25 August 2020

EPS 95 Latest News : सभी मंडल अध्यक्ष / मंडल सचिव / मंडलीय पदाधिकारी धयान दे Today EPS-95 News


Source : Pradeep Kumar Sriwastav (Facebook)

 राष्ट्रीय संघर्ष समिति उत्तरप्रदेश 

सभी मंडल अध्यक्ष / मंडल सचिव / मंडलीय पदाधिकारी 

सभी से अनुरोध है की कोरोना संकट कॉल में अगले आदेश तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा मासिक बैठक पर रोक लगायी गयी है !

पर कुछ बिंदुओं पर में आपका ध्यान आकृष्ट कराना आवश्यक है ! 

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👏 सदस्यता बनाने की प्रकिया आप शुरू करें फ़ोन से कॉन्टेक्ट कर के !जिससे संगठन को मजबूती प्रदान की जा सके !

👏एक रजिस्टर पर आप बनाये जिस पर सदस्य का नाम, फ़ोन न, किस बिभाग से है, उनका पता, कब सेवानिवृत हुए, प्राप्त पेंशन की धनराशि, उम्र  सदस्यता शुल्क 

👏सभी जिला अध्यक्ष / जिला सचिव एवं पदाधिकारियों को निर्देश दें की रजिस्टर बनाये ! इस प्रक्रिया को आप को आप नवम्बर तक पूरा करें !


24 August 2020

How to Get Increased EPS 95 Pension ? EPS-95 Pensioners Idea, EPS95 Latest News

Post Suggestion by EPS 95 Pensioners :

Is Anybody of our representative within the parliament feeling responsibility in dealing public problems?

I do know all the NAC members submitted their grievances regarding hike of pension, to wake up the notice of parliament during previous parliament sessions. But, What number MPs really considered seriously , this pension problem within the parliament, ? 

Hardly 2 to 3 To my knowledge NAC members from Andhra Pradesh submitted representations to any or all the MPs (25) region wise. But no MP raised this issue within the parliament. All are taking care of their personal issues rather than public problems ie our pension. So how can it's solved without cooperation of our representatives?


23 August 2020

Supreme Court Extends Time for Lawyers to Furnish Consent of all Parties to Appear for Physical Hearing

 


The deadline for giving consent was fixed for August 22 earlier. However, after a request from the SCBA and SCAORA, this deadline now stands extended to 10 AM on August 28.

The Supreme Court has extended the closing date for lawyers and parties in-person to furnish consent for appearing in physical hearings within the Supreme Court till August 28.The deadline for providing this consent earlier stood till Saturday, 22nd August 2020. 

Pension Survey : सभी ईपीएस'95 पेंशनर्स के सामान्य हित में InThe Interest of all EPS’95 Pensioners

 


** धयान दे ! ये विनम्र अपील / अनुरोध हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओँ में है।  पहले आप हिंदी में और निचे इंग्लिश में पढने को मिलेगा। 

** Attention Everyone this Message is available  in Both the Languages  Hindi & English ,First you will get it in Hindi and then in English .

22 August 2020

24672 number of Cases Pension on higher salary has been settled by EPFO

 


Source : Parveen Kohli's SEVA GROUP 

Region wise/Zone wise detail of the 24672 number of cases wherein pension on higher salary has been settled by EPFO as on 17.01.2020 in compliance of EPFO Head Office Circular dt. 23.3.2017.

Text of Application

Relates to EPFO Head Office, PENSION DIVISION ONLY Please provide me certified copies of the following documents. Detail of pages be also kindly indicated in the forwarding letter .

1. Copy of the file no. Pension-I/12/33/EPS Amendment/96/Vol.II (Noting pages as well as correspondence pages) for the period 1.1.2019 onwards till the date of supply of information to me .
2.Copy of the file no. Pension-I/12/33/EPS Amendment/96/Vol.II/Pt. (Noting pages as well as correspondence pages) for the period 1.1.2019 onwards till the date of supply of information to me.

जनसंख्या नियंत्रण कानून सितम्बर 2020 में पास हो सकता है बिल !

 

राम जन्म भूमि,धरा 370 और कए जरूरी बिल पास हो जाने के बाद अब ऐसा लग रहा है।  आने वाले सितम्बर में जनसंख्या नियंत्रण कानून पास होने की पुरे सम्भवना है।  इसके लिए तैयारियां काफी समय से चल रहा है।  साल 2000  में घठित वेंकटचलैया कमीशन ने दो साल तक संविधान की समीक्षा के बाद संविधान में अनुच्छेद 47 जोड़ने और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था। जनसंख्या नियंत्रण के लिए श्रीअटल बिहारी सरकार की ओर से 2000 में गठित वेंकटचलैया आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की सिफारिश कर दी थ।

21 August 2020

विश्वविद्यालय को सुप्रीम कोर्ट का धमाकेदार आदेश ,इस तारीख तक पूरा करे सारे परीक्षा Final Year Exam


