7 December 2020

Gurumukh singh Sahl President NCR देश के 67 लाख EPS95 के बात सोचते हैं तो यहाँ भी आम और खास दो श्रेणियां दिखाई देती है,कुछ अत्यंत गरीब तो कुछ अत्यंत सक्षम

  Gurumukh singh Sahl  President NCR देश के 67 लाख EPS95 के बात सोचते हैं तो यहाँ भी आम और खास दो श्रेणियां दिखाई देती है,कुछ अत्यंत गरीब तो कुछ अत्यंत सक्षम


श्री Gurumukh singh Sahl
President NCR के नाम खुला पत्र
आप किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं,अच्छी बात है,किन्तु कृषी कानून का मुद्दा जितना अच्छा एक आम किसान समझ सकता है कोई दूजा नहीं।लेकिन आम किसान कम विशेष किसान ही उनकी पैरवी करते नजर आ रहे हैं ऐसा मैं नहीं बल्कि लोग कह रहे हैं और TV में लाखों लोगों के लिए जिस प्रकार खाने पीने, सोने ओढेने के इंतेजाम दिखाया जा रहा है,शायद किसान जिसे में गरीबो की श्रेणी में रख कर देखते हैं,
ये सब उनके कूबत के बाहर ही होना चाहिए।हम जब देश के 67 लाख EPS95 के बात सोचते हैं तो यहाँ भी आम और खास दो श्रेणियां दिखाई देती है,कुछ अत्यंत गरीब तो कुछ अत्यंत सक्षम। औसतन सभी वरिष्ठ नागरिक शारीरिक आर्थिक रूप से न केवल कमजोर हैं बल्कि इस दुनियां से कुछ करने की कगार पर हैं,अनेक तो विदा ही ले चुके हैं।
पिछले चार सालों से सभी पेंशनर्स अपनी अपनी सीमित समार्ध्य के अनुसार अपनी पेंशन की जायज मांगो के लिये सड़को पर ही नहीं बल्कि कोर्ट में भी संघर्ष करते चले आ रहे हैं,हमें तो अब तक किसी का समर्थन नहीं मिला।न देश के अंदर से न देश के बाहर से,जितने भी विपक्ष के राजनैतिक दल हैं उनमें से एक ने भी सामने आ कर हमारा समर्थन करना तो दूर किया,अपनी नजरें करम की इनायत करना की जरूरत महसूस नहीं की।
जिस प्रकार पूरे देश की किसानों की हालत है उससे बत्तर तो पूरे देश के EPS95 के सेवानिवृत्त,वरिष्ठ नागरिकों की है।हम अपने ही पेंशनर्स समाज का समर्थन नहीं दे पा रहे हैं,किसान भाइयों के समर्थन में बिना बुलाये ही चल पड़े हैं।मैं नहीं कहता कि आप गलत कर रहे हैं,अच्छा है समर्थन दीजिए,पर ऐसा है तो सिर्फ सोशल मीडिया में समर्थन देने से किसान आंदोलन को बल मिलता है तो मैं भी आपके साथ खड़ा हूँ।
क्या EPS95 के पेंशनर्स का जिसकी अगुवाई NCR के मंच से आप कर रहे हैं,पूरे देश के पेंशनर्स को चलो दिल्ली का आव्हान कर सकते हैं,क्या सभी नहीं तो सिर्फ दिल्ली और आसपास के पेंशनर्स के एक दस्ते को आंदोलन स्थल पर जा कर अपनी उपस्तिथि दर्ज करवा सकते हैं।
यदि ये संभव है तो आपकी सोशल मीडिया पर समर्थन किसान भाइयों के आंदोलन के लिये वास्तविक और सार्थक होगी,आप NCR जैसी संस्था के माननीय अध्यक्ष हैं जिसमें 50 के लगभग दूसरे पब्लिक सेक्टर,निजी,सहकारी,संस्थाओं के लाखों लोग जुड़े हुए हैं,ऐसे में आपके अकेले समर्थन का किसान भाइयों के आंदोलन पर तो कोई अधिक प्रभाव या उपयोग तो होने से रहा।
यदि आपका ये समर्थन व्यक्तिगत है तो ठीक है,जिसे आपकी बात समझ आती हो तो ठीक,पर आप किसी पर अपनी राय तो नहीं थोप सकते हैं न,आपकी इस पोस्ट के तो यही मायने लोग समझ रहे हैं जैसे कि आपके एक प्रबुद्ध मित्र श्री Satish Prasad जी ने इन्ही कारणों के चलते आपकी दोस्ती से विलग होने का मन बना रहे हैं।मेरे तो मानना है कि दोस्तों में लाख मतभेद हो मनभेद नहीं होना चाहिए।आप बहुत ही अनुभवी, समझदार व्यक्ति हैं
आदरणीय,इसलिए इस मामले में मुझे आपको किसी प्रकार की सलाह देने की जरूरत नहीं है।हाँ यदि हो सके तो किसान आंदोलन के किसी भी मंच से पेंशनरों को सरकार से न्याय दिलवाने पर समर्थन प्राप्त कर सकें,तो आपके इस प्रयास की सर्वत्र प्रशंसा जरूर होगी,इतना तो तय है।कमांडर अशोक रॉउट की तरह अन्य पेंशनरों के मंच से देश व्यापी आंदोलन चलाया जा रहा है,क्या उन्हें पेंशनर्स समाज में रहते हुए ऐसा ही समर्थन दे सकते हैं भले व्यक्तिगत तौर ही सहीं जैसा कि आप किसान भाइयों के समर्थन में आगे आये हैं ?
आपके उक्त समर्थन पर बाकि मित्रों की राय क्या होगी,ये तो तभी ज्ञात हो सकेगी,जब वो कुछ कहें,सभी ऐसे मित्रों का दिल से स्वागत ही करूंगा।क्षमा चाहूंगा वक्तव्य जरा लंबा हो गया मित्रों,फुर्सत में हो तो थोड़ा समय अपने पेंशनर समाज के लिए जरूर निकालें, यही विनम्र आग्रह है मित्रों.

