3 March 2021

Amit Shah ji सब 65 लाख गरीब EPS 95 पेंशनर्स और साथ ही में उनकी पत्नी के द्वारा आपको Good News Expectation

 Amit Shah ji सब 65 लाख गरीब EPS 95 पेंशनर्स और साथ ही में उनकी पत्नी के द्वारा आपको 

आदरणीय,
श्रीमान अमितजी शाह साहब !!!

मा.गृहमंत्री साहब,
भारत सरकार,
गृहमंत्रालय,नार्थ ब्लॉक,नई दिल्ली 110001

आपको सविनय सादर प्रणाम!!! नमस्कार !!!

आदरणीय महोदय,
आपको भारत देश के सभी मीडिया कर्मी,सभी स्टेट्स के एस.टी.कार्पोरेशन्स,शुगर फेक्ट्रीज,सहकारी बँक,भारतीय खाद्य निगम,फॉरेस्ट विभाग,सभी राज्य के औद्योगिक क्षेत्र,जैसे 187 एक्झमटेंड और अनएक्झमटेड उद्योगों के 65 लाख EPS 1995 के गरीब और वृध्दजन  पेंशनर्स और उनकी पत्नियों का आपको करबध्द   विनम्रतापूर्वक प्रणाम !!! नमस्कार!!!

       आज हमारे देश के सभी EPS 1995 के गरीब और वयोवृध्द पेंशनर्स और साथ साथ उनकी पत्नी की भी, जिनकी उम्र 60,सालों से लेकर 80 या 90 सालों तक भी हैं, उन 50% पेन्शनर्स को  केवल मात्र  500 रुपयों से लेकर 1000 रुपयों तक और 40% वृध्दजन पेंशनर्स‌ को  1000 रुपयो से लेकर ज्यादा से ज्यादा 2500 रुपयों तक ही की सीमित रकम में EPS 1995 की पेंशन मिलती है। सेवानिवृत्त  होते समय शुरु में  सिर्फ एक ही बार सुनिश्चित की जानेवाली पेंशन,बाद में पेंशनर्स के जीवन के साथ आखिर तक उतनी ही तय  रहती हैं,जो कभी भी एक रुपये से भी नहीं बढ़ती है। इस पेंशन के साथ महँगाई भत्ता नहीं दिया जाता है।और इसी कारण ये सभी गरीब और वृध्दजन  पेंशनर्स और उनकी पत्नीयाँ अपने ही घर के साथ साथ समाज में भी घोर अपमानजनक और लाचारी की जिंदगी जी रहे है।


आदरणीय महोदय,!!
ये आज के बुजुर्ग 65 लाख पेंशनर्स और उनकी पत्नियां भी भारत देश के एक ऐसे योद्धा है, जिन्होंने बड़ी प्रामाणिकता के साथ साथ अपनी सेवा निभाई है,साथ ही साथ देश की सेवा भी की है।और साथ साथ हर माह के वेतन  में से EPFO की पेन्शन योजना में दी जानेवाली कटौती के साथ साथ ही,भारत सरकार के आयकर सहित सभी अन्य  प्रकार के नियमानुसार  दूसरे कर (टैक्स) भी बिना कोई संकोच के या शिकायतें न करते जिंदगीभर अदा किए हैं। और इस महान  भारत देश को महासत्ता के शिखर  पर पहुचाने में बहुत ही बड़ा अर्थपूर्ण योगदान दिया हैं।


लेकिन महोदय !!,
     यह चिंताका विषय  है कि,आज के समय में इन्हें बहुत ही बदतर और खस्ताहाल और मुश्किलोंसे भरी की जिंदगी का सामना करते करते जीवनयापन करने के लिये हमारी सरकारने ही बाध्य किया है। हमारा सभी का जीवनयापन बहुत ही दुश्वार हो गया है।आप भली भांति  इस तथ्य से अवगत  हैं कि, महंगाई के इस कठिनतम दौर में  इतनी अल्प मात्रामें यानि ना के समान मिलनेवाला निवृत्तिवेतन स्वास्थ संबधित इलाज,और मेडीसीन के लिए भी काफ़ी अपर्याप्त है। तथा सभी  60 साल से लेकर 80 या 90 साल के ये वयोवृध्द और गरीब पेंशनर्स तथा परिवार को अपना  जीवनयापन सम्मान के साथ जिना तो बहोत दूर की बात रही है। मगर इस बढ़ती उम्र में बिमारियों का सामना करना पड़ता हैं। इसके ही परिणाम स्वरूप आज इन पेंशनर्स बुजुर्गों को इस बढ़ती उम्र और बिमारियों के बावजूद भी,कही किसी के यहाँ ड्राइवर बनकर रहना पड़ता हैं,तो किसी के यहाँ बँगले की रखवाली करते रहना पड़ता हैं,या फिर कहीं होटलों में या ढ़ाबे पर सिर्फ़ दो वक्त की रोटी के बदले वेटर या सफाई कर्मचारी बनकर रहना पड़ता है।और अपनी निजी जिंदगी बहुतही असम्मानजनक और लाचार तरीके से बितानी इसलिए पड़ रहीं हैं,क्योंकि मौत नहीं आतीं है।


