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17 May 2023

Unveiling the Realities: Why Choose to Avoid Bollywood Movies ?

 Unveiling the Realities: Why Choose to Avoid Bollywood Movies ?


Introduction:

Bollywood movies have been a significant part of Indian cinema, captivating audiences with their vibrant storytelling and colorful entertainment. However, it's important to recognize that not everyone shares the same enthusiasm for Bollywood. In this article, we explore the reasons why some individuals choose to abstain from watching Bollywood movies. While Bollywood undoubtedly has its merits, it is crucial to acknowledge the concerns raised by its critics and understand the diverse perspectives surrounding this popular industry.


Stereotypical Portrayals:

One common criticism of Bollywood movies is the perpetuation of stereotypes. From gender roles and body image to cultural stereotypes, some argue that Bollywood often reinforces narrow and unrealistic portrayals. Critics assert that these stereotypes can perpetuate harmful societal norms, limiting the scope of representation and diversity in storytelling.


Lack of Originality:

Another critique centers around the issue of originality in Bollywood movies. Critics argue that the industry tends to rely heavily on formulaic plotlines, repetitive themes, and familiar narrative structures. This lack of innovation can lead to a sense of predictability, diminishing the overall cinematic experience for some viewers seeking fresh and thought-provoking content.


Excessive Focus on Glamour and Masala:

Bollywood is renowned for its extravagant sets, glamorous stars, and larger-than-life dance sequences. While these elements contribute to the entertainment value, some argue that the excessive focus on glamour and masala (spice) often overshadows the importance of storytelling and substance. This emphasis on spectacle can result in a lack of depth and meaningful engagement with social issues and realistic narratives.

चैट जीपीटी (Chat GPT) क्या है: एक अद्वितीय भाषा मॉडल का परिचय

चैट जीपीटी (Chat GPT) क्या है: एक अद्वितीय भाषा मॉडल का परिचय


 प्रस्तावना:

आधुनिक तकनीकी प्रगति ने मानव-कंप्यूटर संवाद में वह नई क्रम बदल ला है जिसे "चैटबॉट" कहा जाता है। इन चैटबॉट्स की मदद से लोग भाषा में अद्वितीय रूप से संवाद कर सकते हैं और समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इसके एक प्रमुख उदाहरण के रूप में, चैट जीपीटी (Chat GPT) हमें एक शक्तिशाली भाषा मॉडल प्रदान करता है जो हमें एक नई और मजेदार संवादात्मक अनुभव प्रदान करता है। इस लेख में, हम चैट जीपीटी के बारे में गहनतापूर्वक जानकारी प्राप्त करेंगे।


चैट जीपीटी :

चैट जीपीटी एक उन्नत भाषा मॉडल है जिसे OpenAI द्वारा विकसित किया गया है। यह एक प्रशासनिक भाषा प्रोटोकॉल (GPT) पर आधारित है और गहन सीक्रेंज आधारित स्व-संगठन की सामग्री से प्रशिक्षित किया जाता है। चैट जीपीटी मॉडल में, बहुत सारे शब्द और वाक्यांशों का उपयोग करके यह उन्नत तरीके से बातचीत करने की क्षमता विकसित करता है।

चैट जीपीटी एक नवीनतम पीढ़ी के भाषा मॉडल का उदाहरण है जो पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विकसित हुआ है। इस मॉडल का उपयोग व्यापक रूप से वेबसाइट चैट, अप्लिकेशन अनुसंधान, सहायता डेस्क आदि में किया जाता है। चैट जीपीटी का उपयोग सटीक अनुवाद, संवाद का रुपांतरण, संदेशों की संकलना, और उपयोगकर्ताओं की मदद करने के लिए किया जा सकता है।

ज्योतिष भविष्यवाणी 2024: आने वाले वर्ष के लिए एक दृष्टि

 ज्योतिष भविष्यवाणी 2024: आने वाले वर्ष के लिए एक दृष्टि


प्रस्तावना:

ज्योतिष, एक प्राचीन प्रथा जो शताब्दियों से मानवता को मोह लेती आ रही है, हमें भविष्य में होने वाले संभावित घटनाओं और प्रवृत्तियों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। जब हम वर्ष 2024 की ओर बढ़ते हैं, तो कई लोग जानने के लिए उत्सुक हैं कि तारों और आकाशीय ग्रहों के पास हमारे लिए क्या संरचना है। इस लेख में, हम ज्योतिष भविष्यवाणियों की ओर बढ़ते हैं और 2024 के लिए संभावित विषयों और प्रभावों की एक झलक प्रदान करते हैं।


