28 January 2022

EPS 95 Pensioners का एलान अब की बार NOTA पर वोट करेंगे

 EPS 95 Pensioners का एलान अब की बार NOTA पर वोट करेंगे 


प्रति,

संपादक/संचालक,

देशके सभी वृतपत्र मीडिया/दैनिक वृतपत्र,

विषय :-ई पी एस ९५ योजना के तहत परेशान हुये लाभार्थियों द्वारा आनेवाले चुनावो मे मतदान नहीं करने का निर्णय  मा. महामहिम राष्ट्रपती, पंतप्रधान, और मुख्य न्यायाधीश जी को लिखे संकल्प पत्र प्रसिद्धि हेतु। कोशियारी क़ानून सुधार अहवाल की सभी सुविधा लागू करके, आज के केंद्रीय निवृत्ति धारके अनुसार   रूपये  ९०००-०० + महंगाई भत्ता असंघटीत  क्षेत्रके कर्मचारी/निव्रुत्त धारको भी बिना भेद भाव के  लागू हो अन्यथा नोटा का प्रयोग चुनाव होने ५ राज्यों  से ही शूरु।

सन्दर्भ:—(१) जावक पत्र क्रमांक एन.के.एस. एस./२१०१/२२ दिनांक २१-०१-२०२२।

              (२)दिनांक १६ नवंबर २०२१ को काला दिन ,निषेध दिन के मनाते  हुये देशके तहसीलदार,ज़िल्हाधिकारी,विभागीय आयुक्तो द्वारा केन्द्र सरकार को भेजा गया है ,

महोदय,

उपरोक्त विषय एवंम सन्दर्भ पत्रों के अनुसार  हमारी  मांगों की पूर्तिके लिये सन २०१२ से अनेक आंदोलन ,लाखों का पत्रव्यवहार भी किया गया है।गरीबी और इलाज न होनेसे सन  २०१७ से अभी तक करीब करीब तीन लाख निवृत्ति धारकों की मृत्यु हो चुकी है ।करोना जैसी  वैश्विक महामारीमे बच्चों कि नोकरीयाँ छूटी ,इसके के बावजूद कानून में सुधार नही होनेसे यह संकल्प पत्र निवृत्त कर्मचारी (१९९५) राष्ट्रीय समन्वय समिती, मुख्यालय नागपूर द्वारा लिखा गया है।

असंगठित क्षेत्र के  कामगारों पर नियमित होने वाले अन्याय से परेशान होकर असंघटित १७.२० करोड कर्मचारी और उनके ऊपर निर्भय परिजनो का मत चाहिये तो संघटित कर्मचारीयोंके कि तरह पेन्शन रु. ९०००-०० + महंगाई भत्ता बहाल हो । गत २६ सालोंसे प्रलंबित कानूनमे सुधार करके भगतसिंग कोशियारी अहवाल लागू हो अन्यथा NOTA(None of the above किसी को मतदान नही)का पर्याय चुना जायेंगा ।

सन २०१३ से मा.  कोशियारी, राज्यसभा सुधार अहवाल क्रमांक 147 के तहत गत 26 सालोंसे क़ानून में दुरुस्ती जो नहीं हुई है वह हो इसी एक मात्र मुख्य उद्देश्य से मा. श्री प्रकाश जी जावड़ेकर ,राज्यसभा सदस्य जी द्वारा पिटीशन दायर कियी थीं। सभी केन्द्रीय पक्षप्रमुखों के ख़ासदारों ने भी   उसे अनुमति दियी गई और उसमें शासन के सचिव स्तर के मान्यवर सदस्यों की नियुक्तियाँ करके संन २०१३मे चुनावो पूर्व अहवाल सादर हो इसके लिये  मंजूर दियी गयीं और  संविधानिक समितीने वह काम बहुत ही अछी तरह निभाया है। इस के लिये केन्द्र सरकार लाखों लाखों धन्यवाद पात्र है।

कोशियारी समिति का निम्न ३ प्रमुख दूरस्ती प्रस्ताव को मंजूरी लेकिन अभी तक अमल नही  :- 

(१) संस्थाओं में कार्यरत सभी घटकों की समान आर्थिक हिस्से दारी आवश्यक समजकर सन १९५२ के कानून के तहत घोषित  र्कौटिम्बिक ,पारिवारिक निवृत्ति वेतन योजना को सन १९७१ लायी गयी ।उसके  बाद यह १९९५ की योजना और योगदान को लेकर सविस्तर चर्चा के बाद कर्मचारियों के वेतन से ८.33% कपात हो,संस्थान मालिककों से ८.33% हो,और शासन प्रमुख होने से ८.३३% योगदान जरूरी समझकर तुरंत १.१६% से  ७.१७% कि बढ़ोतरी करके केन्द्र सरकार द्वारा संघटित कामगारों के निवृती वेतन की  बराबरी करके न्यूनतम निवृत्ति वेतन रुपये  3000/- और महंगाई भत्ता मिलाकर न्यूनतम पेन्शन हो और वह आसानी से ६७ लाख निवृती धारक प्राप्त कर सके इसलिये केन्द्र सरकार द्वारा तुरंत  व्यवस्था होना जरूरी है।क्योंकि सन २०१२ के केन्द्रीय कर्मचारी योंकि की न्यूनतम निवृत्ति वेतन श्रेणी रुपये 3000/- और उससे ज़्यादा थीं। कमेटि का मुख्य उदेश  सामाजिक समानता लाने का था लेकीन अभी तक यह अहवाल लागू न करके हमें सामाजिक,संविधानिक हक्कोसे वंचित रखा गया है।

