EPS 95 के मसले में दो मोर्चों पर संघर्ष जारी है, EPS-95 Pension
EPS95
बस एक मिनट चाहूंगा मित्रों का
आज EPS95 के मसले में दो मोर्चों पर संघर्ष जारी है।एक सड़क की लड़ाई तो दूसरी कोर्ट के जरिए लड़ाई।एक न्यूनतम को बढ़ाने तो दूजी उच्चत्तम पेंशन हासिल करने।किसी का महत्व एक दूसरे से कम नहीं है।एक में नतीजे कब तक मिल सकेंगे कोई नहीं कह सकता तो दूसरे में नतीजे पेंशनरों के शक्ति प्रदर्शन पर आधारित है।पहला सरकार की हठधर्मिकता के कारण न्यायपालिकाएँ के सहारे है तो दूसरा सरकार की रहमोकरम पर ।
शायद संसदीय चुनाव के मद्देनजर इसमें जल्द ही कोई सकारात्मक नतीजे देखने को मिल भी जाएं पर न्यायपालिकाओं की ऐसी कोई मजबूरी फिलहाल नजर नहीं आती कि रातोरात कोई फैसला पेंशनरों के पक्ष में कर ही दे।हम में से ऐसे बहुत से हैं जिनकी सोच है कि पेंशन के मुद्दे को कुछ कर्ताधर्ता अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के नजरिये को सर्वोपरि मान कर कार्य कर रहे हैं....लेकिन खुल कर कोई बोल नहीं कह पाता कि वो कैसे? लेकिन बहुतेरों का ये भी मानना है कि जो भी हो पेंशनरों को इन्तेजार केवल और केवल समस्त प्रयासों के अंतिम अंजाम का है कि उनकी मांगे मान ली जाये बस और कुछ नहीं चाहिए ।
उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि कौन क्या कर रहा है,कैसा कर रहा है,जो कोई भी जैसा भी कर रहा है,उसका अभिनंदन उसका आभार। ,कोई आंतरिक राजनीति में न खुद उलझना चाहता न किसी को उलझना चाहता।
बहुतों ने तो यहाँ तक मान भी लिया है कि अब जो भी होना है ऊपरवाले की कृपा से ही होना है।इसलिए हमारी भलाई अब इसी में हैं कि बस शांति से इन्तेजार करे,विगत तीन चार सालों से जो उनसे करते बना वो सब कर के देख लिया है और बस मन में विश्वास बनाये रखना है कि मेहनत करने में कोई कसर नही छोड़ी गई है तो नतीजे भी अच्छे ही होंगे। इससे ज्यादा क्या कहा जाय, कुछ बचा ही नहीं किसी के पास कुछ कहने को।
हां इसके अलावा हमारे किसी मित्र को लगता है कि अभी भी बहुत कुछ कहने को बाकी है तो में अपने इस पोस्ट के माध्यम से उनका दिल से स्वागत करना चाहूंगा,चूंकि ये मामला एक अकेले का नहीं है लाखों लाखो की आशाएं इससे जुड़ी हैं,सामने आएं अपने विचारों से सभी मित्रों को अवगत अवश्य करायें
अपना कीमती एक मिनिट देने के लिए शुक्रिया मित्रों.
A Post by EPS-95 Pensioners
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