ग्रहों की एकांत और वैश्विक परिवर्तन:

ग्रहों की चाल और संयोजनों का मानवीय कार्यों पर बड़ा प्रभाव होता है। 2024 में, महत्वपूर्ण ग्रहों की संरचनाओं में बदलाव हो सकता है, जो वैश्विक गतिविधियों में संशोधन के संकेत के रूप में कार्य कर सकते हैं। ज्योतिषी यह सुझाव देते हैं कि ये आकाशीय संरचनाएं राजनीति, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय संबंधों जैसे क्षेत्रों पर प्रभाव डाल सकती हैं, जो संशोधनात्मक परिवर्तनों की शुरुआत की संकेत कर सकती हैं।

Understanding the Reasons Behind Layoffs in IT Companies

Understanding the Reasons Behind Layoffs in IT Companies



 Introduction:


In recent years, layoffs in the IT industry have become a topic of concern and discussion. The technology sector, known for its rapid growth and innovation, is not immune to economic fluctuations and market dynamics that can lead to downsizing. In this article, we will explore some of the key reasons behind layoffs in IT companies, shedding light on the factors that contribute to these workforce reductions.


Economic Downturns and Market Volatility:

The IT industry is highly influenced by economic cycles and market fluctuations. During periods of economic downturn, companies may experience reduced demand for their products or services. This decline in business can lead to cost-cutting measures, including layoffs, to align with the current market conditions and stabilize finances.


Technological Advancements and Automation:

Technological advancements and automation have transformed the IT landscape, leading to increased efficiency and productivity. However, this digital transformation can also result in job redundancies. As companies adopt automation, artificial intelligence, and machine learning technologies, certain roles may become obsolete, leading to workforce downsizing in those areas.

23 April 2023

EPFO की Online प्रणाली में तुरंत सुधार हो व Pensioners की मांगों पर आगे की कारवाई भी तुरंत

EPFO की Online प्रणाली में तुरंत सुधार हो व Pensioners  की मांगों पर आगे की कारवाई भी तुरंत 



 नई दिल्ली 

दिनांक 21.04.2023


EPFO की Online प्रणाली में तुरंत सुधार हो व पेंशनर्स की मांगों पर आगे की कारवाई भी तुरंत हो अन्यथा आंदोलन को तेज किया जाएगा.


दिनांक 21.04.2023 को NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत जी ने आज स्वयं EPFO के मुख्यालय, भीकाजी कामा प्लेस, दिल्ली जाकर अतिरिक्त केंद्रीय मुख्य भविष्य निधि आयुक्त (पेंशन)  श्री अनिमेष मिश्रा जी से की मुलाकात- 


विस्तार पूर्वक की चर्चा व  सौंपा आंदोलन सम्बन्धी पत्र.


समाचार विस्तार से

*दिनांक 24 मार्च व 29 मार्च 2023 की NAC प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त व अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त के साथ मीटिंग में हुई चर्चा में NAC के सुझाव अनुसार  Online प्रणाली में सुधार कर दिशा निर्देश जारी करने व पेंशनर्स की मांगों के संदर्भ में आगे की कारवाई करने की ठोस सहमति जताई गई थी.


*15 दिन तक इंतजार करने के  बाद NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से 12.04.2023 को इस संदर्भ में फिर से CPFC महोदया को पत्र लिखा गया व पत्र की प्रति Email द्वारा सभी अतिरिक्त केंद्रीय/क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त महोदयों को भेजी गई थी.

10 April 2023

समस्त सेवा निवृत कर्मचारी/अधिकारी गण All Retired Employees

 समस्त सेवा निवृत कर्मचारी/अधिकारी गण All Retired Employees 



समस्त सेवा निवृत कर्मचारी/अधिकारी गण

1.उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य एवम आवश्यक वस्तु निगम राज्य सड़ के परिवहन निगम।

2.भारतीय खाद्य निगम

3.प्रादेशिक कोपरे टीव फेडरेशन

4.उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम

5.उत्तर प्रदेश ब्रिज कॉर्पोरेशन

6.उत्तर प्रदेश राज्य वन निगम

7.राज्य/राष्ट्रीय सीड कॉर्पोरेशन

8.उत्तर प्रदेश राज्य एग्रो इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड

9.राज्य जूट संघ

25 March 2023

60 साल बाद सरकार देगी हर महीने 3,000 रुपए : Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Latest Update

 इस योजना में करें रजिस्ट्रेशन, 60 साल बाद सरकार देगी हर महीने 3,000 रुपए 💰


असंगठित श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के संचालन के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम को अधिकृत किया गया है। इस योजना के लिए इच्छुक श्रमिक योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (कियोस्क) पर जाकर अपना नामांकन करा सकते हैं।


योजना की शर्तें 💁🏻‍♀️

1. श्रमिक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच हो।

2. श्रमिक की मासिक आय 15 हजार से कम हो।

3. योजना में नामांकन के लिए श्रमिकों को प्रतिमाह 55 से 200 रूपये प्रीमियम के रूप मे जमा करना होगा।

4. उतनी ही राशि भारत सरकार श्रम मंत्रालय द्वारा जमा की जाएगी जिसमें 50 प्रतिशत प्रीमियम की राशि भारत सरकार श्रम मंत्रालय द्वारा वहन की जाएगी।

5. श्रमिक की 60 वर्ष आयु पूर्ण होने पर बीमित व्यक्ति को 3 हजार प्रतिमाह रूपए पेंशन के रूप में प्राप्त होगी।

6. नामांकन के समय श्रमिक को आधार कार्ड एवं बैंक खाता नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा।

7. प्रीमियम की प्रथम किश्त श्रमिक के आयु वर्ग के अनुसार 55 से 200 रूपये कॉमन सर्विस सेंटर में नगद जमा की जाएगी।

16 January 2023

माश्री निवृत्त कमांडर मा,राष्ट्रीय अध्यक्षश्री राउत सर के माग्दशँन शंदेशनुसार समग्र देश के

 माश्री निवृत्त कमांडर मा,राष्ट्रीय अध्यक्षश्री राउत सर के माग्दशँन शंदेशनुसार समग्र  देश के 



👉हम सब साथ मिलकर रहीऐ ओर संगठन का संख्या बल बढाऐ 🙏

माश्री निवृत्त कमांडर मा,राष्ट्रीय अध्यक्षश्री राउत सर के माग्दशँन शंदेशनुसार समग्र  देश के 

÷÷÷÷÷÷÷1,गुजरात 2,लखनऊ 3,पटना 4,बिहार 5,पतियाला पंजाब 5,ओरंगाबाद 6,अकोला माहाषट 7,मुब ई8,जलंधर 9,अंडमान निकोबार 10,राजस्थान 1,चितोडगढ 2,जोधपुर 3,अजमेर 4,अलवर 11,पंजाब 12,मध्य प्रदेश 13,झारखंड 14,दिलही 15,तालीमनाडु 16,बंगाल 17 उत्तर प्रदेश 18,गोआ 19,हरियाणा 20,हिमाचल प्रदेश 21,उत्तराखंड 22,भोपाल 23,कर्नाटक 24, ग्वालियर ओर अन्य राज्यो के ओर सभी जिलाओ के सभी डीपारमेनट के सदस्यगण नेतागण पदाधिकारीश्रीओ ने ता 10,01,23 को  अधिक  संख्या  वृद्ध पेंशनर्स  ऐक जुथ  होकर हम सब का न्याय के लिए बडा आकोश के सभी क्षेत्रीय भविष्य नीधी कायाँलर मे जापन दिऐ गये

4 November 2022

EPS-95 पेंशन से संबंधित सुप्रीम कोर्ट का फैसला

EPS-95 पेंशन से संबंधित सुप्रीम कोर्ट का फैसला 

 एक महत्वपूर्ण फैसले में, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 के प्रावधानों को कानूनी और वैध माना। हालांकि, जहां तक निधि के वर्तमान सदस्यों का संबंध है, न्यायालय ने योजना के कुछ प्रावधानों को पढ़ा। कई कर्मचारियों को राहत देते हुए कोर्ट ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का प्रयोग नहीं किया है, उन्हें ऐसा करने के लिए 6 महीने का और मौका दिया जाना चाहिए।


कोर्ट ने कहा कि जो कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होने के हकदार थे, लेकिन ऐसा नहीं कर सके क्योंकि उन्होंने कट-ऑफ तारीख के भीतर विकल्प का प्रयोग नहीं किया, उन्हें एक अतिरिक्त अवसर दिया जाना चाहिए क्योंकि कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 के प्रावधानों को अमान्य करने वाले उच्च न्यायालय के निर्णयों के मद्देनजर कट-ऑफ डेट के बारे में स्पष्टता की कमी थी। न्यायालय ने आगे 2014 की योजना में इस शर्त को अमान्य करार दिया कि कर्मचारियों को 15,000/- रुपये से अधिक के वेतन पर 1.16 प्रतिशत की दर से आगे योगदान करना आवश्यक है।

24 October 2022

Is it a CRIME to be a SENIOR CITIZEN OF INDIA?