आदरणीय महोदय !! ,
हमारे भारत देश के मा.सर्वोच्च न्यायालय में श्री. आर.सी.गुप्ता तथा अन्य के  प्रकरण में दिनाँक 04 अक्टूबर 2016 अनुसार  हमें मा.सर्वोच्च न्यायालय में न्याय मिल चुका हैं। इसके साथ ही मा.केरल उच्च न्यायालय ने भी दिनाँक 12 अक्टूबर 2018 को हमारे EPS 1995 के पेंशनर्स के पक्ष में ही निर्णय देते हुए यह आदेश दिया है कि, EPFO ने दिनाँक 01/09/2014  का जो त्रुटीपुर्ण  बदलाव (अमेंडमेंट)किया है,वह पुर्णरुपसे  गैरकानूनी   है। EPFO पेंशनर्स का पेंशनेबल पे तय करने के लिए,इस ग़ैरकानूनी संशोधन के बाद पेंशनर्स के आख़री 60 महीनों की तनख्वाह की एव्हरेज निकालकर जो पेंशनेबल पे तय करने लगी हैं,उस प्रावधान को मा.केरल उच्च न्यायालय ने ख़ारिज किया है। और इस प्रयोजन के लिए सिर्फ़ आख़री 12 महीनों का वेतन औसतन‌ ही पेंशनयोग्य  वेतन‌ तय करने का आदेश दिया है। इस न्यायनिर्णय के पालन करने के बजाए मा.सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका अपील दायर की  थी,लेकिन वह  01 अप्रैल 2019 को ख़ारिज करते हुए,मा.केरल उच्च न्यायालय के दिनाँक 12 अक्टूबर 2018 के आदेश को  यथावत  रखा है।


लेकिन बड़े ही दुःख की बात यह है कि,मा.सर्वोच्च न्यायालय के इन दोनो भी न्यायनिर्णयों  का पालन करने के बजाय,पुन: हठधर्मी निती अपनाते हुए गत‌ वर्ष पुनर्विचार याचिका दायर की है। इसप्रकार EPFO नई दिल्ली कार्यालय,हमारे ही पेंशन फंड से अरबों रुपये का खर्चा करकें हमारे ही खिलाफ अलग अलग न्यायालयों में हमेशा अपील्स और याचिकाएँ दायर कर रहा होता हैं।और इस में ग़ौर तलब बात ये हैं कि,इतने सारे दर्जनों मुक़दमे और अरबों रुपयों का ख़र्च होनेपर भी आज तक के सारी अवधि में EPFO का नई दिल्ली कार्यालय कोई एक भी केस बताने के लिए भी नहीं जीत सका है। EPFO के कमिशनर्स,अधिकारी,और कर्मचारियों को केंद्र सरकार द्वारा मेडिकल अलाउंस के साथ दी जानेवाली सैलरी और हायर पेंशन योजना भी हमारे ही EPS 1995 के पेंशन फण्ड में से चलाई जा रही हैं।लेकिन जब हमारे जैसे बुजुर्गों को,गरीब पेंशनर्स को  कुछ देने का वक़्त आता है तो,सभी के सभी मिलकर कानूनी प्रक्रिया को,EPFO के  कार्यालयद्वारा हमेशा टालने में खुद को धन्य समझता है। 


आदरणीय महोदय,
इसलिए आज पूरे भारत देश के EPS 1995 के 65 लाख ग़रीब और बुजुर्ग पेंशनर्स आपके पास आपकी मदद की गुहार इसलिए लगा रहे हैं कि,EPS 1995 के सभी पेंशनर्स और उनकी पत्नियों की भी बढ़ती उम्र के साथ साथ आनेवाली अनेकों बिमारियों का सामना करने और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए कोशियारी कमेटी की शिफारिशों को ध्यान में रखते हुए कम से कम 9000 रुपए पेंशन और उसपर महंगाई
भत्ता भी मिले,की जिस को जीनेलायक पेंशन कहां जा सके,इतनी पेंशन तो हमें बहाल की जाए। 