(2) महंगाई भत्ता कि बजेट द्वारा व्यवस्था हो :--

 महगाई भत्ता यह केन्द्रीय कर्मचारियों के तरह हो इसलिए केन्द्र सरकार ने वित्तिय बजेट द्वारा और ई डी एल ई योजना में  पहले की तरह कंपनी ०.५% व्यवस्थापन  द्वारा हिस्से दारी की व्यवस्था हो , इस प्रकार की सभी विषयों पर सविस्तर बिचार हुआ है ,क्योंकि महंगाई पर कंट्रोल करने की जबाबदारी यह कर्मचारियों की नहीं है यह जिम्मेदारी पूरी तरह केवल और केवल केन्द्र सरकारी की है। लेकिन वह भी अभी तक पूरी नहीं हुईं 

(३) आजतक जो ई.पी. एफ ओ द्वारा समय समय पर निकाले गये सभी अनावश्यक परिपत्रक रद्द हो। यह महत्वपूर्ण सुजाव भी कोशियारी कमेटी में है।

इस ३ प्रमुख मुद्यो को नजर अंदाज करके असंघटी त कामगारों और उनके परिवार को वितीय सामाजिक सुभीता से वंचित रखने का व्यवस्थापन द्वारा पुरा प्रयास   होते  आ रहा है। यह बहुतही अन्याय पूर्वक है, जबकी हमारे द्वारा सभी प्रकार के करों की पूर्ति समय समय पर करने के बावजूद भी हम असंघटित कामगारों पर सतत अन्याय होते आया है।किसीभी राजकीय पक्ष ने हमे सहानुभूती से मदत नहीं कियी है।  इसलिये नोटा का प्रयोग है ।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पालन न करने की नई नई व्यवस्था कैसी  हो इसके लिए शासन द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है। जबकि उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक ४.१०.२०१६  को हमे न्याय मिला उसकी पूर्ति भी संसद में चर्चा के उपरांत हुई और  दिनांक  २३.३.२०१७ को परिपत्रक भी जारी किया गया और करीब करीब 27 हजार निवृत्ति धारकों अंतिम वेतन के अनुरूप पेंशन बहाल हुयी है। लेकिन भविष्य में वह न मिलने की व्यवस्था कानूनी दावपेच के साथ पुनरावलोकन याचिका द्वारा  निवृत्ति धारकों कानूननी आदेश  होते हुये भी उच्च पेन्शन पानेसे  वंचित  रखा जा रहा है। इस के लिये सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी से नम्र प्रार्थना ,निवेदन बिनती बार बार कियी गई है।लेकिन निराशाही अभीतक हमे प्राप्त हुई है।यह बहुतही दुःखी मनसे और  कोई पर्याय नहीं होनेसे यह नोटा  NOTA का संविधानीक पर्याय स्विकारनेका पत्र लिखा गया है।हमारी संस्था यह  सामाजिक संस्था है उनके द्वारा किये गये मांगो के आधार पर ही सार्वजनिक सभा मे विचार विनिमय से नोटा का प्रयोग उचित समय पर करने अधिकार कार्यकरणी को दिया गया है उसी आधार पर यह प्रयास  5 राज्यों के घोषित चुनावों से हो यह मांग पदाधिकारी ,कार्यकर्ताओ के तरफ से आई और  असंघटीत कामगारों काअसुरक्षित जीवन और भविष्य का बिचार करके  कार्यकारिणी द्वारा NOTA का  ठराव निम्न पदाधिकारी कें उपस्थिति में एक मत से पारित किया गया है।

(1) श्री प्रकाश  येंन्डे, रा.अध्यक्ष,

(२) श्री प्रकाश पाठक रा .महासचिव,

(3) श्री पुंडलिक पांडे रा. उपाध्यक्ष (४) श्री प्रभाकर खोंडे,रा. संघटन सचिव (५)श्री प्रकाश दामले,रा. सचिव(६) श्री अनिल कुसरे,रा. कोशाध्यक्ष,(७)श्री अरुण कारमोरे रा स. कोषाध्यक्ष (८)श्री दादाजी झोड़े, रा.मुख्य कानून सल्लागार

ठराव :--जबतक कोश्यारी कमेटी का अमल रुपये ९०००/- +महगाई भत्ता का कानूनी अधिकार और ४-१०-२०१६ का सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पूर्तता कोई भेदभाव न करते हुये हों वह जबतक लागू नही तब तक सभी प्रकार के चुनावो में मतदान न करना एवं नोटा का प्रयोग किया जायेगा और इसका अमल घोषित ५ राज्यों के चुनावो से ही ,अपने अपने स्तर पर संविधान को मद्दे नजर रखते हुए हो ।ठराव एक मतसे मंजूर।

नोट :-लेटर हेड पी डी एफ  सलग्न 

धन्यवाद

आपका विश्वासु,

प्रकाश पाठक

महासचिव, निवृत्त कर्मचारी (१९९५) राष्ट्रीय समन्वय समिती, मुख्यालय नागपुर

1 comment:

  1. EPS PENSIONER ko Sarkar ne TAMASHA Banaya hai sirf gandi RAJNEETI Khel rahe hai 65 LAKH PENSIONERS ke JEEVAN KE SAATH ACCHE DIN KE SAPNE DIKAKAR hamare peet mein KHANJAR maar diya

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