6 December 2020

EPS -95 Pensioners 8-12-2020 को भारत बंद का सक्रिय समर्थन

 

EPS -95 Pensioners  8-12-2020 को भारत बंद का सक्रिय समर्थन

विषय :-- 

8-12-2020 को भारत बंद का सक्रिय समर्थन

महोदय,  

नए कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार की जिद क्यों? श्रम कानून में 4 कोड बिल को लागू करने पर जोर क्यों?

हम 67.8 लाख ईपीएस 95 सेवानिवृत्त होने के मामले में भी यह सवाल पूछते हैं। केंद्र सरकार इस तथ्य के बावजूद कानून में संशोधन न करने की सरकार की नीति का विरोध कर रही है कि 25 साल तक बिना किसी सामाजिक सुधार के महामारी जैसे महामारी के दौरान लगभग 1.80 लाख सेवानिवृत्त लोगों की मृत्यु हो गई है। 

8-12-2020 को, भारत बंद सेवानिवृत्त कर्मचारी (1995) राष्ट्रीय समन्वय समिति, नागपुर देश भर में सक्रिय समर्थन की घोषणा कर रही है।

मोदी सरकार ने 50 करोड़ कृषि और 50 करोड़ औद्योगिक मजदूरों को जबरन:

मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली में सैकड़ों किसान यूनियन और लाखों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस द्वारा आंदोलनरत किसानों का उत्पीड़न, जब वे दिल्ली आ रहे थे, अत्यधिक निंदनीय है। दिनांक 2-12-2020। महाराष्ट्र टाइम्स में "म्यूचुअल ट्रस्ट की आवश्यकता"

 शीर्षक और 30 नवंबर, 2020 को अखबार पढ़ने के बाद यह देखा गया है कि केंद्र सरकार "सरकारी पिता" की भूमिका में नहीं है, बल्कि किसानों और औद्योगिक श्रमिकों के दुश्मन की भूमिका में है। अगर देश के किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के ये नए कृषि कानून किसानों के लाभ के लिए नहीं हैं, तो उन्हें समझ नहीं आता कि सरकार को इन कानूनों पर जोर क्यों देना चाहिए। सरकार इन कानूनों को किसानों और श्रम क्षेत्र पर जबरन थोप रही है और कह रही है कि यह आपके हित में है।

यह वास्तव में विचार करने योग्य है कि सरकार वह क्यों नहीं कर रही है जो किसानों और श्रमिकों के लिए फायदेमंद है और क्यों सरकार जबरन थोप रही है जो किसानों और श्रमिकों के लिए फायदेमंद नहीं है। इन कानूनों को जबरन लागू करने के पीछे मोदी सरकार का कोई छिपा हुआ एजेंडा है या नहीं, इस पर संदेह होना स्वाभाविक है।

अब, इस नए कृषि कानून के तहत, किसानों की भूमि और श्रम का सामाजिक शोषण करने और उद्योगपतियों के गले में अधिक मुआवजा डालने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। हो रहा है और अभी तक सरकार मुख्य उद्देश्य कानून को लागू करना प्रतीत होता है और यह धारणा बढ़ रही है क्योंकि असंतोष जारी है। दूसरा कारण यह है कि मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया है।

इसके लिए, कृषि जिंसों को उचित मूल्य देकर कृषि वस्तुओं के MSP (न्यूनतम मूल्य) को दोगुना करना आवश्यक है, लेकिन चूंकि ऐसा नहीं किया जा सकता है, इसलिए सरकार का MSP को नष्ट करने का एक चतुर इरादा होना चाहिए। लेकिन अगर एमएसपी नष्ट हो जाता है, तो किसान बेसहारा हो जाएंगे और व्यापारियों को लूट लेंगे।

एमएसपी को नष्ट करके, सरकार किसानों की बहुत कम सुरक्षा को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। यह किसानों के साथ बड़ा अन्याय है।

             यह सरकार के लिए एक विनम्र प्रार्थना और बयान है कि सरकार को किसानों के दुश्मन की भूमिका में नहीं होना चाहिए, लेकिन माता-पिता की भूमिका में होना चाहिए और इन कानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए, यदि वे किसानों और औद्योगिक श्रमिकों के लिए फायदेमंद नहीं लगते हैं।

EPS-95 Pensioners दिनांक 8-12-2020.च्या भारत बंदला सक्रिय पाठिंम्बा,निवृत्त कर्मचारी (1995) राष्ट्रीय समन्वय समिति

 EPS-95 Pensioners दिनांक 8-12-2020.च्या भारत बंदला सक्रिय पाठिंम्बा 


कृपया प्रकाशनार्थ सादर||
प्रति,
संपादक,/संचालक,
देशभर दैनिक सर्ववृतपत्र व वृत वाहिन्या
भारत /नागपुर.