EPFO के नई दिल्ली कार्यालय द्वारा विविध न्यायालयों में हमारे खिलाफ हमारे पेंशन फंड में से अरबों रूपयों का खर्चा कर के चलाए जा रहे सभी प्रकार की केसेस कृपया, वापस लेने के साथ साथ, श्री.आर.सी.गुप्ता केस में मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनाँक 04 अक्टूबर 2016 को दिए गए निर्णय का सौ प्रतिशत पालन होना चाहिए।साथ ही EPFO के ही 23 मार्च 2017 के आदेश का भी पालन होना चाहिए। और दिनाँक 31 में 2017 की इंटेरिम ऍडव्हायझरी को कॅन्सल करने की ओर ध्यान देना भी अब तो बहुत ही आवश्यक हो गया है।



 इसलिए आदरणीय श्री.भगतसिंह कोशियारी साहब की अध्यक्षता में होते, जो कोशियारी समिति की शिफारिशें आयी थी,और सम्माननीय श्री प्रकाशजी जावड़ेकर साहब ने 2014 से पहले इस समिति की सिफारिशों का ज़िक्र बडे ही जोर शोर के साथ किया था।उसी कोशियारी समिति की सिफारिशों का पालन करते हुए हमे अब के वर्तमान समय  के हालातों के मद्देनजर में कमसे कम 9000 रुपए पेंशन और महँगाई भत्ता भी दिया गया तो भी हमें न्याय मिल सकता हैं। इसके लिए EPFO के पास पर्याप्त फंड भी उपलब्ध हैं। दिनांक 31 मार्च 2017 को सूचना अधिकार कानून 2005 के माध्यम से प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर   EPS 1995 के पेन्शन फंड में लगभग 3,25,882 लाख करोड़ रुपये की धनराशी हैं।
          EPS 1995 के इस पेंशन योजना का प्यारा क्रमांक 32 के अनुसारही हरसाल को पेंशन बढ़ोतरी के उद्देष्य से संशोधन करने का प्रावधान किया गया तो है,लेकिन 1995 के बाद बीते 24 सालों में अब तक एक बार भी इस प्रावधान के मद्देनजर कोई संशोधन नहीं किया गया है। और पेंशन में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई हैं।


आदरणीय महोदय,
इसके साथ साथ और भी एक बहुत ही नेक समस्या का भी समाधान होना तो बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। EPS 1995 के पेंशनर्स की मृत्यु होने के बाद इन पेंशनर्स की विधवा पत्नी को आधी यानी 50% ही पेंशन दी जा रही हैं।इतनी मामूलीसी पेंशन में अपने जिंदगी के इस आख़री और बहुत ही कठिनतम दौर में ये विधवाएं अपना रोजाना का जीवन कैसें बिताती होगी यह सुनकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। उनकों यह ऐसे बहोत ही प्रतिकूल समय में इन्हें किसी के यहाँ खेतों में मजदूरी करना,बर्तन माँजना,झाडू पोछा करना,कपड़े धोना,साफ सफाई करना,छोटे छोटे बच्चों को सम्हालना आदि किस्म के काम बड़ी मजबूरी के साथ सिर्फ जिंदगी जीने के लिहाज से ही करने पड़ रहे हैं।यह बड़े ही दुःख की बात है। इसलिए पेंशनर की मृत्यु के बाद उस की विधवा पत्नी को 100% प्रतिशत ही पेंशन मिले, इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।क्योंकि ये विधवाएँ भी अपने पति के मृत्यू के बाद जादा सालों तक जीवित नहीं रहती है।और इन विधवा पत्नी के मृत्यू के बाद तो उनका यह समुचा पेन्शनफंड सरकार के ही पास रह जाता है।



आदरणीय महोदय,
आप कृपया कृपावंत होकर हमारे देश के ईपीएस 1995 के 65 लाख गरीब पति पत्नी और बुजुर्गों को कम से कम सम्मानजनक और जीनेलायक पेंशन बहाल हो, इस एकमात्र उद्देश से ही आप    मा.प्रधानमंत्रीजी श्री.नरेन्द्रजी मोदी साहब से मिलकर हमारे जैसे 65 लाख गरीब और वृद्धजनों की बहुत ही लाजमी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश जरूर करें,यह आपसे हमारी विनय के साथ विनम्रता के साथ प्रार्थना हैं। 


आदरणीय,
श्रीमानजी!!
       हम सब 65 लाख गरीब पेंशनर्स और साथ ही में उनकी पत्नी के द्वारा आपको बड़ी विनम्रता के साथ बिनती की जा रही हैं।कृपया आप कृपावंत होकर हमारा खयाल रखें,और हमें जिनेलायक एक पेंशन देने की बात पर सोचकर हमे पेंशन देने की कृपा करें। बस यहीं आपसे नतमस्तक होकर प्रार्थना करते हैं।
सधन्यवाद।


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