17 July 2021

Supreme Court's decision - सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया फैसला

 Supreme Court's decision - सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया फैसला


 Supreme Court's decision

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 For information of all pensioners

 dear friends,

 It is surprising that a landmark judgment delivered by the Supreme Court of India on 01 07 2015, Civil Appeal No.  1123 of 2015 went unnoticed and no other association has taken any action, except in a short letter from Mr. S. R. Sen Gupta to IBA.  Key features of the verdict:

 1. The Bench has officially ruled that pension is a right and its payment does not depend on the discretion of the government.  Pension is governed by rules and a government employee falling within those rules is entitled to claim pension.

 2. The judgment has held that revision of pension and revision of pay scale are inseparable.

 3. The bench reiterated that the basic pension on revision cannot be less than 50% of the basic pension in the minimum pay band in the revised pay scale as per the pre-revised pay scale.

 4. The government cannot take the plea of ​​financial burden for denying the legitimate dues of pensioners.

 5. The government should avoid unfair litigation and should not encourage any litigation for the sake of litigation.

 6. When pension is treated as a right and not a reward, as a consequence of the presumption that revision of pension and revision of pay scales are inseparable, upgradation of pension is also a right and not a reward.

 The decision is based on the judgment on DS Nakara case.

 The decision is very clear and I wonder how no one paid attention to the important aspects and why no one took up the matter with the government.

 Why no one reacted to the verdict is surprising and astonishing.


 Dear Pensioners!

 Forward this message to at least twenty people (non-pensioner also as citizens of India) in your contact list;  And in turn ask each of them to do the same.

 In three days, most people in India will have this message.

13 July 2021

Shivaganga MP (TN)Hon. Shri. Karti Chidambaram and discussed EPS'95 pensioners suffering and struggle

Shivaganga MP (TN)Hon. Shri. Karti Chidambaram and discussed  EPS'95 pensioners suffering and struggle


 प्रिय मित्रों,

श्री पी बालाजी और श्री वी.एस. नटराजन, हमारी चेन्नई टीम, आज (११ जुलाई,२१) शिवगंगा सांसद मा। श्री। करती चिदंबरम से मिले कर हमारी  विनंती पत्र सपा। हमें आपको  बताते हुए बेहद खुशी हो रही है।

 EPS'95 पेंशनभोगियों ने उनके साथ उनकी पीड़ा और उनके संघर्ष के बारे में विस्तार से चर्चा की। श्री कार्ति चिदंबरम ने हमारी टीम की बातों को बहुत सायंस से सुना और मानसून सेशन में हमारी समस्याओं का विषय प्रस्तावित करने का वादा किया।

श्री कार्ति चिदंबरम को हमारा प्रणाम और धन्यवाद ।

 अपनी टीम के सदस्यों श्री पी बालाजी और श्री वी.एस. नटराजन की उनके अद्भुत काम के लिए सराहना करते हैं और तमिलनाडु के और भी अधिक सांसदों से मिलने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास जारी रखा है।

10 July 2021

Union Labour & Employment Minister Bhupendra Yadav and MoS Rameswar Teli take charge of new assignments

 Union Labour & Employment Minister Bhupendra Yadav and MoS Rameswar Teli take charge of new assignments


Union Minister for Labour & Employment and Environment & Forests Shri Bhupendra Yadav took charge of his office in the Ministry of Labour and Employment here today. Shri Yadav is a Member of Parliament in the Rajya Sabha, representing the state of Rajasthan. He is an expert on parliamentary select committees. He was Chairman of the Joint Committee on Insolvency and Bankruptcy Code, 2015. At present, he is Chairman of Rajya Sabha Select Committee on Surrogacy (Regulation) Bill, 2019.


The Minister met the senior officers of the Ministry, and took stock of the ongoing, pending and burning issues in the Ministry. The Minister directed the senior officers that any new ideas which comes to their mind should be openly shared and discuss with him so that suitable policies and schemes can be devised and implemented for the crores of workers, both organized and unorganized, in the country.

