23 September 2022

EPS'95 पुनर्विचार याचिकाओं पर आदेश हेतु मा. सर्वोच्च न्यायालय से जल्द : प्रकाश पाठक राष्ट्रीय महासचिव

EPS'95 पुनर्विचार याचिकाओं पर आदेश हेतु मा. सर्वोच्च न्यायालय से  जल्द : प्रकाश पाठक राष्ट्रीय महासचिव


प्रति,

मा.नरेंद्र मोदी जी,

पंतप्रधान ,भारत सरकार,

पंतप्रधान कार्यालय ,नई- दिल्ली,

प्रति,

मा. श्री भुपेंद्र यादव जी,

केंद्रीय कामगार मंत्री ,भारत सरकार,

श्रम शक्ति भवन ,नई- दिल्ली .,

प्रति ,

मा .मुख्य आयुक्त जीं,

भविष्य संगठन  ,भीकाजी कामा प्लेस ,

भविष्य निधि कार्यालय ,नई दिल्ली

विषय :—इ पी एस ९५ के १८६ औद्योगिक क्षेत्र के करोड़ों करोड़ कार्यरत एवं लाखों निवृत्ति धारकों द्वारा मा.पंतप्रधान श्री नरेन्द्र मोदी जी से नम्र निवेदन ,प्रार्थना  एवं नम्र बिंती “ केंद्रीय सरकार और भविष्य निधि संगठन  द्वारा ,(सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक ४ -१०-२०१६ के  आदेश  को दिनांक २३-३-२०१७ को एक साल के बाद संसदीय मंज़ूरी  प्राप्त हुई ,प्राप्त परिपत्र को लेकर) पुनर्विचार याचिकाओं पर आदेश हेतु मा. सर्वोच्च न्यायालय से  जल्द से जल्द आदेश  का प्रयास हो यह सेवामे सविनय सादर ।धन्यवाद,

महोदय,

उपरोक्त विषय के अनुसार  इ पी एस ९५ के १८६ औद्योगिक क्षेत्र  के करोड़ों करोड़ कार्यरत एवं लाखों लाखों निवृत्ति धारकों के  द्वारा मा.पंतप्रधान श्री नरेन्द्र मोदी जी से नम्र निवेदन ,प्रार्थना  एवं नम्र बिंती है कि “ केंद्रीय सरकार और भविष्य निधि संगठन  द्वारा ,दायर (सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक ४ -१०-२०१६ के  आदेश  को दिनांक २३-३-२०१७ को एक साल के संसदीय मंज़ूरी बाद प्राप्त हुई ,प्राप्त परिपत्रक को लेकर) पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनाई ऑगस्ट २०२२ में पूरी हुई हैं। आदेश को सर्वोच्च न्यायालय के अधिकारों  को सुनिश्चहित रखते हुये ,जो रिझर्व्ह आदेश है उस आदेश की सुनवाई हेतु सर्वोच्च न्यायालय से  केंद्रसरकार की और से बिंती अर्ज़ के द्वारा जल्द से जल्द आदेश  हो इस का प्रयास हो यह सेवामे सविनय सादर।  धन्यवाद,

।रिझर्व   आदेश जल्द को लेकर सरकार द्वारा  सार्वजनिक  प्रायस की बिंती क्यों ? ::—

सर,

इस के पहले हमारे मालुमात के अनुसार निवृती धारकों की प्रलंबित पुनर्विचार याची का की सुनाई जल्द हो इस हेतु से केन्द्र सरकार ,ई पी एफ  कार्यालय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को बिंती अर्ज किया  है । उसिको आधार लेकर हम ये मांग एवं बिनती कर रहे है  की ,  निवृती कर्मचारी (१९९५) राष्ट्रीय समन्वय समिति , मुख्यालय नागपुर यह पंजीकृत संस्था है ।हमारे द्वारा  ,उच्च न्यायालय ,सर्वोच्च  न्यायालय को  भी (suo-motu ) ,स्वयं संज्ञान लेकर  निवृत्ति धारकों न्याय देने कि गुहार समय समय पर लगाई है।


मा.भगतसिंग कोश्यारी कमेटी अहवाल यह क़ानून सुधार अहवाल होनेसे सर्वोच्च न्याय की राह देखने से न्यूनतम पेन्शन  निवृती धारकों भी वंचित रखा जा रहा है यह अन्याय पूर्वक है।:—

सन 201४ को रु 1000/- न्यूनतम  पेन्शन घोषित किई ,उस के पूर्व ही राज्य सभा में सन २०१३ में ही क़ानून दुरुस्ती हेतु कमेटी अहवाल पुरस्कृत किया गया सौंपा गया है।उस समय सर्वोच्च न्यायालय से उच्चतम  वेतन भोक्ता  के संदर्भ में कोई आदेश प्राप्त नही हुआ था लेकिन  हमे केंद्र सरकार की ओर से चर्चा के दौरान बताया ज्याता रहा की जल्दीसे जल्द आप के मांग का संज्ञान लेकर  मा भगत सिंग कोशियारी सुधार अहवाल क्र 147 तहत क़ानून में दुरुस्ती करके  न्यूनतम पेन्शन को बढ़ाया जायेगा  यह सतत बताया ज्याता था,आश्वस्त भी किया जाता था और आज तक सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के लिये अभितक इंतज़ार करके ई पी एफ.द्वारा  हमें सतत वंचित रखा जा रहा है।यह अभी यह धारणा   ७० लाख निवृत्त धारकों भी हो रही है। जानकारी के अनुसार  सी बी टी में भी इस प्रकार का ठराव  भी पारित हुआ है ।इस चर्चा के माध्यम से न्यूनतम पेन्शन धारकों में त्रिव असंतोष है।यह असंतोष हजारों हज़ार  निवृत्ति धारकों द्वारा गत ५ सालोंसे हमें प्रश्नों के द्वारा सतत फ़ोन द्वारा एवं प्रत्यक्ष मिलकर हमें न्यायालय से न्यूनतम पेन्शन क्या संबंध है इस के बाद अभी तो सर्वोच्च न्यायालय में सुनाई दोनो पक्ष द्वारा पूरी हुई है।इस लिये  जल्द  आदेश के लिये केंद्र सरकार से  यह नम्र गुहार है।

७० लाख निवृत्ति धारकों को पूरी आशा भी है कि, मा. पंतप्रधान जी से हमारी यह मांग को गाम्भीर्य ता के साथ संज्ञान लेकर हमे अक्टूबर 2022 के पहले न्याय देंकर हमें उपकृत करेंगे ।

धन्यवाद सर,

आपका ,

प्रकाश पाठक,

राष्ट्रीय महासचिव,

निवृत्त कर्मचारी (1995) राष्ट्रीय समन्वय समिति, मुख्यालय नागपुर।

वामनराव गल्ली,सीताबर्डी नागपुर 440012,

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