27 July 2020

श्री संतोष कुमार गंगवार जी से उनके बरेली स्थित आवास एवं कार्यालय पर भेंट



बरेली : दिनांक 26 जुलाई,2020 को श्री सुधीर उपाध्याय जी, जिला अध्यक्ष, बरेली के नेतृत्व में , श्री श्याम स्वरूप  जिला उपाध्यक्ष एवं राम प्रकाश ज़िला संगठन मंत्री ई पी एस 95  राष्ट्रीय सँघर्ष समिति, बरेली (उत्तर प्रदेश) ने माननीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री(स्वतन्त्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार जी से उनके बरेली स्थित आवास एवं कार्यालय पर भेंट की व माननीय मंत्री जी के सामने EPS 95 पेन्शन संबंधित सभी मुद्दों पर पेन्शन धारकों का प्रभावशाली ढंग से पक्ष रखा.
मा. मंत्री महोदय ने प्रतिनिधियो की बात तो ध्यान पूर्वक  सुनी लेकिन पेन्शन के संदर्भ में चर्चा करने के संदर्भ में उत्तर दिया कि "NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत जी हमारे संपर्क में हैं, मुझे इस विषय में हो रहे सभी पत्र व्यवहार व  घटना चक्र का पूरा संज्ञान है, इस विषय में विस्तार से चर्चा के लिये आप कमांडर  साहब के साथ कभी भी दिल्ली आ सकते है".
 इसके बाद हमारे प्रतिनिधियो ने जिले के पेन्शन धारकों की ओर से एक ज्ञापन मा. मंत्री जी को , बरेली के संसद सदस्य होने के नाते सौपा.

कोविड-19 के इस महामारीमे EPS95 के 65 लाख सेवानिवृत्त जेष्ठ नागरिक सदस्य को छोडकर 20 लाख करोड के इस पॅकेजमे स्वावलंबी भारतके हर स्तरके नागरिकको पंतप्रधान मा.श्री.नरेंद्र मोदी जीने कुछ कुछ मदत दि है।मान्यवर कमांडर श्री.अशोक राऊत सर,श्री.पि.एन.पाटील सर,श्री.विरेंद्रसिंग राजावत सर,श्री.आंबेकर जी,श्री.सुभाष पोखरकर जीऔर हर राज्यके सभी EPS95 NAC के मान्यवर पदाधिकारी आप गौर से मेरे इस विचार को पढिए।और कृपया ध्यान दिजिए।

नांदेड़ जिले के उपाध्यक्ष,श्रध्देय सरदार गंगन सिंह जी,आज हम सभी को छोडकर संसार से बिदा हो गए. यह एक बहुत ही दुःखद घटना है.आज संगठन ने एक वीर योद्धा, सक्षम, प्रतिभाशाली व निष्ठावान नेता खो दिया.उनका योगदान व संगठन के प्रति उनका समर्पण हमें हरदम याद रहेगा.संगठन उनके प्रति कृतज्ञ है. उनकी आत्मा को शांति व सभी परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति मिले, यही वाहेगुरु जी के श्रीचरणों में प्रार्थना.

ईपीएफ स्कीम के नियमों के अनुसार, कर्मचारी अपनी मासिक सैलरी का 12 फीसदी ईपीएफ स्कीम में कॉन्ट्रिब्यूट करता है. इसमें इतना ही कॉन्ट्रिब्यूशन उसकी कंपनी करती है. इस 24 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन में कर्मचारी का 12 फीसदी और नियोक्ता का 3.67 फीसदी ईपीएफ अकाउंट में जाता है. बाकी का 8.67 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन ईपीएस अकाउंट में जाता है. नियोक्ता की ओर से मासिक ईपीएस कॉन्ट्रिब्यूशन का कैलकुलेशन कर्मचारी की असली सैलरी पर होता है, अगर वह 15,000 रुपये से कम है. अगर यह इससे ज्यादा है तो उसे 15,000 रुपये पर कैलकुलेट किया जाता है. इस तरह ईपीएस में अधिकतम कॉन्ट्रिब्यूशन 1,250 रुपये महीने होता है.