विषय :-- दिनांक 8-12-2020.च्या भारत बंदला सक्रिय पाठिंम्बा.
महोदय,    
नवीन कृषी कायद्यांचा केंद्र सरकारचा अट्टाहास का ? तसेच कामगार कायद्यात सुद्धा 4 कोड बिल लागू करण्याचा अट्टहास का? 
हा प्रश्न आम्हा 67.8 लाख  ई पी एस 95 निवृत्ति धारकांच्या निवृत्ति धरकान बाबतीत सुद्धा  केन्द्र सरकार सतत 25 वर्षा पासून कोणतीही सामाजिक सुधारना न करता कोरोना सारख्या महामारीच्या कालातही  जवळ जवळ 1.80  लाख निवृृृत्ति धारक स्वर्गवासी झाले असून सुद्धा कायद्यात दुरूस्ती न  करण्याच्या सरकार च्या  या नितिचा निषेध म्हणून दिनांक 8-12-2020 ला भारत बंदला निवृत कर्मचारी (1995) राष्ट्रीय समन्वय समिति, नागपुरचा देशभरात सक्रिय पाठिंम्बा जाहिर करीत आहे.
मोदी सरकार ची जबरदस्ती 50 कोटी कृषि व 50 कोटि औद्योगिक कामगारान :--
मोदी सरकारच्या तीन नवीन कृषी कायद्यांच्या विरोधात राजधानी दिल्लीत शेकडो शेतकरी संघटनेचे आणि लाखो शेतकऱ्यांचे आंदोलन सुरू आहे. या आंदोलनाला देशाचे पोशिंदे शेतकरी दिल्लीस येत असताना त्यांच्यावर पोलिसांकडून केंद्र सरकारने जो छळ केला तो अतिशय निंदनीय आहे.
 दिनांक    २-१२-२०२० च्या. महाराष्ट्र  टाइम्स मध्ये " परस्पर विश्वासाची गरज "  हे संपादकीय व दिनांक 30 नोव्हे.2020 चे वृतपत्र वाचल्यावर असे लक्षात येते की केंद्र सरकार   "सरकार मायबाप " च्या भुमिकेत नसून ते शेतकऱ्यांच्या व औद्योगिक कामगार दुष्मणा च्या भुमिकेत आहे. देशातील शेतकरी जर म्हणतात की केंद्र सरकारचे हे नविन शेतीविषयक कायदे शेतकऱ्यांच्या फायद्याचे नाही तर सरकारने ह्या कायद्यांचा अट्टाहास का धरावा हे कळत नाही. 
सरकार बळजबरीने हे कायदे शेतकऱ्यांवर व कामगार क्षेत्रात बलजोरी ने लादत आहेत आणि सांगत आहेत की हेच तुमच्या  फायद्याचे आहे. शेतकऱ्यांना व कामगाराना  जे फायद्याचे वाटते ते सरकार कां करीत नाही आणि शेतकऱ्यांना व कामगाराना  जे फायद्याचे वाटत नाही ते सरकार बळजबरीने कां लादत आहे , ही खरंच विचार करण्यासारखी गोष्ट आहे. या कायद्यांच्या बळजबरीने अंमलबजावणी करण्यामागे मोदी सरकारचा काही छुपा अजेंडा तर नाही ना अशी शंका येणे स्वाभाविक आहे.
आता या नवीन कृषी कायद्याच्या आडून शेतकऱ्यांच्या जमिनी व कामगारश्रमांचे  सामाजिक शोषण करुन उद्योगपतींच्या घशात जास्त मोबदला घालण्याचा सतत प्रयत्न केला जातो आहे आणि म्हणूच अशी शेतकऱ्यांची/ कामगार क्षेत्रात ज्यांची संख्या ही जवळ जवळ कृषि 50 करोड़ व 50 करोड़ औद्योगिक कामगार क्षेत्रात आहेत ते 100 करोड़ लोकांची ओरड होत आहे आणि तरीही सरकार हे कायदे बळजबरीने लागू करण्याचा मुख्य हेतू दिसून येतो आहे व हा समज सतत असंतोष म्हणून वाढत आहे. दुसरं कारण असं की २०२२ पर्यंत शेतकऱ्यांचे उत्पन्न दुप्पट करण्याचे आश्वासन मोदी सरकारने शेतकऱ्यांना दिले आहे.
 याकरिता शेतमालाला योग्य भाव देऊन शेतमालाची  MSP (न्युन्न्यतम मुल्ल्य )  दुप्पट करण्याची गरज आहे  पण ते करता येत नाही म्हणून MSP च नष्ट करायचा सरकारचा चाणाक्ष हेतू असावा. परंतु MSP नष्ट झाली तर शेतकरी निराधार होऊन ते व्यापारी मंडळी कडून लुटल्या जातील. MSP नष्ट करून सरकार शेतकऱ्यांचे थोडं फार असलेलं संरक्षणच नष्ट करु पाहत आहे. हा शेतकऱ्यांनवर फार मोठा अन्याय आहे.
             सरकारने शेतकऱ्यांच्या दुष्मणाच्या भुमिकेत न राहता मायबापाच्या भुमिकेत असावेत आणि शेतकऱ्यांना व औद्योगिक कामगाराना हे कायदे जर फायद्याचे वाटत नसेल तर ते  त्वरित रद्द करावे ही सरकार ला नम्र प्रार्थना व निवेदन आहे.
धन्यवाद
आपला विश्वासु
प्रकाश पाठक,
राष्ट्रीय महासचिव, 