Minister of State for Labour & Employment and Petroleum & Natural Gas Shri Rameswar Teli also took charge of the office of MoS Labour and Employment today. He was earlier Minister of State for Food Processing Industries. He is a Lok Sabha MP from Dibrugarh, Assam. 

Supreme Court of India EPS'95 Cases - Next date of Hearing

 Supreme Court of India EPS'95 Cases - Next date of Hearing 



Supreme Court of India EPS'95 Cases - Next date of Hearing has now been updated on its website date 20:07:2021 .

(Computer Generated)

26 June 2021

लोक सभाध्यक्ष ओम बिड़ला को ज्ञापन सोंप इपीएस पेंशनरों ने बताई अपनी व्यथा कथा



 लोक सभाध्यक्ष ओम बिड़ला को ज्ञापन सोंप इपीएस पेंशनरों ने बताई अपनी व्यथा कथा


चित्तौड़गढ़। राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष मा. कमांडर अशोक राऊत एवं प्रदेशाध्यक्ष माननीय रणजीत सिंह दसुंदी एवं कोटा, चितौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ के संयुक्त अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शक्तावत के नेतृत्व में चितौड़गढ़ शहर अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, प्रतापगढ़ अध्यक्ष सुरेश पाटीदार द्वारा माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी को चार सुत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया।


भारत के 67 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स जिन्होंने रू. 417/- रू. 541/- और रु.1250/- प्रति माह 30 से 35 वर्ष के सेवाकाल में पेंशन फंड में जमा करवाए, जिसका आज का मूल्य रु. 15 से 20 लाख है, वह सामाजिक सुरक्षा के लिए केवल 500 से 3000 रुपये पेंशन प्राप्त कर रहे यह पेंशन हमारी जीवन रेखा हैं, दो वृद्ध लोगों के लिए इस राशि में सम्मानपूर्वक रहना बिल्कुल असंभव है। (जबकि लगभग 5.50 लाख करोड़ पेंशन फंड मे जमा) दिनांक 7.01.1996 को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने एक अधिकृत विज्ञापन प्रकाशित किया था जिसमें कहा गया था कि ईपीएस 95 पेंशन सरकारी पेंशन से 10 प्रतिशत या अधिक लाभदायक होगी। साथ ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने हर तीन साल या उससे पहले मूल्य सूचकांक के साथ पेंशन का मूल्यांकन करने का वादा किया था कि कर्मचारियों की पूंजी उनकी मृत्यु के बाद उनके नॉमिनी को वापस कर दी जाएगी। हालांकि, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा किसी भी वादे का पालन नहीं किया गया।


वर्ष 2008 में एकतरफा रूप से पूंजी पर प्रतिलाभ वापस ले लिया गया. 2014 में उन्होंने पेंशन की गणना के आधार 12 महिने औसत वेतन को 60 महीने के औसत वेतन में बदल दिया, जिससे पेंशन की राशि कम हो गई। वर्ष 2013 में भगतसिंह कोशियारी समिति की रिपोर्ट के अनुसार 3000 या उससे अधिक व उसे मंहगाई से जोड़ने की शिफारिस की कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एवं श्रम मंत्रालय लगातार ईपीएस 95 पेंशनरों पर अन्याय कर रहा है।


दिनांक 4.10.2016 के निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन देने का आदेश दिया. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने भी इस फैसले को स्वीकार कर लिया था और एक परिपत्र दिनांक 23.3.2017 को जारी किया लेकिन एक डब्ल्यू मोड़ लेते हुए उन्होंने दिनांक 31.5.2017 को एक अंतरिम एडवाइजरी


जारी की, जिसमें पेंशन पाने वाले तथाकथित ऐकजमटेड संस्थानों के पेंशनभोगियों को अदालत में जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस अन्याय से लड़ने के लिए 27 राज्यों में संगठन सक्रिय है।


