16 March 2023

ईपीएस 95 पेंशनरों द्वारा देश में 200 से अधिक जगहों पर हजारों की संख्या में किया गया रास्ता रोको आंदोलन

 ईपीएस 95 पेंशनरों द्वारा देश में 200 से अधिक जगहों पर हजारों की संख्या में किया गया रास्ता रोको आंदोलन


दिनांक 15.03.2023 को  ईपीएस 95 पेंशनरों द्वारा श्रम शक्ति भवन के सामने मूक प्रदर्शन के साथ ही देश में 200 से अधिक जगहों पर हजारों की संख्या में किया गया रास्ता रोको आंदोलन.
NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर राऊत जी की अपील पर किया गया देश व्यापी रास्ता रोको आंदोलन.

                   न्यूनतम 7500/- रुपये मासिक पेंशन एवं महंगाई भत्ता, मेडीकल सुविधा, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार बिना किसी भेदभाव के  उच्च पेंशन का लाभ व नॉन EPS सेवा निवृत कर्मचारियों को स्कीम के दायरे में लाकर  5000/- रुपये प्रति माह पेंशन आदि मांगों को लेकर आज दिल्ली में श्रमशक्ति भवन के सामने EPS 95 पेंशनर्स ने मौन रहकर  धरना प्रदर्शन किया और इसके साथ ही किया गया देश के कई राज्यों में 200 से स्थानों रास्ता रोको आंदोलन.महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, गोवा इत्यादि राज्यों में राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC)  के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय नेताओं के नेतृत्व में यह  आन्दोलन प्रभावी रीति से संपन्न हुआ.

                ज्ञातव्य हो कि देश में औद्योगिक/सार्वजनिक/सहकारिता/निजी क्षेत्र के 70 लाख ईपीएस 95 पेंशन जिन्होंने 186 उद्योगों में काम किया।उन्होंने अपनी जवानी के 30/35 साल अपना खून पसीना बहाया और देश को समृद्ध बनाने के लिए दिन-रात काम किया, आज उन्हें  औसत पेंशन 1171 रुपये मिलती है. इसलिए ईपीएस पेंशनभोगी दयनीय और मरणासन्न जीवन जी रहे हैं।  कई पेंशनभोगी सम्मानजनक पेंशन और चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण मर रहे हैं।  इसलिए देश भले ही आज तरक्की कर रहा है, लेकिन यह महसूस किया जा रहा है कि ईपीएस पेंशनभोगियों की हालत खराब हो रही है।  सरकार के पास उन लोगों के लिए विभिन्न पेंशन योजनाएँ हैं जिन्होंने पेंशन फंड में योगदान नहीं किया है, लेकिन उन लोगों के लिए अल्प पेंशन है जिन्होंने पूरी सेवा के दौरान हर महीने योगदान दिया है.यह सौतेला व्यवहार क्यों?

इसलिए विगत 7 वर्षों से लगातार तमाम आंदोलन किए गए, .NAC इस संस्था का मुख्यालय बुलढाणा में है।  इस स्थान पर पिछले 1544 दिनों से श्रंखला अनशन चल रहा है।  गर्मी, हवा और बारिश की परवाह किए बिना बुजुर्ग पेंशनभोगी भूख हड़ताल पर हैं।  दो बार माननीय प्रधान मंत्री और कई बार श्रम मंत्री ने वादे किए मांगें नहीं मानी जाने के कारण पेंशनधारियों में काफी रोष है व इसीलिए आज वृद्ध पेंशनर्स को सड़कों पर उतरना पड़ा. कई जगहों पर पुलिस प्रशासन व पेंसनर्स के बीच  नाक झोंक की खबरें भी मिली हैं.  


NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत को भी बुलढाना आंदोलन के दरम्यान पुलिस प्रशासन द्वारा आंदोलन स्थल से स्थान बद्ध करने की भी खबर आई है. आंदोलन समाप्त होने पर उन्हे छोड़ दिया गया. इस देश व्यापी रास्ता रोको आंदोलन के माध्यम से माननीय प्रधानमन्त्री जी से विशेष निवेदन हैं कि माननीय महोदय पेंशनर्स की भावनाओ को व इस विषय की गम्भीरता को समझते हुए  संसद के सत्र में पेंशनर्स की मांगों को मंजूर कर उन्हे न्याय प्रदान करें जिससे यह वृद्ध पेंशनर्स अपना बचा हुआ जीवन सम्मान के साथ जी सकें.
 
कमांडर अशोक राउत
 राष्ट्रीय अध्यक्ष


0 comments:

Post a Comment

 
close