ईपीएस 21/10/2020 पर नवीनतम ईपीएफ पर श्रम स्थाई समिति की चर्चा
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संसद की श्रमिक स्थायी समिति ने मंगलवार को अपनी बैठक मे कर्मचारी प्रोवीडेंट फंड योजना के कार्यान्वयन पर चर्चा की । बैठक की अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष भारतरूहारी महताब ने की और सांसद एलामाराम करीम( सीपीएम),एम.शानघुम (DMK), डीन कुरीकोसे (कांग्रेस) और अन्य सदस्य ।संघीय श्रमिक सचिव अपूर्वचन्द्र और ईपीएफ आयुक्त सुनील बार्थवाल ने सरकार और ईपीएफओ का प्रतिनिधित्व किया ।
कमिशनर ने प्रोवीडेंट फंड योजना के कामकाज को समझाया । उन्होंने सोचा कि योजना पर लागू अधिकतम वेतन सिलिंग वर्तमान 15000 रूपये प्रतिमाह से बदलनी चाहिए । उन्होंने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त श्रमिकों के लिए न्यूनतम पेन्शन बहुत कम राशि है इससे पहले ईपीएफओ द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने न्यूनतम मासिक पेन्शन 2000 रूपये तक बढाने की सिफारिशें की थी भगतसिंह कोशियारी की अध्यक्षता मे न्यूनतम पेन्शन 3000/- रूपये तक बढाने की सिफारिश की थी । इनमे से कोई भी सिफारिशें लागू नही की गई । ऐसा इसलिए है क्योंकि केन्द्र सरकार न्यूनतम पेन्शन बढाने की राशि नही दी ।
राज्यसभा मे सीपीआई ( एम) फर्श नेता एलामाराम करीम ने सरकार और ईपीएफओ के प्रतिनिधिओ से कहा कि प्रोवीडेंट फंड योजना पर संसद द्वारा पारित सामाजिक सुरक्षा संहिता का प्रभाव समझाए ।क्या केन्द्र सरकार ने नया कोड लागू करने के पहले पीएफ अधिकारीयों से चर्चा की थी ?? नए कोड के तहत पीएफ मे नियोक्ताओ और श्रमिकों का मासिक योगदान 12% वेतन से घटकर 10% कर दिया गया है ।यह फंड के कामकाज को कैसे प्रभावित करेगा ?? पुराने प्रोवीडेंट फंड एक्ट के तहत गठित न्यासी बोर्ड ( त्रिपक्षीय) समिति की भूमिका क्या है ?? करीम ने अधिकारीयों से पूछा ।
उन्होने यह भी कहा कि सरकार ट्रस्टीज बोर्ड से परामर्श किए बिना कई निर्णय लेती है ।
प्रोवीडेंट फंड संगठन और केन्द्र सरकार ने उच्च मात्रा मे भुगतान करने वालो को उच्च पेन्शन देने के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे अपील दायर की है अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है । संशोधन याचिका फिर से दायर की गई है ।
प्रोवीडेंट फंड मे निवेश की गई राशि 2019 - 2020 मे 13.7 लाख करोड रूपये है । इस राशि का एक हिस्सा विभिन्न निजि योजनाओं मे निवेश किया गया है।
सांसदो ने पूछा कि इन निवेशों की वर्तमान स्थिति क्या है ?? अध्यक्ष ने पीएफ आयुक्त को सरकारी बांडों के अलावा ईपीएफओ मे सालो से 42000 करोड रूपये की लावारिस राशि है । सांसदो ने कहा कि न्यूनतम पेन्शन बढाने के लिए इस राशि का उपयोग किया जा सकता है ।
कमेटी अध्यक्ष ने आयुक्त को निर्देश दिया कि सांसदो द्वारा उठाए गए प्रत्येक मुद्दे के लिए लिखित विवरण दे ।
समिति ने आमतौर पर सुझाव दिया है कि प्रोवीडेंट फंड योजना को असंगठित क्षेत्र मे श्रमिकों तक बढाया जाना चाहिए और इस स्कीम मे श्रमिकों और स्व -नियोजित व्यक्तियो को भी शामिल किया जाना चाहिए ।
इसमे न तो सरकार अधिक वेतन पर पेन्शन दे पा रही है और न ही न्यूनतम पेन्शन दे रही है
जी.आर.निमगांवकर (महासचिव )
मध्यप्रदेश को आपरेटिव बैक एम्पलाईज फेडरेशन
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