5 December 2020

A Call to PM from Sr Citizens 🙏A humble request to Shri Narendra Modi, Prime Minister of India

 A Call to PM from Sr Citizens 🙏A humble request to Shri Narendra Modi, Prime Minister of India

 A call to PM from Sr Citizens 🙏


A humble request to Shri Narendra Modi, Prime Minister of India.


Please, don't trouble the Senior Citizens.

At the outset  we wish you success in  your endevaours like "Make in India", " Swatch Bharath" "Digital India" etc.....

1. Request you to pay Interest on SCSS (Senior Citizen Savings Scheme) of all nationalised banks  atleast to 10 percent at par.  Currently it is paid 7.25  percent.

Interest payable quarterly to be paid  monthly. 

Raise the limit from 15 lacs to 30 lacs.

As senior citizens will be able to get Rs 25000 monthly interest as sustainable  income without having to depend on  their children for it. Don't deduct tax on this income or request to fill form 15 H etc.

The period of investment should be for 15 years and not five years

as life expectancy  is 75 and increasing

Pass a resolution to this scheme that the interest rates should never be reduced but increased to fight inflation. 

2. No returns to be filed if the income of an SC  is less than five lacs.

If income exceeds 5 lacs you may tax accordingly as they should not be affected by any political weather. 

3. Provide medicines to senior citizens on submission of Adhar card, a flat 30 percent reduction in the cost of medicines across the country. 

*Similarly for all pathalogy checkups, treatments and operations if any. 

Especially  dental which has become very expensive.*

Even the medical premiums paid may be reduced accordingly. 


After working for three to four decades, where no pension scheme was available, let us have some dignity and live a decent life

We are not asking for the moon.

You may have observed  that now a days parents have become a burden to the children and they leave them to fight their own battles. 

They are career minded and self centered. Senior Citizens are shy to share this fact as they still regard their children however dire their sufferings may be.

We Senior Citizens have elected you with the hope that you would take care of us but you have left us in the lurch. 

Trust you need our votes to continue in power.  Further this will be an important criteria for any government coming in future. Beware the mindset is changing and Senior Citizens are cursing from the bottom of their hearts for the present miserable state of affairs.

This is a humble request and hope good sense will prevail upon you  and you will implement our suggestions as soon as possible to give relief to senior citizens and end their sleepless nights. We have no intention to offend you, we only want to live in peace and with dignity. 


Hope all will agree to this suggestion and keep it in mind before casting their valuable votes rather than living on false promises.

Please forward/share in all groups, friends and relatives, as this gets implemented as  soon as possible. 


With a hope no governments will meddle with senior citizens in future. 

Friends, If you agree please forward this to as many Sr. Citizens group as possible

मैं EPS 95 का मैंबर हूँ, ओर मानता हूँ......

 मैं EPS 95 का मैंबर हूँ, ओर मानता हूँ......



मैं EPS 95 का मैंबर हूँ, ओर मानता हूँ कि उम्र के इस पड़ाव पर भी प्रदर्शन ओर कोर्ट मे लडाइयां लड़कर सभी कोर्ट से हमारे पक्ष मे निर्णय हासिल करने के बावजूद इस गूंगी, बहरी, निर्दयी ओर निष्ठुर सरकार ने अपनी तिकड़मों का उपयोग कर हमारी हायर पेंशन को रोकने का काम किया है। इसलिए मुझमे ओर बहुत से EPS 95 के साथियों मे इस सरकार के प्रति भारी रोष है।
इसलिये मैं ओर मेरे बहुत से EPS 95 के साथी जंहा भी ओर जैसा भी मौका मिलता है वंहा इस सरकार का,इसकी कार्यप्रणाली का ओर इसके ढोंग का विरोध करते हैं ओर जब तक ये सरकार हमारी मांग नही मानेगी हम इसका विरोध हमे हमारे संविधान के तहत मिले अधिकार के तहत करते रहेंगे।
                      हमारे कुछ साथी जो इस सरकार के अंधे समर्थक हैं,वे मेरे व मेरे साथियों द्वारा इस सरकार का विरोध करने को उचित नही मानते वे कृपया बतायें कि इसके अलावा हम इस सरकार पर हमारी मांग पूरी करवाने के लिये किस तरह प्रभावी दबाव बना सकते हैं?          
            