माननीय श्रम मंत्री जी के आश्वासन के बाद व अपील पर सभी आंदोलन वापिस ले लिए गए है लेकिन एनएसी के मुख्यालय बुलढाणा (महाराष्ट्र) में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने दिनांक 24.12.2018 से क्रमिक अनशन जारी है व आज इस अनशन आंदोलन का 915वाँ दिन है। एनएसी नेताओं ने 4 मार्च 2020 को माननीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की। माननीय प्रधानमंत्री ने एनएसी नेताओं को युद्धस्तर पर इस मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया। तब से एक साल से अधिक समय बीत चुका है लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए वृद्ध पेंशनरों और उनके परिवार में जबरदस्त गुस्सा / नाराजगी देखी जा रही है। हमारी मांगें इस प्रकार हैं:


(1) न्यूनतम मासिक पेंशन रू. 7500/+ डीए (2) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की दिनांक 31 मई 2017 की अंतरिम एडवाइजरीको वापिस लिया जाए व ईपीएस 95 पेंशनरों को मा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश व ईपीएफओ के परिपत्र दिनांक 23.03.2017 अनुसार उच्च पेंशन का विकल्प दिया जाए।


(3) सभी ईपीएस 95 पेंशनरों को चिकित्सा सुविधा। (4) ईपीएस 95 सेवानिवृत्त कर्मचारी जो ईपीएस 95 योजना के सदस्य नहीं हैं, उन्हें ब्याज के साथ योगदान की वसूली करके और उन्हें उचित बकाया राशि की अनुमति देकर पूर्व पोस्ट सदस्यता की अनुमति दी जानी चाहिए अन्यथा उन्हें पेंशन के लिए रु.5000/- प्रति माह निर्धारित किया जा सकता है। लोकसभा अध्यक्ष महोदय ने प्रकरण की गंभीरता एवं अपने क्षेत्र में निवासरत अति अल्प भोगी पेंशनरों की व्यथा को देखते हुए अविलंब समाधान करवाने का आश्वासन दिया।


संगठन के पदाधिकारी गिरिराज वर्मा, सत्यनारायण सेन, अशोक जैन, सुधीर मेहता, बृजेश मोदानी, मांगीलाल जी के माहेश्वरी, केसरीलाल, मोहनलाल आदि उपस्थित थे।

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16 June 2021

EPS 95 Pensioners Supreme Cort Judgment in Favour of EPF Pensioners

 EPS 95 Pensioners Supreme Cort Judgment in Favour of EPF Pensioners 



5 साल से पेडींग ईपीएस 95 पेंशनरो की समस्या का समाधान सर्वोच्च न्यायालय कैसे हल कर सकता है.

अभीतक ईपीएस पेंशनरों की ओरसे न्यायप्रविष्ट मामलो मे उच्च एवंम् सर्वोच्च न्यायालय ने पेंशनरो के बाजू मे निर्णय दिए है. 

फिर भी ईपीएफओ और विद्यमान सरकार ऊसे मानणे से इन्कार कर रही है.

 अब तो सरकार ही  कामगार के विरोध मे (2016 मे सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन बढोत्तरी के दिए हुए निर्णय) के खिलाफ फिर से सुप्रीम कोर्ट मे पुनरविचार याचिका दायर करके यह सिद्ध कर दिया की देखो हमारी सरकार कितनी कामगार और कर्मचारी यों के हीत मे सोचती है.कार्य करती है.

 और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने ही दिए हुए निर्णय पर पुनरविचार याचिका मंजुर करके सरकार का फिलहाल साथ तो दिया ही है. लेकीन एक  विचार विद्यमान सर्वोच्च न्यायालयाने करना चाहीये की 4/10/2016 को दिए हुए निर्णय पर 2021 तक यदी अंमल नही होता हो तो ' क्या फायदा है सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का?

पिछले 5 सालो मे करीब करीब 2 लाख से जादा  पेंशनरो की मौत हो चुकी है. 