कोविद -19 के साथ विश्व जूझ रहा है, इसलिए भारत के छात्र इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा जारी किए गए 6 जुलाई की अधिसूचना के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में लेकर रहे हैं, जो विश्वविद्यालयों को सितंबर के अंत तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के लिए बाध्य कर रहे हैं।

अब प्राइवेट कंपनियों में काम करने वालो को मिलेगा दिसंबर तक Work From Home


जब भारत में कोरोना अपनी चोटी पर लगता है, तो भारत सरकार ने आईटी और बीपीओ कर्मचारियों के लिए एक जरूरी दिशा निर्देश जारी किया  इस बिंदु पर सुरक्षा आवश्यक है।

सरकार ने कहा कि यह आईटी और बीपीओ कंपनियों के लिए घर से काम करने के लिए कनेक्टिविटी मानदंड बढ़ा रही है।

DoT ने COVID-19 की बदौलत जारी चिंता के उद्देश्य से काम को सुविधाजनक बनाने के लिए नए साल की पूर्व संध्या, 2020 तक अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए नियमों और शर्तों में छूट को और बढ़ा दिया है।

Delhi High Court EPFO vs NTPC Limited and ORS

 


EMPLOYEE PROVIDENT FUND ORGANISATION AND ORS.

Friends , This was the judgment by Delhi High Court on ORDER dated 2.3.2020
I am sharing on high demand of Viewers here.

ORDER :
1. Mr. Mohan has made part submissions on behalf of respondentEPFO. One of the primary contentions raised by Mr. Mohan is that even the employer i.e. NTPC Limited did not make contributions to the provident fund on the petitioner’s actual salary and therefore, no adjustment of the same could be made with the amount which was required to be remitted to the pension fund for claim of pension on the actual salary.

20 August 2020

मद्रास हाईकोर्ट (मदुरै बेंच) का बहुत अच्छा निर्णय ,EPFO vs R.C. Gupta's Case

 


मद्रास हाईकोर्ट (मदुरै बेंच) का बहुत अच्छा निर्णय .

इस निर्णय में, कोर्ट ने बहुत स्पष्ट रूप से आदेश दिया है कि आरसी गुप्ता मामला वर्गाकार रूप से लागू है और सुप्रीम कोर्ट में कुछ अन्य लंबित मामलों (एसएलपी 16721/2019) का हवाला देने वाले ईपीएफओ वकील का विवाद स्वीकार्य नहीं है । यह ईपीएफओ के लिए कम से कम अब जागने के लिए आंख खोलने वाला निर्णय होगा और आर / ओ में सभी लंबित दावों को निपटाने के लिए कम से कम इसी तरह गैर-छूट वाले प्रतिष्ठानों से पेंशनरों को रखा गया है जो 01-09-2014 से पहले 58 साल की उम्र प्राप्त हुई थी ।

A very Good Judgment of Madras High Court (Madurai Bench)

 


A very good judgment of Madras High Court (Madurai Bench) dated 12.08.2020.
In this judgment, the Court has very clearly ordered that RC Gupta case is squarely applicable and the EPFO advocate's contention citing some other pending cases (SLP 16721/2019) in Supreme Court is not acceptable. This will be an eye-opener Judgment for EPFO to wake up atleast now and to settle all pending claims in r/o atleast similarly placed pensioners from un-exempted establishments who attained the age of 58 prior to 01-09-2014

EPS 95 सदस्यों ने आगे की आंदोलन पर कुछ सुझाव साझा किये,आइये जानते है

 


दोस्तों ! सुझाओ तो बहुत है कुछ को हमने यह शामिल किया है। आप इन्हे पढ़िए और शेयर करे।

 पेंशनर्स (डीडी शर्मा जी ) : मेरे विचार में हेमा जी के जरिये एक बार फिर से माननीय प्रधान मन्त्री जी को मिला जाये । अन्यथा जंतर मंतर पर धरना संसद सत्र के समय किया जाए व मीडिया से सम्पर्क करके आवाज उठानी चाहिए ।

पेंशनर्स  (टी क मजूमदार जी ) : All state BODY meet one place & STATE PRESIDENT call every pensioner to discuss with problem & give suggestion  to President it is better  introduction  to each other.

पेंशनर्स (बसवराज जी) : 7500 +DA, और मेडीकल देना, नहीतो सोयम इछासे मरनेको इजाजत मंगना Pradanmantri office के सामने उपासा अंदोलन चालू करना भूके मरनेसेबी वंही मरना भेतर होगा MA,  pradhanmantri shree Narendr. D Modiji  ka Atmako shanti milega  नमस्कार .