 Is it a CRIME to be a SENIOR CITIZEN OF INDIA?


INDIAN SENIOR CITIZENS OVER THE AGE OF 70 YEARS ARE NOT ELIGIBLE FOR MEDICAL INSURANCE (WHEN IT IS ABSOLUTELY NECESSARY & REQUIRED). 

SENIOR CITIZENS DO NOT GET LOAN ON EMI.  

A DRIVING LICENSE IS NOT ISSUED TO THEM.

THEY ARE NOT GIVEN ANY JOBS FOR FINANCIAL WORK.  HENCE, THEY DEPEND ON OTHERS.  

SENIOR CITIZENS HAD PAID ALL THEIR TAXES HONESTLY, DILLIGENTLY DURING HIS/HER YOUTH. EVEN AFTER BECOMING A SENIOR CITIZEN THEY STILL HAVE TO PAY ALL THEIR TAXES.  

THERE ARE NO SCHEMES FOR SENIOR CITIZENS IN INDIA.  

THE 50% DISCOUNT ON RAILWAYS WAS ALSO WITHDRAWN.  THIS IS A HORRIBLE AND AGONIZING THING.  

23 October 2022

पेंशनर बंधुओं सावधान : पेंशनर बंधुओं अब व्यर्थ में अपना समय व पैसा बर्बाद न करें।

 पेंशनर बंधुओं सावधान : पेंशनर बंधुओं अब व्यर्थ में अपना समय व पैसा बर्बाद न करें।


पेंशनर बंधुओं सावधान , सावधान
कुछ राजनीतिक महत्वाकांक्षी लोगों की राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए आपको पुन: सड़क पर धकेले जाने की कोशिश की जा रही है परंतु वास्तविकता यह है कि:-
*पेंशन प्रकरण पर हम जिस स्टेज पर हैं उस स्टेज पर अब किसी प्रकार के अनावश्यक धरने, प्रदर्शन, ज्ञापनों, सम्मेलनों, अधिवेशनों की जरूरत नहीं है।
पेंशनर बंधुओं अब व्यर्थ में अपना समय व पैसा बर्बाद न करें।
सादर:-
रणजीत सिंह दसूंदी,

सुप्रीम कोर्ट का फैसला : सभी पेंशनभोगियों की जानकारी के लिए

 सुप्रीम कोर्ट का फैसला : सभी पेंशनभोगियों की जानकारी के लिए


सुप्रीम कोर्ट का फैसला
_______

सभी पेंशनभोगियों की जानकारी के लिए

प्रिय मित्रों,

यह आश्चर्य की बात है कि 01 07 2015 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय, सिविल अपील संख्या। २०१५ का ११२३ किसी का ध्यान नहीं गया और श्री एस आर सेन गुप्ता के आईबीए को एक संक्षिप्त पत्र को छोड़कर, किसी अन्य संघ ने कोई कदम नहीं उठाया है। 

फैसले की मुख्य विशेषताएं:

1. बेंच ने आधिकारिक तौर पर फैसला सुनाया है कि पेंशन एक अधिकार है और इसका भुगतान सरकार के विवेक पर निर्भर नहीं करता है। पेंशन नियमों द्वारा शासित होती है और उन नियमों के भीतर आने वाला सरकारी कर्मचारी पेंशन का दावा करने का हकदार होता है।

2. निर्णय ने माना है कि पेंशन का संशोधन और वेतनमान का संशोधन अविभाज्य है।

16 August 2022

Supreme Court ruled in favour of pensioners in pension case of 1995,Minimum applicable pension Rs.8,500/maximum Rs 28,500/- will be disbursed

 Supreme Court ruled in favour of pensioners in pension case of 1995,Minimum applicable pension Rs.8,500/maximum Rs 28,500/- will be disbursed

Dear Readers , 

We are receiving below Viral message from several whasaap groups and through sms . We will find out the relaity of this message and share with you below . First let's check viral  message 

( Please note explanation avalibale in both Hindi & English Langauges below about relaity )

कृपया ध्यान दे ! इस वायरल पोस्ट के सच्चाई हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में निचे है।  )

"🚩Good News

-------------------------------------------------------- Supreme Court ruled in favour of pensioners in pension case of 1995.