क्या पता और कितनो की बली चाहता हैं. यह सिस्टम 

क्या 700/800 रुपयो मे यह ईपीएस पेंशनरों का जीवनयापन कैसे होता होगा यह एक साधारण सा विचार करने के लिए 7 साल लगे है.ईस विद्यमान सरकार को

12 June 2021

EPS 95 Pensioners BIG News Madhya Pradesh High Court allow 5000/- Pension EPF Supreme Court

 EPS 95 Pensioners BIG News Madhya Pradesh High Court allow 5000/- Pension EPF Supreme Court 

This petition under Article 226 of the Constitution of India has been filed against the order dated 21.1.2021 passed by respondent No.2 by which the order revising the pension as well as the revised PPO has been cancelled and the petitioner has been directed to refund the excess amount. It is not out of place to mention here that the Assistant Provident Fund Commissioner has also been impleaded in his personal capacity as respondent No.3. It is the case of the petitioner that the petitioner was the employee of Gwalior Sahakari Dugdh Sangh Maryadit, Gwalior (respondent No.4). The petitioner had opted the scheme of EPF, 1995 and employee's contribution was being deducted and the employee subscription was being deposited by the employer. The petitioner stood retired in the month of April, 2013 and PPO was also issued. Thereafter, the petitioner made a representation for grant of higher pension under the Scheme of EPF, 1995 and on the basis of same, the Manager (Adm.) issued letter dated 8.9.2017 asking for option under the format. Accordingly, on 11.7.2017 the petitioner submitted his.... DOWNLOAD BELOW 

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11 June 2021

Uttar Pradesh (U.P) will devide in 3 States before 2022 Election

  Uttar Pradesh (U.P) will devide in 3 States before 2022 Election


 

यूपी दिल्ली मंथन:-उत्तर प्रदेश तीन राज्यों में विभाजित होने की संभावना! पश्चिम और बुंदेलखंड होंगें नए राज्य,शेष उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहेंगे योगी जी, नए राज्यों के लिये मुख्यमंत्रियों के नामों पर चर्चा! मानसून सत्र में आ सकता है राज्य पुनर्गठन संसोधन विधेयक।।

कयास

लखनऊ,


सूत्रों से बड़ी खबर,


केंद्र सरकार की यूपी को दो राज्य में वाटने की तैयारी...


विधानसभा चुनाव से पहले विभाजन की तैयारी...


पूर्वांचल को दूसरा राज्य बनाने की कवायद तेज़...


योगी का गढ़ गोरखपुर भी पूर्वांचल में होगा शामिल...


एके शर्मा की यूपी में तैनाती से जोड़कर देखा जा रहा सारा घटनाक्रम....


मोदी सरकार का होगा एक और बड़ा क़दम....


10 June 2021

पेन्शनर बंधुंनो, भारताच्या राष्ट्रपतींनी राज्यसभेवर सुप्रसिद्ध वकील श्री. महेश जेठमलानी यांची एका रिक्त जागेवर खासदार म्हणून नेमणूक केली आहे.

 पेन्शनर बंधुंनो,

सप्रेम नमस्कार. 

                   नुकतेच भारताच्या राष्ट्रपतींनी राज्यसभेवर सुप्रसिद्ध वकील श्री. महेश जेठमलानी यांची एका रिक्त जागेवर खासदार म्हणून नेमणूक केली आहे.

                  सरकारकडून अनेक क्षेत्रातील नामवंतांना राज्यसभेवर नियुक्त केले जाते. सदर नामवंतांचा आदर, गौरव म्हणूनच त्यांना खासदार म्हणून राज्यसभेवर घेतले जाते,असे वाटते.

                  अशा नियुक्त राज्यसभा खासदारांकडून लोकहिताची किंवा जनतेच्या अडीअडचणी सोडविण्याची फारशी भरीव कामगिरी झालेली दिसत नाही,असो

                 आपण शासनाकडे EPS.95ची पेन्शनवाढ करा,किंवा त्यामध्ये सुधारणा करा अशी मागणी अनेक राजकारणी पक्षांच्या नेत्यांच्या माध्यमातून करीत आहोत. पण प्रत्यक्षात फारच थोड्या लोकांनी मागण्यांचा विचार करून राज्यसभेत किंवा संसदेत आवाज उठविला आहे. प्रमाण अत्यल्पच आहे.

                 साधारण 15 लाख मतदारांमागे एक खासदार निवडून येतो. आपण तर 65 ते 70 लाख पेन्शनर आहोत. वरील प्रमाणामध्ये आपल्यामधून कमीत कमी 5 खासदार संसदेत जाऊ शकतात. पण वास्तवामध्ये हे अशक्य आहे.

