6 September 2020

EPS-95 Pension Latest News : अशोक बहादरे अध्यक्ष, पार्टी ऑफ यूनाइटेड इंडियंस मा. नरेंद्र मोदीजी को लिखे खुला पत्र

 

मा. नरेंद्र मोदीजी, पेंशनकारियो के मन की बात भी सुनिये। (अशोक बहादरे राष्ट्रीय अध्यक्ष, पार्टी ऑफ यूनाइटेड इंडियंस)

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(ठाणे प्रतिनिधि)

मैं एक गंभीर विषय के तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हु। निजी क्षेत्र से निवृत्त कर्मचारियों के पुनर्गठित पेंशन (ईपीएस 95) के बारे में मा. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आकर एक अरसा बीत चुका है। पेंशनकरियो कि ओर से प्रतिनिधि मंडल की मोदीजी के साथ घटित मीटिंग तथा नई पेंशन योजना तुरंत लागू करने के उन के आश्वासित किये घटना को करीब करीब आठ महीने बीत चुके है। लेकिन अभी तक पेंशनकारियों को इसका लाभ नही मिला है।

पेंशनकारियो के आर्थिक हालात बहोत ज्यादा बिगड़ चुके है। इनके परिवार के अन्य सदस्य थोड़ा बहोत कमा लेते थे । उन्ही के सहारे जिंदगी बसर हो रही थी। लेकिन अब लॉक डाउन की वजह से उनके जॉब भी जा चुके है। मौजूदा 1000-2000 रुपये पेंशन में घर का खर्च चला नही पा रहे। इसके अलावा उम्र के साथ शरीर कई बीमारियों का घर बन चुका है। डॉक्टर की फीस, दवाइयां, अस्पताल के खर्च उठा नही पा रहे।। सभी परिवारों की आर्थिक स्थिति क्षतिग्रस्त हो चुकी है। पता नही यह लिखना उचित होगा या नही होगा लेकिन इन्हें फटे हुए कच्छे के कारण बहू-बेटियों से इज्जत बचाना मुश्किल हो गया है। ऐसे हालात है।

खुदकुशी के अलावा कोई रास्ता नही बचा है, जीवन-मृत्यु की स्थिती है। ऐसी स्थिति में हम उनकी ओर अनदेखा नही कर सकते । वे हमारे बुजुर्ग है। उनकी वृद्धावस्था में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उन्हें सहारा दे।

इन लोगो ने 30 से 35 साल कड़ी मेहनत की, कई सालो तक न्यायालय में केस लढ़े, सर्वोच्च न्यायालय का आदेश लागू होने का देढ़ साल इंतजार करते रहे और अब मोदीजी के आश्वासित करने के बाद सिर्फ पेंशन लागू होने की उम्मीद पर जिंदा है।

इस वक़्त भारत कोरोना का प्रलय चल रहा है। पेंशनकरियों के आर्थिक हालात और वृद्ध शरीर से कोई आंदोलन नही हो पायेगा। वे बहोत विवश है । जिंदगी के आखरी दिन गिन रहे है। पितामह भीष्म की तरह शेकडो बाणों के जख्म और उसका असहनीय दर्द, भयंकर यातना और मृत्यु की दूरी ...

महोदय यही अंत है, अंत का और अंत न देखिए। कोई भी दिन जिंदगी का आखरी दिन हो सकता है।यदि नई पेंशन योजना लागू हो जाती है तो इनके चेहरे पे थोड़ी मुस्कान आ जायेगी। आत्मसम्मान से मर सकेंगे। अब इनकी और सब्र करने की मानसिकता खत्म हो चुकी है।

इसीलिए मैं अशोक बहादरे और हमारी पार्टी ऑफ यूनाइटेड इंडियंस नम्र निवेदन करते है कि पेंशनकरियो की इस गंभीर समस्या की तरफ तुरंत ध्यान दे और मा. सर्वोच्च न्यायालय की आदेशानुसार विनाविलंब नई पेंशन शुरू करे। अशोक बहदरेजी राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी ऑफ यूनाइटेड इंडियंस इन्होंने मांग की है।

धन्यवाद !

अशोक बहादरे

राष्ट्रीय अध्यक्ष

पार्टी ऑफ यूनाइटेड इंडियंस

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