EPS'95 Pension given by EPFO @ 4%, 5.5%, 4% & 4%
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EPS'95 Pension given by EPFO @ 4%, 5.5%, 4% & 4%
EPS95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति, गुजरात
प्रेस नोट: -
हम सभी देश के वरिष्ठ नागरिक, ईपीएस 95 पेंशनर हैं.
भारत के 65 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स जिन्होंने रु. 417 / -, रु 541 / - और रु.1250/- प्रति माह 30 से 35 वर्ष के सेवाकाल में पेंशन फंड में जमा करवाए, जिसका आज का मूल्य रु. 15 से 20 लाख है, वह सामाजिक सुरक्षा के लिए केवल 500 से 3000 रुपये पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
दो वृद्ध लोगों के लिए इस राशि में सम्मानपूर्वक रहना बिल्कुल असंभव है।
दिनांक 7.01.1996 को ईपीएफओ ने एक अधिकृत विज्ञापन प्रकाशित किया था जिसमें कहा गया था कि ईपीएस 95 पेंशन सरकारी पेंशन से 10% या अधिक लाभदायक होगी। साथ ही ईपीएफओ ने हर तीन साल या उससे पहले मूल्य सूचकांक के साथ पेंशन का मूल्यांकन करने का वादा किया था. तब वादा किया गया था कि कर्मचारियों की पूंजी उनकी मृत्यु के बाद उनके नॉमिनी को वापस कर दी जाएगी. हालांकि, ईपीएफओ द्वारा किसी भी वादे का पालन नहीं किया गया.
2008 में एकतरफा रूप से पूंजी पर प्रतिलाभ वापस ले लिया गया. 2014 में उन्होंने पेंशन की गणना के आधार 12 महिने औसत वेतन को 60 महीने के औसत वेतन में बदल दिया, जिससे पेंशन की राशि कम हो गई.
न्यूनतम पेंशन के मुद्दे पर वर्ष 2013 में भगतसिंह कोशियारी समिति की रिपोर्ट के अनुसार 3000 या उससे अधिक व उसे मंहगाई से जोड़ने की शिफारिस की.हालांकि, इस संबंध में कुछ भी लागू नहीं किया गया है।
वर्ष 2014 में माननीय प्रधान मंत्री ने न्यूनतम पेंशन रु 1000 /- की घोषणा की लेकिन अधिकांश पेंशनर्स अभी भी उस के लाभ से वंचित हैं.
EPFO लगातार EPS95 पेंशनरों पर अन्याय कर रहा है।
दिनांक 4.10.2016 के निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन देने का आदेश दिया. EPFO ने भी इस फैसले को स्वीकार कर लिया था और एक परिपत्र दिनांक 23.3.2017 को जारी किया लेकिन एक 'यू' मोड़ लेते हुए, उन्होंने दिनांक 31.5.2017 को एक अंतरिम एडवाइज़री जारी की, जिसमें पेंशन पाने वाले तथाकथित Exempted संस्थानों के पेंशनभोगियों को अदालत में जाने के लिए मजबूर कर दिया.
इस अन्याय से लड़ने के लिए देश भर के ईपीएस के 95 पेंशनरों ने कमांडर अशोक राऊत के नेतृत्व में "राष्ट्रीय संघर्ष समिति" के नाम से एक संगठन बनाया है.
देश के 27 राज्यों में संगठन सक्रिय है.
इस अन्याय से लड़ने के लिए NAC ने एड़ी से चोटी तक जोर लगाया, दिल्ली में बड़े बड़े मोर्चो और धरना सहित पूरे देश में हजारों आंदोलन किए.
NAC नेताओं ने 4 मार्च 2020 को माननीय प्रधान मंत्री से मुलाकात की. मा. प्रधानमंत्री जी ने NAC नेताओं को युद्धस्तर पर इस मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया.