एक तरफ सभी कोर्टों का हमारे पक्ष मे फैसला देने के बावजूद हमारी पेंशन नही बढना वंही दूसरी तरफ हमारी जीविकोपार्जन के दूसरे साधन बैंक ब्याज मे भारी कमी के चलते हमारी स्थिति इतनी विकट हो गई है कि हमारी वृद्धावस्था मे आवश्यक पोषण तो छोड़े हम हमारे जीवन के लिये आवश्यक दवाओं का इंतजाम भी नही कर पा रहे हैं। 
हमारे अथक प्रयासों के बाद कोर्ट का हमारे पक्ष मे निर्णय होने के बाद इस साल अगस्त माह तक हमारे 1,64,000 से ज्यादा साथी उचित पोषण ओर जीवन रक्षक दवाओं के इंतजार मे स्वर्गवासी हो चुके हैं।


3 December 2020

सुप्रीम कोर्ट का फैसला Message to All Pensioners सभी पेंशनरों की जानकारी के लिए

 सुप्रीम कोर्ट का फैसला Message to All Pensioners सभी पेंशनरों की जानकारी के लिए 


*सुप्रीम कोर्ट का फैसला *

सभी पेंशनरों की जानकारी के लिए
प्रिय मित्रों,
यह आश्चर्यजनक है कि 01 सितंबर 2015 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले, सिविल अपील नं। 2015 में किसी ने भी 112 पर ध्यान नहीं दिया और श्री। आर सेन गुप्ता द्वारा आईबीए को भेजे गए पत्र के अलावा, किसी अन्य संगठन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। निर्णय की मुख्य विशेषताएं:
1- पीठ ने आधिकारिक रूप से फैसला सुनाया कि पेंशन एक अधिकार है और इसका भुगतान सरकार के निर्णय पर निर्भर नहीं करता है। पेंशन नियमों द्वारा शासित होती है और उन नियमों के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारी को पेंशन का दावा करने का अधिकार होता है।
2। निर्णय मानता है कि पेंशन की समीक्षा और वेतनमान की समीक्षा अनिवार्य है।

। खंडपीठ ने दोहराया कि संशोधित पूर्व-संशोधित अनुपात में मूल पेंशन न्यूनतम वेतन के मूल वेतन के 50% से कम नहीं हो सकती है।
। सरकार पेंशनभोगियों के कानूनी बकाया को अस्वीकार करने के लिए वित्तीय बोझ नहीं पूछ सकती है।

। सरकार को अनधिकृत मुकदमेबाजी से बचना चाहिए और मुकदमेबाजी के लिए किसी भी मुकदमे को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए।

पेंशन। जबकि पेंशन एक अधिकार और इनाम नहीं है, पेंशन में संशोधन करना और वेतनमान को संशोधित करना अनिवार्य है, यहां तक ​​कि पेंशन का उन्नयन भी एक अधिकार और इनाम नहीं है।
न्यायमूर्ति डीएस इनकार मामले में निर्णय पर आधारित है।

परिणाम बहुत स्पष्ट है और मुझे आश्चर्य है कि महत्वपूर्ण मामलों पर ध्यान नहीं दिया गया और किसी ने इस मामले को सरकार तक क्यों नहीं पहुंचाया।
यह आश्चर्य और आश्चर्य की बात है कि किसी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी।

* प्रिय पेंशनरों! *

इस संदेश को अपनी संपर्क सूची में कम से कम बीस लोगों को अग्रेषित करें (यहां तक ​​कि भारतीय नागरिक जो पेंशनर नहीं हैं); और सभी को ऐसा करने के लिए कहें।
यह संदेश तीन दिनों में भारत के अधिकांश लोगों तक पहुंचेगा।


29 November 2020

EPS 95 Pensioners Reaction after so Many Struggle for Higher/Minimum Pension

 EPS 95 Pensioners Reaction after so Many Struggle for Higher/Minimum Pension 


Pensioners 1 : The system of the country is expoiting the eps95 pensioners. The system of the country is planned and implemented by the government.

Naturally government is exploiting as they are not ready to understand the situation and problem of the eps95 pensioners. Every individual has the constitutional right of living.

Pensioners 2 : Dear friends it appears that there are number of pensionsers group are there with the same problems. My suggestion is syncranised all groups to one get registration. 

All of us cotribut some amount through the registered bank to deal the case by lawyers. 

Pensioners 3 : We, the EPS-95 Pensioners, are the deprived personnel live in democratic India to starve to death with meagre pension. 

Even though we had put our entire health and energy by serving in private organisations which are the major part and parcel of wealth & prosperity of India, now we are totally dilapidated due to the callous attitude of labour ministry of India and Politicians. Labour ministry always telling EPFO does not have enough fund to cope with the pensioners’ demand. But, actually EPFO has the Corpus of over R.12 Lakhs Crores ($170 Billion). EPFO can manage the pensioners demand by using the interest of this large Corpus.

