25 साल बाद ईपीएफओ पेंशन में सुधार को तदर्थ कमेटी.
25 साल बाद ईपीएफओ पेंशन स्कीम में सुधार की पहल हुई है। केन्द्रीय श्रम मंत्री के निर्देश पर पहली बार पेंशन सुधार के लिए तदर्थ कमेटी गठित की गई है जिसे 3 महीने में अपनी रिपोर्ट ईपीएफओ की केन्द्रीय न्यासी बोर्ड में रखनी है। कमेटी को तत्काल पेंशन सुधार के लिए काम शुरू करने का प्रस्ताव भी कर दिया गया है।
ईपीएफओ की न्यूनतम पेंशन एक हजार और अधिकतम 7.5 हजार तय है लेकिन सालों से सीबीटी सदस्य और पेंशनर्स मांग करते रहे हैं कि महंगाई के दौर में पेंशन वृद्धि के साथ सुधार किए जाए। उसी कड़ी में सीबीटी चेयरमैन केन्द्रीय श्रम मंत्री के निर्देश पर पेंशन सुधार के लिए 8 सदस्यीय तदर्थ कमेटी बनाई है। ईपीएफओ (दिल्ली मुख्यालय) की केन्द्रीय अपर भविष्यनिधि आयुक्त उदिता चौधरी ने तदर्थ कमेटी का आदेश जारी किया है। कमेटी में श्रम मंत्रालय के सचिव को चेयरमैन बनाया गया है।
केन्द्र सरकार के अधिकारियों के साथ सीबीटी में कर्मचारियों की ओर से सदस्य हरभज सिंह सिद्धू, प्रभाकर जे बंस्योर, नियोक्ता की ओर से अतुल सोबती और आशीष विग को भी सदस्य बनाया गया है। कमेटी की सिफारिशों की रिपोर्ट को तीन महीने के बाद होने वाली पहली सीबीटी बैठक में रखने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। कमेटी के सदस्य हरभजन सिंह ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा प्राथमिकता पर रहेगी।
सालों पुरानी मांग पर सीबीटी चेयरमैन ने पहल तो कर दी है। यह अच्छे संकेत हैं। कमेटी 3 महीनों में हर हाल में रिपोर्ट देगी। 1995 के बाद पेंशन सुधार पर कम से कम कदम तो बढ़ाए गए हैं।
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