  Accordingly, increase in pension is expected along with arrears.  Under this ruling, Chief P.F. Commissioner, has written to all state PF Commissioners to implement the orders.

Soon you will get hefty pension with arrears.  


Million thanks to the people or organisations who pursued the matter upto Supreme Court rigourously and successfully.👍🏼🙏🏾🙏🏾🌹🌹

  , Employers, Pensioners, Retired Pensioners' organisations. Pls forward the message and thank people/organisations who fought the battle.  According to newsitem in Bhopal, minimum applicable pension Rs.8,500/maximum Rs 28,500/- will be disbursed.

 The above message is received from CPSTU leaders and applicable for all exempted PSUs also."

11 June 2022

Mr.Guy Ryder, Director General, International labour organization may please be passed resolutions

Mr.Guy Ryder, Director General, International labour organization  may please be passed resolutions  


All respected sir,/madum, Said letter is a reminder letter to our honourable Mr.Guy Ryder, Director General, International labour organization  may please be passed resolutions as a one of the most important social aspect's and object of I.L.O.to provide the facilities senior citizens. Geneva conference  is going in Geneva up to 12 th June.
Our honourable  all tread Unions are representing us.They are our well wishers and C.B.T.Members also.
C.B.T. meeting is likely to be held on June 25-26 at Bengaluru.Prakash Pathak, National General Secretary.Nivrutta karmachari (1995) Rastriya Samanvay samiti, Nagpur

Click Here to download latter 

24 April 2022

Open Latter to PMO by Senior Citizen : ₹17676.00 हर महीने व्याज की राशि का भुगतान किया जा रहा

 Open Latter to PMO by Senior Citizen : ₹17676.00 हर महीने  व्याज की राशि का भुगतान किया जा रहा



पीएम  कार्यालय  को  सम्मान  के  साथ   खुला   पत्र। 


💥 मैं एक वरिष्ठ नागरिक हूं और  01अगस्त 2012 को 5 साल के लिए एक राष्ट्रीयकृत बैंक में ₹20 लाख रुपये जमा किया था।

👉🏻 मुझे ₹17676.00 हर महीने  व्याज की राशि का भुगतान किया जा रहा था,जो आर्थिक रूप से चिंता मुक्त जीवन जीने में सक्षम था।

 👉 परिपक्वता तारीख पर जब  बैंक ने राशि का पुनर्निवेश  किया तो अब मुझे केवल ₹ 10416  व्याज मिल रहा है अर्थात  ₹7260/ प्रति माह कम मिल रहा है। जो पिछले रिटर्न पर 40% कम के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है।

👉  क्या आप मुझे सलाह दे  सकते हैं कि मुझे यह नुकसान क्यों उठाना चाहिए या अपनी दवाईयां ,आटा , दाल,सब्जी, फल, दूध आदि का सेवन त्याग देना चाहिए? 

👉  2014 में सत्ता संभालने के बाद वरिष्ठ नागरिकों के लिए  अभी तक कुछ  नहीं किया गया  और न कोई सुविधाएं दी गई।  लेकिन 2014 में जो मौजूद था उसे भी वापस ले लिया गया ।

 👉 वर्ष 2014 की कीमत पर मुद्रास्फीति की वजह से कोई भी वस्तु या सेवा उपलब्ध नहीं है।

  👉 हां, आप मुद्रास्फीति और सूचकांकों के आंकड़े लाने में सक्षम रहे हैं, लेकिन वास्तविक कीमतों पर नहीं।

 👉दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएँ आटा, दाल, चावल, नमक,  बेसन, प्याज, टमाटर, साग सब्जी आदि वस्तुओं को ठीक से वरिष्ठ नागरिक इस्तेमाल करने का साहस भी नहीं कर पा रहा है।

👉   मुझे पता है कि आपके पास इन मुद्दों के लिए जवाब हैं जैसे बैंकों में जमा/ अग्रिम पर ब्याज,मांग और आपूर्ति पर निर्भर है। कृषि उत्पादों के मौसम के साथ दैनिक उपयोग की  वस्तुओं की कीमतें बदलती रहती हैं।