Our government have enough fund to donate other underdeveloped countries, spend on various charities and other innumerable entities, but they are always having deficit of fund to meet higher pension for EPS-95 Pensioners. What a paradoxical thought!

Pensioners 4 : Let government do not enhance our epf pension but the government stop the pension to the both central and state government emploees and fix the pesion to the tune of whar we are getting Rs. 1000/- to 2000/- per month then only the government employees as they are also served like us for 30-40 years with salary.

 Why they are getting handsome pension and we are getting low pension

28 November 2020

1 दिसंबर 2020 से लागू जानिये क्या क्या बदल रहा है और आप पर क्या असर पड़ेगा

 1 दिसंबर 2020 से लागू जानिये क्या क्या बदल रहा है और आप पर क्या असर पड़ेगा

बदलते नियम 1 दिसंबर से लागू जानिये क्या क्या बदल रहा है और आप पर क्या असर पड़ेगा

 एक दिसंबर 2020 से चार बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आपकी जिंदगी से जुड़ी हुई चीजों पर पड़ेगा. इन नए नियमों से आपको काफी राहत मिल सकती है. लेकिन, अगर आपने कुछ बातों पर ध्यान नहीं दिया तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है. इनमें गैस सिलिंडर, इंश्योरेंस प्रीमियम, रेलवे और पैसों के लेनदेन से जुड़े नियम शामिल हैं. आइए- जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में, जो डालेंगे आपकी जिंदगी पर असर.

बदल जाएंगे घरेलू गैस के दाम


तेल कंपनियां हर महीने की शुरुआत में एलपीजी सिलिंडर के दामों की समीक्षा करती हैं. एक दिसंबर से रसोई गैस सिलिंडर दाम बदल जाएंगे.

बता दें, हर राज्य में टैक्स की दरें अलग-अलग होती हैं और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर हो जाता है. मौजूदा समय में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी प्रदान करती है. अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलिंडर लेना चाहते है, तो वे उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदते हैं.

बीमाधारकों को मिलेगी प्रीमियम में कटौती की सुविधा


कोरोना काल में इंश्योरेंस की ओर कई लोग आकर्षित हुए हैं, लेकिन प्रीमियम को लेकर चिंता भी बढ़ी है. अब पांच साल के बाद बीमाधारक प्रीमियम की रकम में कटौती कर सकते हैं. उनके पास अपने प्रीमियम को 50 फीसदी तक घटाने का विकल्प होगा. इससे बीमाधारकों को बड़ी राहत मिलेगी. इससे बीमा धारक आधी किस्त के साथ पॉलिसी जारी रख पाएंगे.

बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए नहीं करना होगा बैंक के खुलने का इंतजार


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक और बड़ी घोषणा की है. आरबीआई ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम को दिसंबर 2020 से 24 घंटे सातों दिन चालू रखने का ऐलान किया था. अब वह एक दिसंबर से लागू होने जा रहा है. आरबीआई ने देश भर में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है.

1 दिसंबर से चालू होंगी नई ट्रेनें


कोरोना संकट के दौरान भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनें चलाई थी. अब इसी कड़ी में एक दिसंबर 2020 से रेलवे कई नई ट्रेनें चलाने जा रही है. चार दिन बाद से ज्यादा यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के लिए और ट्रेनों का परिचालन शुरू होने जा रहा है. इसमें झेलम एक्सप्रेस और पंजाब मेल दोनों शामिल हैं. इन दोनों ट्रेनों को सामान्य श्रेणी के तहत चलाया जा रहा है. प्रतिदिन 01077/78 पुणे-जम्मूतवी पुणे झेलम स्पेशल और 02137/38 मुम्बई फिरोजपुर पंजाब मेल स्पेशल ट्रेनें चलेंगी.


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एक 67 वर्षीय रिटायर्ड द्वारा सभी वरिष्ठ साथियों व रिटायर होने वाले साथियों के लिए share किया गया एक उत्तम संदेश

 एक 67 वर्षीय रिटायर्ड द्वारा सभी वरिष्ठ साथियों व रिटायर होने वाले साथियों के लिए share किया गया एक उत्तम संदेश


नमस्कार,


एक 67 वर्षीय रिटायर्ड बैंक अधिकारी द्वारा WhatsApp पर सभी वरिष्ठ साथियों व रिटायर होने वाले साथियों के लिए share किया गया एक उत्तम संदेश::::

कृपया अंत तक अवश्य पढ़ें..


●  जीवन मर्यादित है और उसका जब अंत होगा तब इस लोक की कोई भी वस्तु साथ नही जाएगी 


● फिर ऐसे में कंजूसी कर, पेट काट कर बचत क्यों की जाए ? आवश्यकतानुसार खर्च क्यों ना करें? जिन अच्छी बातों में आनंद मिलता है वे करनी ही चाहिएँ


●  हमारे जाने के पश्चात क्या होगा, कौन क्या कहेगा इसकी चिंता छोड़ दें, क्योंकि देह के पंचतत्व में विलीन होने के बाद कोई तारीफ करे या टीका टिप्पणी करे, क्या फर्क पड़ता है?   