                   म्हणूनच आपले प्रतिनिधित्व करणारा प्रामाणिक निस्वार्थी ,तळमळीचा राष्ट्रहित डोळ्यापुढे ठेवून पेन्शनरांचे प्रश्नांचा वारंवार पाठपुरावा करणारे प्रतिनिधी राज्यसभेत असले पाहिजेत असे वाटते. त्यासाठी सर्व पेन्शनर, समन्वय समिती,नेते मंडळीनी मा. पंतप्रधान किंवा राजकीय पक्षाच्या माध्यमातून राज्यसभेत प्रतिनिधित्व मिळवण्यासाठी जोरदार प्रयत्न करणे आवश्यक वाटते.

                    मार्ग खडतर आहे पण किमान आपली मागणी पुढे रेटली पाहिजे. तसा प्रयत्न तरी करणे गरजेचे आहे. म्हणजे कधीतरी मा. प्रकाशजी पाठक,

मा. प्रकाशजी येंडे,मा.भिमराव डोंगरे यासारख्या प्रामाणिक नेत्यांचे न्याय मिळवायचे स्वप्न तरी पुरे हो हि प्रामाणिक इच्छा.

                                  कळावे,

                       आपला विश्वासू ,

                   श्री.अरूण मार्डीकर 

EPS 95 Pensioners Update Latest Today : आपके सुझाव अति आवश्यक है उसके उपरांत बिचार EPF News 2021

EPS 95 Pensioners Update Latest Today : आपके सुझाव अति आवश्यक है उसके उपरांत बिचार EPF News 2021

 

दुरस्त किया हुआ मसूदा सादर

निवडनुक के संदर्भ मे बिचार हेतु बिनती।


मां. मेरे सभी प्रिय, भाईयों को प्रकाश पाठक का सप्रेम नमस्ते, नमस्कार,सन २००८ से हम सब पेंशन बढ़ोतरी के लिए निरन्तर प्रयास कर रहे है।आपके द्वारा भी इस विषय पर सतत बिचार किया जा रहा है। इस प्रयास मे, आप  ने भी हमे आपके विचार समय समय भेजे है वह भी हमे प्राप्त हैं। 

Think tank ग्रुप पर इस पर बहुत ही अभ्यास पूर्ण विचार हुआ है। मैं आपको इस के लिए सलाम करता हु, धन्यवाद अदा करता हु।

 जैसा की  मैं एक निवृत कर्मचारी (१९९५) राष्ट्रीय संघटन , नागपुरका ,६७ लाख निवृति धारकों का एवम १७.२० करोड़ कार्यरत कामगारोका और उनके परिवार एवं उनके मित्र परिवार का भी सेवक हु इसे आप पहले स्वीकृत करें यह  आपसे सभी को नम्र बिनती ।इस कार्य से मे और हमारे सभी पदाधिकारी १००% जोश के साथ ,अभी जो प्रयास हम कर रहे है उसमे और चार चांद लग जाएंगे और हम आपके ही ताकत के भरोसे जिस प्रकार  कामुतेशन की मांग, प्यारा १०/२ के मांग द्वारा हर माह रूपये करीब करीब रूपये १०० से १८५ तक  एरियर्स के साथ प्राप्त किया है।सन १९७१ के स्कीम का परिवर्तन जब १९९५ के स्कीम आई तो  जन्म तारीख में ई पी एफ ओ द्वारा अंदाज से जन्म तारीख रिकार्ड किया था।इस का मैं भी शिकार था। इस प्रकार  मांगे मंजूर   करके  करोड़ो रूपये शासन से मंजूर करवाए भी हैं  और आगे भी संघर्ष करके हम हासिल किए है और करते रहेंगे ये आप सभी को आश्वस्त करता हु। इस बीचार के साथ मैं आपके सेवामे एक बिनती भी करता हु इस पर जरूर गौर करे और आज वह क्यों अत्यावक्षक यह भी  सोचे है।

बिनती:

7 June 2021

60 लाख से अधिक पेंशनभोगियों ने बकाया बढ़ाने में देरी के विरोध में अनशन किया EPS 95