पेंशनर्स ( पन्ना जी) :आदरणीय अध्यक्ष महोदय ईपीएस संशोधन आन्दोलन की सफलता के लिये मेरे जैसे अज्ञानी एवं नासमझ n a c सी के एक से बच कर एक परम अनुभवी नेतृत्व क्षमता वाले बुद्धिजनोँ को सलाह देना उनका उपहास उगाने जैसा है। जिस नेतृत्व ने पूरे देश के गाँव गाँव के उपवास पेँशनरोँ को एक माला मे पिरो कर एक अति दुरूह कार्य को सँभव किया है उसे सलाह देना क्या उचित होगा।  फिर भी विचार विमर्श के दौरान मात्र अपने विचार प्रस्तुत करना अनुचित की श्रेणी में नही आता।  अतः मैं पन्ना जी श्रीवास्तव ईपीएस पेँशनर एवं n a c का सिपाही अपने अल्प ज्ञान से अपनी स्वार्थ पूर्ति अर्थात ईपीएस संशोधन हेतु विचार प्रस्तुत कर रहा हूँ।  हम मात्र हेमा जी से ही अपेक्षा क्योँकरे।  यदि उन्हें भी टाल मटोल का शिकार बनाया गया तो फिर क्या होगा। हमारे इतने सारे सांसद क्या मात्र दिखाने के लिये हैं।  उनका हमारी समस्या को सुलझाना फर्क नही बनता। क्या ऐसा करना उनका हम पर उपकार होगा।  हम सभी को चाहिए कि अपने क्षेत्र के प्रत्येक सांसद को हेमा जी का उदाहरण दे कर मजबूर करे कि वह भी प्रधान मंत्री से हमारी समस्या के निदान के लिये सम्पर्क करे। साथ ही हम सब भी नकारात्मक एवं निष्क्रीय पेँशनरोँ को सक्रीय करने का सार्थक प्रयास करे। यह कैसीविडम्बना हैकिहमारे आन्दोलन का शीर्ष नेतृत्व किसी से धन नही माँग रहा है अरे धन तो वो अपना लगा रहा है हमारा नेतृत्व हम सभी  से मात्र हमारा तन और मन माँग रहा है पर हम इतने अधिक स्वार्थी तथा निकृष्ट हो गये हैं कि हम उसे भी देने को तैयार नही है बस मुँह बाये फल की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह कितने शर्म की बात है।  अन्त मे मेरा यही विचार है तथा जिसे मै कर रहा हूँ कि हम अपने क्षेत्र के साँसदोँ को विवश करे कि वे भी सक्रियता से पहल ही न करे वरन प्रयास रत रहे तथा हम भी पूर्ण सक्रीय होकर उनसे पल पल की सूचना निसंकोच प्राप्त करते रहे।  अन्त मेंँ ईपीएस 95 पेँशनर एकता अमर रहे।  हमारा शीर्ष नेतृत्व जिन्दाबाद।  पन्ना जी श्रीवास्तव प्रान्तीय कोआर्डिनेटर पूर्वी क्षेत्र प्रयाग राज।

पेंशनर्स (उमेश जी ) : सर , आंदोलन अब बार बार न ही एकही बार पुरे जोश के साथ ६५ लाख pensionar मे से कमसे कम १० टक्का भी एक साथ जमा हुये तो भी आंदोलन सक्सेस होता हैं हम तैयार हैं .

पेंशनर्स (सुदर्शन जी ) :व्यक्तिगत तौर पे मुझे लगता है माननीय कमांडर अशोक राउत सर और माननीय श्रीमती हेमामालिनीजी मैडम आप दोनों ख़ास तौर पे पी.एम.ओ में मोदीजी से एक और मीटिंग आयोजित करवाले तो माननीय श्रम मंत्री संतोष गंगवारजी आप ४ जन स्पष्ट रूप से वार्तालाप करोगे तो निर्णय अतिशीघ्र लग जाएगा.

अगर प्लेन्स बंद है तो भी सरकार माननीय कमांडर अशोक राउत सर और माननीय श्रीमती हेमा मालिनीजी मैडम के लिए ख़ास प्लेन का बन्दोबस्त करे. क्योंकि मोदीजी ने आदेश दिए थे प्राथमिकता का जिक्र भी किया पर अभी तक परिणाम शून्य है तो यह उन्ही की जुम्मेवारी बनती है इस मसले को अभी तो प्राथमिकता दी जाए. नोटबंदी केवल मात्र ४ घंटो में हो सकती है, पुरे देश में लॉकडाउन केवल मात्र ४ घंटो में हो सकता है तो फिर गरीब पेंशनर्स को इतना क्यूँ तरसाया जा रहा है??

और कितने आंदोलन सरकार चाहती है? 

कितने पेंशनर्स परलोग चल दिए?

कितने पेंशनर्स घर से बाहर तक निकल नही सकते?

और नैक कमिटी का इतना बड़ा संघर्ष सरकार को कोई मायने नही रखता?

अगर सरकार की इच्छाशक्ति नही है तो साफ़ के क्योंकि लोगों को आझादी में भी शोषण से गुजरना पड़ रहा है इसका मतलब सरकार का अपने जनता से कोई नाता नही.

 
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