👉 लेकिन कीमतों के सीधे ऊपर की ओर तेजी से बढ़ने को ,इन कारणों से उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

👉🏻 यदि सरकार उद्योगों को सस्ता क्रेडिट प्रदान करना चाहती है, जरुर करे। परंतु वरिष्ठों की जमा के व्याज की कीमत पर नहीं होना चाहिए।

👉🏻 बैंक NPA के ज्वालामुखी पर बैठे हैं और सभी अच्छे पैसे खराब पैसे के लिए डायवर्ट किए जा रहे हैं। 

👉🏻लेकिन क्या यह सरकार का कर्तव्य नहीं है कि वह वरिष्ठ नागरिकों को  सम्मानजनक जीवन जीने में सक्षम करे जिन्होंने अपने स्वर्णिम  जिंदगी के हजारों दिन/30-40 साल देश की सेवा में विभिन्न संगठनों में काम करके व्यतीत किया हो? 

1 April 2022

EPS 95 of Pensioners- An Important meeting concluded successfully

  EPS 95 of Pensioners- An Important meeting concluded successfully



National Agitation Committee:-


 Sangli (Maharashtra) Dated - 28.03.2022


 Under NAC's Nationwide Save EPS95 Pensioners  Campaign

 EPS 95 of Pensioners- An Important meeting concluded successfully.


 * National Chief Legal Advisor of NAC - Er. / Adv. Shri Kawish Dange ji and Chief Coordinator West India Er.  Shri CM Deshpande ji were present. 


 Presence of EPS95 pensioners in hundreds.


Senior NAC leader Er.  Shri Jambu Khot, Former General Secretary, SEA,  Er. Shri Mohan Bhise Ex-President, SEA & Er.  Shri Prakash Jedhe, Senior NAC Leader, Superintending Engineer (Retd) also addressed the gathering.

16 March 2022

STANDING COMMITTEE ON LABOUR : Lok Sabha MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT DEMANDS FOR GRANTS (EPS95)

 STANDING COMMITTEE ON LABOUR : Lok Sabha MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT DEMANDS FOR GRANTS (EPS95)

STANDING COMMITTEE ON LABOUR, TEXTILES AND SKILL DEVELOPMENT (2021-22) (SEVENTEENTH LOK SABHA) MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT DEMANDS FOR GRANTS (2022-23) THIRTIETH REPORT LOK SABHA SECRETARIAT NEW DELHI March, 2022/Phalguna, 1943 (Saka) THIRTIETH REPORT

 Relevant Extracts from the Report 123. There was a proposal to enhance the minimum pension of Rs. 1,000 per month to Rs. 2,000/3,000 per month under EPS, 1995. However, additional allocations on this count have not been proposed in BE 2022-23. When enquired about the present status in this regard, the Ministry replied as under: - 

“The Employees’ Pension Scheme (EPS), 1995 is a ‘Defined Contribution Defined Benefit’ Social Security Scheme. There is a pooled account for providing pension under EPS consisting of

 (i) contribution by the employer @ 8.33 per cent of wages; and (ii) contribution from Central Government through budgetary support @ 1.16 per cent of wages, up to an amount of Rs.15,000/- per month. Amount of member’s pension under the Scheme is determined taking into account the pensionable period of service and pensionable salary as per following formula: 

Pensionable Service X Pensionable Salary 70 It is evident that the amount of pension is based on a predefined formula. However, the Government, for the first time, provided a minimum pension of Rs. 1000 per month to the pensioners under EPS, 1995 from 01.09.2014 by providing additional budgetary support wherever the pension was falling short as per above determined formula. Representations have been received from individual pensioners as well as pensioners associations to increase the minimum pension under the Employees’ Pension Scheme (EPS), 1995.

 Therefore, Ministry constituted a High-Empowered Monitoring Committee for complete evaluation and review of the Employees’ Pension Scheme, 1995 on 04.01.2018. The Committee had submitted its report on 21.12.2018 to the Government. The Committee had, inter-alia, recommended that minimum monthly member pension payable to the member /widow/ widower pensioners may be raised to at least Rs.2000 per month, provided the Central Government budgetary support is provided for the same on yearly basis.


15 March 2022

रिटायरमेंट .....वरदान या अभिशाप ! Retirement.... Good or Bad !