तब से एक साल से अधिक समय बीत चुका है लेकिन कुछ नहीं हुआ.इसलिए, वृद्ध पेंशनरों और उनके परिवार में जबरदस्त गुस्सा / नाराजगी देखी जा रही है.
असहाय वरिष्ठ नागरिक बड़ी उम्मीद के साथ मा. प्रधानमंत्री की ओर देख रहे हैं क्योंकि निर्णय उनके जीवन को गरिमा के साथ प्रभावित करेगा.
इसलिए, NAC ने उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है.
पश्चिम क्षेत्र का सम्मेलन दिनांक 19 मार्च 2021 को चोटीला (गुजरात) में होने जा रहा है.
इस मेगा इवेंट में महाराष्ट्र, गोवा व गुजरात राज्यों के पेंशनर्स भाग लेंगे.
हमारी मांगें इस प्रकार हैं: -
1. न्यूनतम मासिक पेंशन रु .7500 व उस पर मंहगाई भत्ता दिया जाए.
2. ईपीएफओ की दिनांक 31 मई 2017 की Interim Advisory को वापिस लिया जाए व EPS 95 पेंशनरों को मा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उच्च पेंशन का विकल्प दिया जाए.
3. आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी ईपीएस 95 पेंशनरों और उनके जीवन साथी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए.
4.ईपीएस 95 सेवानिवृत्त कर्मचारी जो ईपीएस 95 योजना के सदस्य नहीं हैं, उन्हें ब्याज के साथ योगदान की वसूली करके और उन्हें उचित बकाया राशि की अनुमति देकर पूर्व पोस्ट सदस्यता की अनुमति दी जानी चाहिए अन्यथा उन्हें पेंशन के रूप में रु. 5000 / - प्रति माह निर्धारित किया जा सकता है.
(बी.के. चौहान)
प्रांतीय सचिव, गुजरात
The Chief Justice of India, NV Ramana after consulting with the members of the Bar has agreed to advance the summer vacation of the top court by one week in view of the COVID-19 situation in the capital.
The summer break is likely to star on May 8 and continue till June 27 with the Court reopening on June 28.
The decision was taken after an emergency meeting was held by the CJI with the representatives of Supreme Court Bar Association (SCBA) and Supreme Court Advocates on Record Association (SCAORA) and Bar Council of India.
SCBA had pointed out that the second wave of COVID-19 is set to reach its peak by mid May and that Delhi government has extended its lockdown till May 1. In view of the same, the suggestion was also made to advance the summer vacation.
Humble request to Hon.Shri Apurva Chandraji ,International Labour Orgnisation Chairman,Email with Video Speech link to help Eps 95 Pensioners without any Delay
Dear,hon.Apurva Chandraji, Chairman of international labor organizations, EPS 95 Pension 2021
RECORD OF PROCEEDINGS : Supreme Court of India THE EMPLOYEES PROVIDENT FUND ORGANISATION
E.P.S.95,kovid-19 Pandemic Agitational Memorandum through Video YouTube links
प्रति,
देशके सभी शाखा अध्यक्ष,
निवृत्त कर्मचारी (१९९५) राष्ट्रीय समन्वय समिति, नागपुर
भारत ,
विषय :-E.P.S.95,kovid-19 Pandemic Agitational Memorandum through Video YouTube links),