●  उस समय जीवन का और मेहनत से  कमाए हुए धन का आनंद लेने का वक्त निकल चुका होगा


●  अपने बच्चों की जरूरत से अधिक फिक्र ना करें उन्हें अपना मार्ग स्वयं खोजने दें

अपना भविष्य उन्हें स्वयं बनाने दें। उनकी इच्छाओं, आकांक्षाओं और सपनो के गुलाम आप ना बनें 


●  बच्चों को प्रेम करें, उनकी परवरिश करें, उन्हें भेंट वस्तुएं भी दें, लेकिन कुछ आवश्यक खर्च स्वयं अपनी आकांक्षाओं पर भी करें


●  जन्म से लेकर मृत्यु तक सिर्फ कष्ट करते रहना ही जीवन नही है: यह ध्यान रखें

● आप  ६ दशक पूरे कर चुके हैं, अब जीवन और आरोग्य से खिलवाड़ करके पैसे कमाना अनुचित है क्योंकि अब इसके बाद पैसे खर्च करके भी आप आरोग्य खरीद नही सकते


●  इस आयु में दो प्रश्न महत्वपूर्ण है: पैसा कमाने का कार्य कब बन्द करें और कितने पैसे से अब बचा हुआ जीवन सुरक्षित रूप से कट जाएगा

●  आपके पास यदि हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन भी हो, तो भी पेट भरने के लिए कितना अनाज चाहिए? आपके पास अनेक मकान हों तो भी रात में सोने के लिए एक ही कमरा चाहिए 


●  एक दिन बिना आनंद के बीते तो, आपने जीवन का एक दिन गवाँ दिया और एक दिन आनंद में बीता तो एक दिन आपने कमा लिया है, यह ध्यान में रखें

●  एक और बात: यदि आप खिलाड़ी प्रवृत्ति के और खुश-मिजाज हैं तो बीमार होने पर भी बहुत जल्द स्वस्थ होंगे और यदि सदा प्रफुल्लित रहते हैं तो कभी बीमार ही नही होंगे


●  सबसे महत्व- पूर्ण यह है कि अपने आसपास जो भी अच्छाई है, शुभ है, उदात्त है, उसका आनंद लें और उसे संभाल- कर रखें


●  अपने मित्रों को कभी न भूलें। उनसे हमेशा अच्छे संबंध बनाकर रखें। अगर इसमें सफल हुए तो हमेशा दिल से युवा रहेंगे और सबके चहेते रहेंगे

●  मित्र न हो, तो अकेले पड़ जाएंगे और यह अकेलापन बहुत भारी पड़ेगा


●  इसलिए रोज व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क में रहें, हँसते-हँसाते रहें, एक दूसरे की तारीफ करें.जितनी आयु बची है उतनी आनंद में व्यतीत करें 

● प्रेम व स्नेह मधुर है उसकी लज्जत का आनंद लें


●  क्रोध घातक है: उसे हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दें


● संकट क्षणिक होते हैं, उनका सामना करें

●  पर्वत-शिखर के परे जाकर सूर्य वापिस आ जाता है लेकिन दिल से दूर गए हुए प्रियजन वापिस नही आते


● रिश्तों को संभालकर रखें, सभी में आदर और प्रेम बाँटें। जीवन तो क्षणभंगुर है, कब खत्म होगा, पता भी नही चलेगा। इसलिए आनंद दें, आनंद लें

दोस्ती और दोस्त संभाल कर रखें 


जितना हो सके उतने “गैट-टूगेदर

(Get-together) करते रहें


Current situation में भी social distancing रखते हुए Life को Enjoy करें 


पढ़ कर यदि आपको आनन्द आया हो तो अपने और वरिष्ठ-मित्रों को यह संदेश फॉरवर्ड करें।   

      

EPS 95 Pensioners Emotional Message for All मैं EPS-95 का मैंबर हूँ, ओर मानता हूँ

EPS 95 Pensioners Emotional Message for All मैं EPS-95 का मैंबर हूँ, ओर मानता हूँ

मैं EPS 95 का मैंबर हूँ, 

ओर मानता हूँ कि उम्र के इस पड़ाव 

पर भी प्रदर्शन ओर कोर्ट मे लडाइयां लड़कर सभी

कोर्ट से हमारे पक्ष मे निर्णय हासिल करने के बावजूद

 इस गूंगी, बहरी, निर्दयी ओर निष्ठुर सरकार 

ने अपनी तिकड़मों का उपयोग कर हमारी हायर 

पेंशन को रोकने का काम किया है।

 इसलिए मुझमे ओर बहुत से EPS 95 के साथियों मे

 इस सरकार के प्रति भारी रोष है।

इसलिये मैं ओर मेरे बहुत से EPS 95 के साथी जंहा भी ओर जैसा भी मौका मिलता है वंहा इस सरकार का,इसकी कार्यप्रणाली का ओर इसके ढोंग का विरोध करते हैं ओर जब तक ये सरकार हमारी मांग नही मानेगी हम इसका विरोध हमे हमारे संविधान के तहत मिले अधिकार के तहत करते रहेंगे।  

    हमारे कुछ साथी जो इस सरकार के अंधे समर्थक हैं,वे मेरे व मेरे साथियों द्वारा इस सरकार का विरोध करने को उचित नही मानते वे कृपया बतायें कि इसके अलावा हम इस सरकार पर हमारी मांग पूरी करवाने के लिये किस तरह प्रभावी दबाव बना सकते हैं?     