 रिटायरमेंट .....वरदान या अभिशाप !  Retirement.... Good or Bad !


!!रिटायरमेन्ट‼️


रिटायर्ड आदमी को,

सब फालतू समझते हैं।

वे छोटी छोटी बातों में, 

बार बार बमकते हैं।

बात करो तो, 

अपनी ही हाँकते हैं।

मैंने ये किया, वो किया, 

_यही फांकते हैं❗ 


          पत्नी कहती है --

  दिन भर कुर्सी तोड़ते हो। 

मोबाइल में आंखे फोड़ते हो,

        जाओ बाजार से, 

_कुछ सामान ही ले आओ❗


बहू कहती है --

मुन्ना रो रहा है, 

उसे घुमाने ले जाओ।

चाय बनाने में भी, 

वह शर्त लगाती है। 

मुन्ना को घुमा लाऊँ, 

_तब चाय पिलाती है❗


    रिटायर क्या हुआ,

जैसे मेरी सरकार ही गिर गई।

सात जन्मों की साथी पत्नी भी, 

 _रूलिंग पार्टी से मिल गई❗

टीवी देखता हूँ, 

तो बच्चे रिमोट छीन लेते हैं।

कार्टून चैनल देख कर, 

आस्था लगा देते है!

हम आस्था लायक हैं, 

ये कैसे जान लेते हैं?

एक पैर कब्र में गया, 

_ये कैसे मान लेते हैं❓


  लेडीज जिमनास्टिक्स देखता हूँ,

      _तो लोग मुझे देखते हैं।_

    जैसे कहते हों, बूढ़े हो गये,

 _मगर अब भी आँखें सेकते हैं❗

2 February 2022

What is Digital University ? क्या है Digital University जानिए सब कुछ ? Courses,Fees & Others

What is Digital University ? क्या है Digital University जानिए सब कुछ ? Courses,Fees & Others


 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में देश में एक Digital University के गठन का ऐलान किया है। Digital University का ऐलान करते हुए सीतारमण ने कहा कि इसका निर्माण Hub and Spoke मॉडल के आधार पर किया जाएगा। 

आज हम जानेंगे ये Digital University है क्या ? और किस प्रकार से ये काम करेगी बाकी जानकारी इससे जुड़े हुए। 

चलिए जानते हैं कि आखिर क्या होती है डिजिटल यूनिवर्सिटी? क्या हैं इसके फायदे? देश और दुनिया में कहां हैं डिजिटल यूनिवर्सिटी?

देश में बनेगी डिजिटल यूनिवर्सिटी


देश भर के छात्रों को घर बैठे वर्ल्ड क्लास एजुकेशन उपलब्ध कराने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक Digital University बनाए जाने का ऐलान किया।


वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना इंफॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशंस टेक्नोलॉजी (ICT) फॉर्मेट पर होगी,जो Hub and Spoke मॉडल नेटवर्क पर काम करेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि Digital University के जरिए देश की विभिन्न भाषाओं (Hindi,English & Other Regional Langaues) में शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

Digital University के जरिए छात्रों को इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन (ISTE) के स्टैंडर्ड पर World Class Education  उपलब्ध कराया जाएगा।

क्या होती है डिजिटल यूनिवर्सिटी?

Digital University एक ऐसी यूनिवर्सिटी होती है, जो छात्रों को कई तरह के कोर्स और डिग्रियों की शिक्षा पूरी तरह Online उपलब्ध कराती है।

Digital University आवश्यक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए देश की अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर काम करती है। 

निर्मला सीतारमण ने अभी ये स्पष्ट नहीं किया है कि डिजिटल यूनिवर्सिटी में किस तरह के कोर्सेज पढ़ाए जाएंगे।

माना जा रहा है कि इसमें टेक्निकल एजुकेशन समेत कई कोर्सेज की ऑनलाइन पढ़ाई जाएंगी ।

इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि देश के दूरदराज क्षेत्रों में मौजूद छात्रों को भी World Class शिक्षा मिल पाएगी।

Digital University में देश की टॉप यूनिवर्सिटीज को जोड़ने की योजना है, इससे छात्रों को एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए कई टॉप यूनिवर्सिटीज के कोर्सेज करने का मौका मिल जाएगा।

डिजिटिल यूनिवर्सिटी से किसी भी छात्र को किसी शहर में गए बिना अपने घर बैठे ही उस शहर की टॉप यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने का सपना पूरा सकेगा।

अब सवाल ये कि देश में पहले से मौजूद इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) या सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी जैसे डिस्टेंस लर्निंग की सुविधा देने वाले संस्थानों और डिजिटल यूनिवर्सिटी में आखिर क्या फर्क है?

