रणजीतसिंह,

प्रदेशिध्यक्ष (राजस्थान) एवं, मुख्य समन्वयक, (उत्तर भारत)

पेंशनर्स (राजेंद्र जी ) :साथियों,श्री कमांडर जी के नेतृत्व में आन्दोलन अपनी दिशा में सही चल रहा है कमी हमारी है कि हम अपने आसपास रहने वाले पेंशनरों को अपने साथ नहीं जोड़ पाये,अब भी समय है निराशा छोड़कर जो हमारे साथ नहीं जुड़ पाये है उन्हें समझाकर अपने साथ लाएं और सरकार को दिखाया जाएं कि हमारी वास्तव में संख्या कितनी है तब सफलता आपकी झोली में होगी। आपका साथी, राजेन्द्र सिंह तोमर,मेरठ

उत्तरप्रदेश अध्यक्ष(प्रदीप श्रीवास्तव जी )

राष्ट्रीय संघर्ष समिति उत्तरप्रदेश 

राष्ट्रीय अध्यक्ष 

नमस्कार 

महोदय 

👏 मेरे बिचार से देश अभी संकट कॉल में है और हमारे सभी पेंशनर साथी जेष्ठ श्रेठ नागरिक है इसलिए इस समय में अभी  कोई आंदोलन की रुपरेखा बनाना न्यायोचित नहीं होगा ! सभी का सुरक्षित रहना भी आवश्यक है !


👏 इस संकट के समय में 2-3 सदस्य  जा के अपने सांसद को ज्ञापन तो दें सकते है पर हमने बहुत सारे ज्ञापन संसद सदस्यों को समय समय पर देते रहे पर उन्होंने रद्दी उसे समझा !

👏👏 माननीय सांसद मथुरा श्रीमती हेमामालनी जी ने ही मेरी बात को समझी और  आवाज़ पुरजोर तरीके से उठायी है और प्रधानमंत्री जी से मुलाक़ात भी कराई है, और स्मरण पत्र भी जारी की है ! जिनका सभी पेंशनर साथी कृतज्ञ है !


👏फिलहाल पत्र के माध्यम से हमें प्रधानमंत्री जी, हेमा जी को स्मरण कराया जाना उचित होगा, जिसका तरीका, पत्र का मजमून राष्ट्रीय कार्यकारिणी तय करें साथ ही साथ संसद सत्र चलने का इंतजार हो ! 


👏 संसद सत्र के समाप्ति के पश्चात अगर कोरोना का असर कम हुआ तो ही अक्टूबर में  ही दिल्ली में  डेरा डालना उचित होगा, आंदोलन का रुपरेखा, प्रकार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी जो उचित हो तय करें, हम सभी पेन्सियर साथी इस आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे !

👏👏 कार्यकारिणी जो उचित हो आंदोलन के तोर तरीके पर बिचार करें राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का निर्यण ही  सर्वमान्य होगा !

धन्यवाद 

0 comments:

Post a Comment

 
close