ई.पी.एस.९५ कोविड -१९ ,ज्ञापन पत्र यूट्युब विडीओ लिंक के द्वारा अपने अपने राज्यों के मा.मुख्य मंत्री ,मुख्य सचिव ,सांसद,आमदार,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ,नागपुर ,अध्यक्ष ,भारत पेशनर समाज ,नई दिल्ली ,वरिष्ट नागरिक संघ ,अध्यक्ष ,सदस्य, सभी राजकीय पक्ष,भारत को आदरपूर्वक,मान-सनमान से कोविड के नियमों का पालन करते हुए ,देने कि सभी, निवृत कर्मचारी(१९९५) राष्ट्रीय समन्वय समिति, नागपुर के शाखा प्रमुखोंसे नम्र प्रार्थना बिंती।
सन्दर्भ:— ई-मेल द्वारा पंतप्रधान,कामगार मंत्री,सी बी टी सदस्य,राज्यों के मुख्य मंत्री,मुख्य सचिव,सर संघ चालक,भारत पेन्शनर समाज ,दिल्ली,वरिष्ट नागरिक संघ अध्यक्ष, को भेजे गये पत्र विडीओ लिंक के माध्यम से दिये गए है।
महोदय ,
आपको उपरोक्त विषय के सन्दर्भ से नम्रता पूर्वक,आदर पूर्वक ,आपका सेवक ,राष्ट्रीय महासचिव इस नाते से मैं मालूमात खरहाहु की, आज हमें हिन्दी में यूट्युब विडीओ के माध्यमसे (Through Memorandum) ,ज्ञापन,कयों ? देने की आवश्यकता लगी यह आपके सामने संक्षिप्त रूपसे रखरहा हूँ ।
सन २००८ से २०२१ तक सामान्य परिस्थितियोंमें ,सभी ऋतुओं, में सभी प्रकार के आन्दोलन करके ज्ञापन ( Memorandum) भी दिए गए है ,करोड़ों करोड़ों सार्वजनिक पत्र व्यवहार किया है। लेकिन अभी करोना की वैश्विक महामारी होनेसे और अपन सभी वरिष्ट वृद्ध होनेसे अपने परिवार पर निर्भर भी रहना पडरहा है।
इस कारण वश आप अपने अपने राज्यों ,गाँव के सभी आदरणीय ,प्रतिष्ठित गणमान्य पदाधिकारीयोंको खाज़गी ,निमसरकारी ,सहकारी १८६ उध्योगोंमें काम करने वाले १७.२० करोड़ कर्मचारी ,और ५७ लाख निवृती धारक,ये इसी देशके नागरिक होते हुये भी सन १९७१ से दूर लक्षित हुये है। यह अन्याय पूर्ण है। वह किस प्रकार से हुआ है यह Live video द्वारा प्रत्यक्ष रूप में सभी को बताना संभव नही है इस के लिए यह उचित मार्ग समजकर महासचिव इस नाते से ये प्रयास किया गया है।कृपया आप सभी समन्वय समिति को मदत करे और सभी को विडीओ ज्ञापन Through video links द्वारा पोहचाने का प्रयास अत्यंत आवश्यक समजकर किया जावे यह नम्र बिंती ।
धन्यवाद ।
आपका बिशावासू,
स्वाक्षरी,
प्रकाश पाठक,
राष्ट्रीय माहसचिव,
निवृत्त कर्मचारी (१९९५) राष्ट्रीय महासचिव,
Employees Pension (1995) Coordination Committee,Nagpur ,
आज सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया क्या हुआ ? What Happen to Supreme Court of India ? EPS95 Pension
श्री एम. चॉकलिंगम, डब्ल्यूपी (सी) नं में याचिकाकर्ता का संदेश । 233/2018सभी गलत मामलों को सुनने के बाद, SC ने नियमित मामलों में से 1 आइटम ले लिया जो नोइडा बनाम केंद्रिय कर्मचारि सहकारी जी. एन. एस. एम. आइटम 1 आंशिक रूप से सुनने के बाद, न्यायमूर्ति श्री ललित ने कहा, DAICHII mater को गैर विविध दिन (यानी) के 4 दिन इस सप्ताह में 2 और अगले सप्ताह में 2 दिन लगेंगे । और क्योंकि रोस्टर 26.4.21 से बदल जाएगा, वह 22.4.21 (गुरुवार) को फिर से आइटम 1 ले जाएगा ।
इसलिए 27.4.21. बेंच के बाद ही हमारे केस लिस्ट होने की संभावना होगी ।अगली सुनवाई की तारीख आज शाम तक ही पता चल सकती है । बेंच के बारे में, बाद में पता चलेगा ।एम. चॉकलिंगम