दरअसल, डिस्टेंस लर्निंग या दूरस्थ शिक्षा उपलब्ध कराने वाले संस्थान ऑनलाइन क्लासेज नहीं चलाते बल्कि वे संबंधित कोर्स का स्टडी मैटेरियल छात्र को पोस्ट के जरिए उनके घर पर भेज देते हैं। वहीं डिजिटल लर्निंग या डिजिटल यूनिवर्सिटी से छात्र घर बैठे ही ऑनलाइन पढ़ाई कर पाएंगे।

डिजिटल यूनिवर्सिटी में एक कैंपस होता है, जहां टीचर और स्टाफ होते हैं। इस कैंपस के जरिए ही अलग-अलग जगहों पर मौजूद छात्रों को अलग-अलग कोर्सेज की ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराई है।

क्या है Hub and Spoke मॉडल नेटवर्क


सरकार की योजना प्रस्तावित डिजिटल यूनिवर्सिटी को हब एंड स्पोक मॉडल नेटवर्क पर स्थापित करने की है।


दरअसल, हब एंड स्पोक मॉडल ऐसा डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल होता है, जिसमें सब कुछ एक सेंट्रलाइज्ड 'हब' से पैदा होता है और फिर अंतिम कंज्मशन के लिए छोटे स्थानों, यानी 'स्पोक' तक जाता है।

Hub and Spoke मॉडल को डिजिटल यूनिवर्सिटी के संदर्भ में देखें, तो एक कैंपस यानी 'HUB' से निकलकर शिक्षा देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मौजूद छात्रों यानी 'SPOKE' तक डिस्ट्रीब्यूट होगी।

सीधे शब्दों में कहें, तो हब एंड स्पोक मॉडल का मतलब है कि आपने एक मैसेज (हब) क्रिएट किया और फिर उसे एक ही बार में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (स्पोक) जैसे-ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर शेयर कर दिया।

देश में पहले ही खुल चुकी है डिजिटल यूनिवर्सिटी

देश में पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी फरवरी 2021 में ही केरल में खुल चुकी है। केरल के टेक्नोसिटी में देश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना है।

केरल में डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना दो दशक पुराने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट केरल (IIITM-K) को अपग्रेड करके है।

केरल की डिजिटल यूनिवर्सिटी पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम और विभिन्न डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में रिसर्च कोर्स उपलब्ध कराती है।

ये यूनिवर्सिटी कम्प्यूटर साइंस, इंफॉर्मेटिक्स, अप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ह्यूमैनिटीज के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, साइबर सिक्योरिटी, डेटा एनालिटिक्स समेत अन्य इंडस्ट्री आधारित कोर्स उपलब्ध कराती है।

देश की दूसरी डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना राजस्थान के जोधपुर में की जा रही है। जोधपुर डिजिटल यूनिवर्सिटी का निर्माण 30 एकड़ क्षेत्र में करीब 400 करोड़ की लागत से किया जा रहा है।

जोधपुर डिजिटल यूनिवर्सिटी में ट्विन टावर की शक्ल में बनने वाले कैंपस में खिड़कियों की जगह विंडोज मैट्रिक्स नजर आएंगे।

दुनिया में कई यूनिवर्सिटीज उपलब्ध करा रही हैं डिजिटल डिग्रियां |

29 December 2021

Social justice and inequality

 Social justice and inequality


 Social justice and inequality

If this is the case for workers in the organized sector, which makes up ten per cent of the workforce, one can only guess at the situation for ninety per cent in the unorganized sector. There are no significant mechanisms in place for the old age security of workers in the unorganized sector. The situation is complicated by the breakdown of joint families, the increase in life expectancy and the increase in the proportion of the elderly in the population.

The total assistance is a monthly pension of Rs. 200 / - for those aged 60 and 79 years and Rs. 500 / - for those above 80 years of age as part of the Central Government's National Social Assistant Program. (It is a different story that about 51 lakh people in Kerala are given a social pension of Rs. 1600 per month). It has recently been made clear in Parliament that it is not possible to raise the long-fixed rates of pensions provided by the Central Government.

 
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