क्या इसका कोई इलाज नहीं है किसी के पास ? राजनेताओं को दिए जा रहे पेंशन,भत्ते, सुविधाओ में कोई कटौती नहीं
क्या इसका कोई इलाज नहीं है किसी के पास ?
,ये मेरी निगाहों में एक प्रकार से राजनेताओं का भ्र्ष्टाचार ही है कि जनता से प्राप्त धनराशि का अपने फायदे के लिए मनमाना दुरुपयोग, पेंशन की जो मूल परिभाषा है,वो इसके बिल्कुल उलट हो गई है। जनहित याचिका लगाने वाले की कोई खबर नहीं।
कहते हैं सुप्रीम कोर्ट को भी शायद ही कोई अधिकार हो,कुछ करने का,पूर्व मंत्री स्व अरुण जेटली अखबारों में अपना स्टेटमेंट पहले ही दे चुके हैं....हाँ देश के हमारे प्यारे प्रधानमंत्री मोदी जी जब सभी क्षेत्रों में भारी कटौती कर देश हित में विकास के काम में लगे हैं,तो इस ओर उनका ध्यान अभी तक क्यूँ नहीं गया,मुझे आश्चर्य होता है,।
क्या उनसे कोई आशा रखी जानी चाहिए,कि जब देश अब तक की सबसे बड़ी मंदी का सामना कर रहा हो तो ऐसे में क्या राजनेताओं को दिए जा रहे पेंशन,भत्ते, सुविधाओ में कोई कटौती नहीं की जा सकती है।कम से कम इन्हें Income Tax के दायरे में तो लाया ही सकता है,देश के विकास में क्या हमारे राजनेताओं का कर देना उनका कोई धर्म नहीं बनता ?
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