एक तरफ सरकार द्वारा MLC, MLA, और MPs को , उनके कार्यकाल पूरा होने या न होने के बाद भी भारी पेंशन , आजीवन दिया जाता है और दूसरी तरफ EPS95 के वृद्ध पेंशनर्स को मात्र 1000 रुपयों के न्यूनतम पेंशन को देकर सरकार ने अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ ली है। हालात तो यहां तक है कि देश के MLC, MLA और MPs के परिवार वालों को भी , इन नेताओं के स्वर्गवास होने के बाद भी, पेंशन और अन्य सुविधाएं दो जाती हैं। इस घोर विसंगति के जिम्मेदार EPFO और सम्बद्ध मंत्रालय के अधिकारियों को भी भरपूर पेंशन मिल रहा है।
कमांडर राउत के कुशल नेतृत्व में राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने आंदोलनों को सतत जारी रखा है। प्रधान मंत्री महोदय से भी दो बार मिलकर व्यक्तिगत अनुरोध कर चुके है मगर नतीजा सिफर है। बहरहाल, लड़ाई जारी रहनी चाहिये।
हमको मिटा सकें ये जमाने मे दम नही, हमसे जमाना खुद है, जमाने से हम नही💐
हर अंधेरे के बाद उजाला ज़रूर आता है, धूप के बाद छाया और दुख के बाद सुख की धूप निकलती है💐
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