 60 लाख से अधिक पेंशनभोगियों ने बकाया बढ़ाने में देरी के विरोध में अनशन किया EPS 95 



60 लाख से अधिक पेंशनभोगियों ने बकाया बढ़ाने में देरी के विरोध में अनशन किया

 5 जून 2021 एम एस नटराजन।  राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी), एक राष्ट्रव्यापी संगठन जिसमें ईपीएस'95 पेंशनभोगी शामिल हैं, ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस') पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के कार्यान्वयन के लिए अपनी मांगों पर जोर देने के लिए 1 जून को देशव्यापी "एक दिवसीय उपवास" किया।  95) दिनांक 4 अक्टूबर, 2016। फैसले ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को पेंशनभोगियों के वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन राशि बढ़ाने का निर्देश दिया था।


 पूरे देश में 60 लाख से अधिक सदस्यों ने भाग लिया, जिसमें कर्नाटक के पांच लाख सदस्य शामिल थे, जिसमें एक दिन के उपवास में बैंगलोर के एक लाख सदस्य शामिल थे।  यदि केंद्र सरकार ने उनके आंदोलन पर ध्यान नहीं दिया और उनकी मांगों पर कोई अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं मिली तो एनएसी ने अपना आंदोलन तेज करने की योजना बनाई है।  वादे अधूरे

 7 जनवरी 1996 को, EPFO ​​ने एक विज्ञापन प्रकाशित किया था जिसमें कहा गया था कि EPS'95 पेंशन निश्चित रूप से सरकारी पेंशन से 10% या अधिक होगी।  ईपीएफओ ने हर तीन साल या उससे कम समय में मूल्य सूचकांक के साथ पेंशन का पुनर्मूल्यांकन करने का भी वादा किया था।  तब यह वादा किया गया था कि ईपीएफओ के पास शेष योगदानकर्ता की पूंजी राशि उसकी मृत्यु के बाद योगदानकर्ता के उत्तराधिकारियों को (पूंजी की वापसी) वापस कर दी जाएगी।

EPS 95 पेंशनर्स बचाओ अभियान , वृद्ध EPS 95 पेन्शनर्स की आवाज को सरकार तक पहुंचाने में हमारा संगठन

 EPS 95 पेंशनर्स बचाओ अभियान , वृद्ध EPS 95 पेन्शनर्स की आवाज को सरकार तक पहुंचाने में हमारा संगठन

सभी सम्माननीय प्रांतीय अध्यक्ष व मुख्य समन्वयक:-

कृपया ध्यान दीजिए:-

NAC का 

EPS 95पेंशनर्स बचाओ अभियान

 प्रिय मित्रों,

वृद्ध EPS 95 पेन्शनर्स की आवाज को सरकार तक पहुंचाने में हमारा संगठन NAC सफल तो रहा लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है. 

हमारे पेंशनर भाई -बहन दिन प्रतिदिन हमें छोड़कर संसार से बिदा हो रहे हैं.

NAC के मुख्यालय बुलढाणा महाराष्ट्र में क्रमिक अनशन का आज दिनांक 7 जून 2021 को 897 वा दिन है.

आइए, हम सब मिलकर पेंशनर्स की आवाज को जन आंदोलन का रूप देकर उन्हें न्याय दिलाएं.

हो सकता है कि आपका एक संदेश उनका भाग्य बदलने में सहयोगी सिद्ध हो🙏

इस महाअभियान के प्रथम चरण में दिनांक 07 जून 2021 से 10 जून 2021 तक सभी प्रांतीय अध्यक्षों द्वारा मा.प्रधानमंत्री/मा.वित्त मंत्री/मा.श्रममंत्री/सभी मा.सीबीटी सदस्य व अपने अपने प्रांत के सभी मा.संसद सदस्यों को पत्र लिखना व Email द्वारा भेजने का कार्यक्रम सुनिश्चित किया गया है.

आप सभी से निवेदन है कि कृपया इस कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संपन्न कीजिए


आपका अपना,

कमांडर अशोक राऊत,

 
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