कोविड-19 है तो भी हम भी स्वावलंबी भारत के जेष्ठ नागरिक है। बाकी हर स्तर के भारतीय नागरिक को कूछ ना कूछ मदत दि गयी है। दोस्तों हम स्वावलंबी भारतके नागरिक नही है क्या? हमारा भी कुछ हक बनता है कि नही। हमने क्या गुन्हा किया है? मा.प्रधानमंत्री महोदय ने देश के हर स्तरके भारतीय नागरिक को हमे छोडकर कुछ ना कुछ मदत दि है।  ये घनघोर अन्याय और नाइन्साफी है। कृपया मुझे आपकी राय और सविस्तर प्रतिक्रिया का इन्तजार रहेगा। आप सभी जरुर पोस्ट करे।साथही प्रधानमंत्री महोदय श्री.नरेंद्र मोदी जी को इस बारेमे जरुर जरुर लिखे।

इस संदर्भ में सभी जानकारी NAC के चीफ मा. कमांडर साहब  को दे दी गई है.
       बरेली की टीम को प्रखर पुरुषार्थ करने हेतु शत शत नमन.

22 March 2018

अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस विशेष : इस दिन का महत्व और ज़रूरत


हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। दिन को जल के महत्व पर ध्यान देने के लिए मनाया जाता है और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता होती है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 मार्च 1 99 3 को प्रथम विश्व जल दिवस के रूप में नामित किया, और इस वर्ष यह 25 वें विश्व जल दिवस है। विश्व जल दिवस समारोह का मुख्य प्रतीक नीले रंग की पानी की बूंद का आकार है।
विश्व जल दिवस 2018 का विषय 'प्रकृति के लिए जल' है - 21 वीं शताब्दी में पानी की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रकृति आधारित समाधान तलाश रहा है। क्षतिग्रस्त पारिस्थितिकी तंत्र मानव उपभोग के लिए उपलब्ध पानी की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। आज, 2.1 अरब लोग घर पर सुरक्षित पेयजल के बिना रहते हैं; उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका को प्रभावित करना।
संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण तथा विकास एजेंसी द्वारा हर वर्ष विश्व जल दिवस को एक थीम के तहत मनाया जाता हैl वर्ष 2019 के लिए विश्व जल दिवस का थीम "किसी को पीछे नहीं छोड़ना" (Leaving no one behind) घोषित किया गया हैl इस थीम के जरिए यह बताया जा रहा है कि साफ और स्वच्छ जल सभी का अधिकार है, इससे कोई भी वंचित नहीं रहना चाहिए
वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देने के लिये विश्व जल दिवस को सदस्य राष्ट्र सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जाता हैं। इस अभियान को प्रति वर्ष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की एक इकाई के द्वारा विशेष तौर से बढ़ावा दिया जाता है जिसमें लोगों को जल से संबंधित मुद्दों के बारे में सुनने व समझाने के लिये प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्व जल दिवस के लिये अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का समायोजन भी शामिल है। इस कार्यक्रम की शुरूआत से ही विश्व जल दिवस पर वैश्विक संदेश फैलाने के लिये थीम (विषय) का चुनाव करने के साथ ही विश्व जल दिवस को मनाने की सारी जिम्मेवारी संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण तथा विकास एजेंसी की हैl
हम विश्व जल दिवस क्यों मनाते हैं?
हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ शरीर के लिए पानी महत्वपूर्ण है यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पानी से संबंधित चुनौतियों पर ध्यान देने का फैसला किया। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों और एजेंसियों को शामिल करना, विभिन्न गैर-सरकारी संगठन भी स्वच्छ जल संरक्षण के प्रचार में शामिल हो जाते हैं ताकि पानी के सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित किया जा सके।
विश्व जल दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ, सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। ... इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में जल संरक्षण का महत्व, साफ पीने योग्य जल का महत्व जैसे कई पानी से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरुकता जाना है।
1993 में 22 मार्च को पहली बार “विश्व जल दिवस” का आयोजन किया गयाl इसके बाद से हर वर्ष लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये 22 मार्च को “विश्व जल दिवस” मनाया जाता है
कहीं-कहीं तो यह भी सुनने में आता है कि अगला विश्व युद्ध जल को लेकर ही होगा ।
समय के साथ इंसान जल की महत्ता को लगातार भूलता चला गया और उसे बर्बाद करता रहा, जिसके फलस्वरूप आज जल संकट सबके सामने हैl विश्व के हर नागरिक को पानी की महत्ता से अवगत कराने के लिए ।
इसलिए जब हम हर साल विश्व जल दिवस को चिन्हित करते हैं, हमें महत्वपूर्ण पहचानना चाहिए - और बड़े पैमाने पर उपेक्षित - भूमिकाओं का पानी हमारे जीवन में है, और इस पर प्रतिबिंबित करना महत्वपूर्ण है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करते रहें कि किसी दिन हर कोई इसका लाभ उठा सके उसी तरह से महत्वपूर्ण संसाधन हैं जो आज हम आनंद लेते हैं।

 
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