                 

एक तरफ सभी कोर्टों का हमारे पक्ष मे फैसला देने के बावजूद हमारी पेंशन नही बढना वंही दूसरी तरफ हमारी जीविकोपार्जन के दूसरे साधन बैंक ब्याज मे भारी कमी के चलते हमारी स्थिति इतनी विकट हो गई है कि हमारी वृद्धावस्था मे आवश्यक पोषण तो छोड़े हम हमारे जीवन के लिये आवश्यक दवाओं का इंतजाम भी नही कर पा रहे हैं। 

हमारे अथक प्रयासों के बाद कोर्ट का हमारे पक्ष मे निर्णय होने के बाद इस साल अगस्त माह तक हमारे 1,64,000 से ज्यादा साथी उचित पोषण ओर जीवन रक्षक दवाओं के इंतजार मे स्वर्गवासी हो चुके हैं।

27 November 2020

सर्व EPS 95, निवृत्ति धारक पदवीधर मतदार संघ निवडणूक महाराष्ट्र कुटुंम्बिय सर्वांचे मत समन्वय समिति

सर्व EPS 95, निवृत्ति धारक पदवीधर मतदार संघ निवडणूक महाराष्ट्र कुटुंम्बिय  सर्वांचे मत समन्वय समिति 

 प्रति,

सर्व ई.पी.एस 95, निवृत्ति धारक,

महाराष्ट्र.

विषय :--पदवीधर मतदार संघ निवडणूक महाराष्ट्र.निवडणुकीत ई.पी.एस 95  निवृत्ति धारकांनी मतदान करणे संदर्भात  कुटुंम्बिय  सर्वांचे मत समन्वय समिति तर्फे  काय  धोरण असावे याबाबत विचाराअंति  आपले मत नोन्दवावे ही विनंती, प्रार्थना.

महोदय,

उपरोक्त विषयाला अनुसार आपण सर्व मित्रांना ,भगिनी नां,मातांनाजीना निवृत्त कर्मचारी (1995) राष्ट्रीय समन्वय समिति, नागपुर चे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रकाश येन्डे, श्री प्रकाश पाठक,राष्ट्रीय महासचिव, व समिति चे सर्व पदाधिकारी व सदस्यगण  यांचे तर्फे दीपावली च्या आनंदमयी वातावरणांत( कोरोनाच्या काळातील ) लक्षात घेवून सर्वाना दिपावली च्या हार्दिक शुभेच्छा (Happy Dipavali)  त्या प्रथम स्विकारव्यात ही आपल्यास नम्र प्रार्थना,विनंती.

दिनांक 1-12-2020 ची पदवीधर मतदारसंघ निवडणूक डोळ्या पुढे ठेवून काय निर्णय घ्यावा ह्यावर आपण आपल्या परिवारसह काय म्हणून ठराव  पारित करायचे व ते का ? ते मुद्दे खालील प्रमाणे आहेत. .थोडक्यात.

(1) सामाजिक सुरक्षा संविधानानुसार  वृद्धांना सन्मान जनक जगता यावे करिता असंगठित कामगाराना मा भगतसिंह कोशियारी कमेटी स्थापन केली व त्यानुसार  कायद्यात दुरूस्ती करिता अहवाल दिनांक 3 सेप्टेंबर 2013 ला

 अभ्यास पूर्ण अहवाल  सादर केला असताना सुद्धा अजुन पर्यन्त त्यावर निर्णय नाही.  अहवालावर निर्णय घेण्याचा पूर्ण अधिकार हा सांसद खासदार, व राज्य कामगार मंत्री यांच्या म्हणजे देशातील 37 राज्यातील प्रतिनिधि (मंत्री )हे सी बी टी,श्रम मंत्रालय भारत सरकार याचे प्रतिनिधित्व करत असते .कायद्यात दुरूस्ती करणे आवश्यक आहे,त्या शिवाय न्यूनतम निवृत्ति वेतन + महागाई भत्ता  संघटित कामगारा प्रमाणे मिळणे  शक्य नाही.असे समन्वय समिति चे ठाममत आहे.

महगाई भत्ता सर्वाना  मिळणे आवश्यक आहे. तो आमचा संविधानीक अधिकारआहे.

 महागाई सतत वाढते आहे

 व मागील काही वर्षा पासून तर बैंक व्याज दर देखील सतत कमी होत आहेत. 

धन्यवाद

आपले विश्वासु

प्रकाश येण्डे,राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रकाश पाठक,राष्ट्रीय महासचिव,  पदाधिकारी व कार्यकारी सदस्य गण.

 
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